Agri Tips For Tomato Farming: आजकल खेती में पुराने तरीकों से हटकर नई तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है। सरकार भी किसानों को नई राह दिखाने में लगी है। इसी कड़ी में पूसा के तकनीक अधिकारी डॉ. लोकेंद्र सिंह ने टमाटर के कुछ खास बीज तैयार किए हैं। इन बीजों से ऐसी फसल उगती है, जिसे एक साल की फसल कहते हैं। अगर इसे एक बार खेत में लगा दिया जाए, तो चार-पाँच महीने तक इतना टमाटर निकलेगा कि कमाई के दरवाजे खुल जाएँगे। गाँव के किसान भाइयों के लिए ये किसी बड़े मौके से कम नहीं है। बस इसके लिए थोड़ी समझदारी और सही तरीके से खेती करनी होगी।
पूसा से लें बीज, शुरू करें नई शुरुआत
इन खास बीजों को लेने के लिए देश का कोई भी किसान पूसा के संरक्षित कृषि प्रौद्योगिकी केंद्र से संपर्क कर सकता है। डॉ. लोकेंद्र सिंह ने टमाटर की कई वैरायटी तैयार की हैं, जैसे एच-597, पूसा प्रसंस्कृत, पूसा कॉकटेल, पूसा चेरी, हाइब्रिड-1 और पूसा न्यूट्री पैकनसमेट। हर वैरायटी का अपना खास मकसद है, कोई सलाद के लिए तो कोई दूसरी जरूरतों के लिए। लेकिन इन सबके लिए खुला खेत काम नहीं करेगा। इसके लिए जीरो एनर्जी पॉलीहाउस बनाना पड़ेगा। खुले में ये फसल उतनी अच्छी नहीं होगी, क्योंकि उत्पादन कम हो सकता है। पॉलीहाउस में सही देखभाल के साथ ये टमाटर खूब फलते हैं।
सही मौसम में लगाएँ, भरपूर फल पाएँ
डॉ. लोकेंद्र सिंह बताते हैं कि इन बीजों को जून-जुलाई में लगाना सबसे अच्छा रहता है। अगस्त में पौधों को खेत में ट्रांसप्लांट कर दें। फिर दिसंबर से फल आने शुरू होंगे और मई के मध्य तक चलेंगे। यानी 8-9 महीने की फसल और चार-पाँच महीने तक फल। गाँव में जब फसल लंबे वक्त तक फल देती है, तो किसानों की जेब भी भरती है। ये टमाटर न सिर्फ ज्यादा पैदा होते हैं, बल्कि दिखने में भी इतने सुंदर होते हैं कि मंडी से लेकर बड़े शोरूम तक हर जगह इन्हें हाथों-हाथ लिया जाता है। अच्छी कमाई का मौका यही है।
पॉलीहाउस में कैसे तैयार करें फसल
पॉलीहाउस में इस फसल को तैयार करने का तरीका भी आसान है। पहले 30-35 दिन की नर्सरी तैयार करनी होती है। इसके बाद 90-100 दिन में फल आने लगते हैं। डॉ. लोकेंद्र कहते हैं कि ये टमाटर मार्केट में बाकी टमाटरों से अलग होते हैं। न उपज में इनका कोई मुकाबला है, न क्वालिटी में। इसे ऊँचे दाम वाला टमाटर कहते हैं। पूसा में ऐसी सब्जियाँ उगाई जाती हैं, जो किसानों को ज्यादा मुनाफा दें। इस टमाटर में कीट और बीमारियाँ भी कम लगती हैं। गाँव के किसानों के लिए ये सुनहरा मौका है कि अपनी मेहनत को दोगुना फायदा दें।
क्यों खास है ये टमाटर
ये टमाटर सिर्फ पैदावार देने में ही नहीं, बल्कि मुनाफे में भी आगे हैं। मंडी में आम टमाटर से इसका भाव ज्यादा मिलता है। साथ ही, बड़े शहरों के शोरूम और होटल वाले भी इसे पसंद करते हैं। इसकी खेती से न सिर्फ घर का खर्च निकलेगा, बल्कि कुछ बचत भी हो सकती है। गाँव में लोग कहते हैं कि अच्छी फसल वही, जो मेहनत का पूरा दाम दे। पॉलीहाउस में थोड़ी मेहनत और सही देखभाल से ये टमाटर आपकी उम्मीदों से ज्यादा दे सकता है।
किसानों के लिए सलाह
अगर आप इस टमाटर की खेती शुरू करना चाहते हैं, तो पहले पूसा से बीज लें और पॉलीहाउस तैयार करें। जून-जुलाई में नर्सरी शुरू करें, ताकि अगस्त में पौधे लग सकें। फसल की देखभाल में पानी, खाद और कीटों से बचाव का ध्यान रखें। जब फल आएँ, तो मंडी के साथ-साथ आसपास के बड़े दुकानदारों से भी संपर्क करें। इस फसल से न सिर्फ कमाई होगी, बल्कि गाँव में नई तकनीक की मिसाल भी बनेगी।
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