नागौरी मैथी की खेती बदल देगी आपकी किस्मत, कम पानी में 15 क्विंटल उपज, कीमत 6000 रुपये/क्विंटल

Nagauri Methi ki Kheti: मथानिया की सूखी लाल मिर्च की तरह ही नागौरी मैथी भी अपनी सुगंध, स्वाद और औषधीय गुणों के लिए देश-विदेश में मशहूर है। अब राजस्थान के किसान पारंपरिक मिर्च के साथ धनिया, पुदीना और नागौरी मैथी जैसी मसाला फसलों की ओर बढ़ रहे हैं। गिरते भूजल स्तर को देखते हुए कम पानी वाली फसलों का रुझान बढ़ा है, और नागौरी मैथी इसमें सबसे आगे है।

अक्टूबर में बुवाई और 120-130 दिनों में तैयार ये फसल किसानों के लिए सोने की खान बन रही है। बाजार में इसकी सूखी मैथी 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिकती है, और प्रति हेक्टेयर 15 क्विंटल तक उपज देती है। गाँव में लोग कहते हैं कि कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल हर किसान की चाहत होती है। आइए, इसके बारे में देसी अंदाज़ में समझते हैं।

नागौरी मैथी की खासियत- Nagauri Methi ki Kheti

नागौरी मैथी अपनी तीखी सुगंध और अनोखे स्वाद के लिए जानी जाती है। ये कसूरी मैथी के नाम से बाजार में धूम मचाती है। ठंडे मौसम में पनपने वाली ये फसल हल्के पाले को भी झेल लेती है। अक्टूबर में बुवाई के बाद इसकी सात-आठ बार कटाई होती है। हर 15-20 दिन में हल्की सिंचाई काफी है, यानी कुल पाँच बार पानी देना होता है। कम पानी में अच्छी पैदावार देने की वजह से ये फसल किसानों के लिए वरदान है। ये मैथी औषधीय गुणों से भी भरपूर है, जिससे इसकी माँग हमेशा बनी रहती है।

खेत की तैयारी और बुवाई का तरीका

नागौरी मैथी की खेती (Nagauri Methi ki Kheti) के लिए खेत को मिट्टी पलटने वाले हल से जोतें। फिर डिस्क हैरो से भुरभुरा करें। 5-6 टन गोबर की सड़ी खाद प्रति हेक्टेयर डालें। बीज को 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम प्रति किलो से उपचारित करें, ताकि फफूंद न लगे। अक्टूबर में बुवाई शुरू करें। 25-30 किलो बीज प्रति हेक्टेयर को 30 सेमी की दूरी पर कतारों में बोएँ। बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करें। ठंड शुरू होते ही ये तेजी से बढ़ती है और 120-130 दिनों में तैयार हो जाती है।

कटाई और सुखाने का आसान तरीका

मैथी की कटाई सात-आठ बार होती है। पहली कटाई 30-40 दिन बाद शुरू करें। हर बार काटने के बाद इसे ग्रीन नेट पर सुखाएँ। सूखने के बाद इसे नागौर मंडी में बेचने के लिए भेजें। सूखी मैथी की कीमत 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिलती है। प्रति हेक्टेयर 15 क्विंटल उपज से 90,000 रुपये तक की कमाई हो सकती है। लागत 20-25 हजार रुपये के आसपास आती है। ये तरीका आसान और फायदेमंद है।

कम पानी, ज्यादा मुनाफा

नागौरी मैथी की खेती (Nagauri Methi ki Kheti) में पानी की जरूरत बहुत कम होती है। पाँच हल्की सिंचाइयाँ ही काफी हैं, जो 15-20 दिन के अंतर पर दी जाती हैं। ये फसल ठंड में अच्छी बढ़त लेती है और हल्के पाले को भी सह लेती है। गिरते भूजल स्तर वाले इलाकों में ये किसानों के लिए बड़ी राहत है। जीरा, सरसों और धनिया के साथ अब मैथी भी बड़ी फसल बन रही है। गाँव में लोग कहते हैं कि कम पानी में ज्यादा फायदा देने वाली फसल हर किसान की जेब का साथी है।

बंपर कमाई का मौका

नागौरी मैथी से प्रति हेक्टेयर 15 क्विंटल तक उपज मिलती है। 6000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से एक हेक्टेयर से 90,000 रुपये तक की कमाई हो सकती है। एक एकड़ में 6-7 क्विंटल उपज और 36,000-42,000 रुपये तक मुनाफा संभव है। लागत कम और दाम अच्छे होने से ये फसल किसानों की पसंद बन रही है। ये फसल मेहनत का पूरा फल देती है।

ये भी पढ़ें- आम की पैदावार होगी चौगुनी! मार्च में डालें यह 30 पैसे की चमत्कारी दवा, अप्रैल में दिखेंगे सिर्फ फल ही फल

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment