Poultry With Fish Farming: किसान भाइयों, मेहनत का फल तब और बढ़िया लगता है जब एक खर्च से दोगुना मुनाफा मिले। मुर्गी और मछली पालन को एक साथ करने का तरीका ऐसा ही है। ऊपर मुर्गियाँ अंडे और मांस देती हैं, नीचे तालाब में मछलियाँ बढ़ती हैं। ये पुराना देसी ढंग है, जो अब बड़े जानकार भी मानते हैं। मार्च का महीना चल रहा है, और ये शुरू करने का सही वक्त है। कम लागत में दो तरफ से कमाई का ये शानदार रास्ता आपके लिए तैयार है। तो चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि इसे कैसे करना है और फायदा कैसे उठाना है।
एक तालाब से दो धंधे का आसान तरीका
इसके लिए आपको एक तालाब चाहिए, जिसमें मछली पालन हो सके। तालाब के ऊपर बाँस या लकड़ी का ढाँचा बनाइए और उस पर मुर्गियों को रखिए। मुर्गियों की बीट नीचे पानी में गिरती है, जो मछलियों के लिए खुराक बनती है। इससे मछलियों के चारे का खर्च आधा बच जाता है। इसे एकीकृत खेती कहते हैं। तालाब 5-6 फीट गहरा हो और ढाँचा मजबूत बनाइए, ताकि 50-100 मुर्गियाँ आराम से रह सकें। एक ही जगह से दो फसलें तैयार होंगी, और पैसा कम लगेगा।
सही नस्ल और देखभाल का देसी नुस्खा
मुर्गियों के लिए लेयर नस्ल लीजिए, जैसे रोड आइलैंड रेड या देसी संकर, जो ढेर सारे अंडे दें। मछलियों में रोहू, कतला या तिलापिया सही हैं, जो जल्दी बढ़ती हैं। मुर्गियों को रोज अनाज, सब्जियों के छिलके और गोबर का घोल खिलाइए। मछलियों को अलग से चारा कम दीजिए, क्यूँकि मुर्गियों की बीट से उनका पेट भर जाता है। तालाब में नीम का पानी छिड़किए, ये मछलियों को बीमारी से बचाता है। मुर्गियों को रानीखेत का टीका हर 6 महीने में लगवाइए। इससे दोनों की सेहत ठीक रहेगी और पैदावार बढ़िया होगी।
खर्च कम, फायदा ज्यादा
इस तरीके में खर्च एक बार लगता है। तालाब बनाने और ढाँचा तैयार करने में 50-70 हज़ार रुपये लगेंगे। 50 मुर्गियों के चूजे 5-7 हज़ार में और मछलियों के 5,000 बच्चे 3-4 हज़ार में मिल जाएँगे। चारा और देखभाल का खर्च साल में 20-25 हज़ार तक आएगा। मुर्गियों की बीट से मछलियों का खाना बनता है, तो चारे का पैसा बच जाता है। नीम और गोबर सस्ते हैं और काम अच्छा करते हैं। एक खर्च में दो धंधे चलते हैं, और जेब पर बोझ नहीं पड़ता।
डबल मुनाफे का सीधा हिसाब
6 महीने बाद मुर्गियाँ अंडे देने लगती हैं। 50 मुर्गियों से साल में 6-7 हज़ार अंडे मिल सकते हैं। एक अंडा 10-12 रुपये का बिके तो 70-80 हज़ार रुपये की कमाई होगी। मछलियाँ 8-10 महीने में तैयार होती हैं, और 5,000 बच्चों से 2-3 टन मछली निकलती है। 150-200 रुपये किलो के हिसाब से 3-4 लाख रुपये मिलते हैं। कुल मिलाकर साल में 4-5 लाख की कमाई हो सकती है, और लागत सिर्फ 1-1.5 लाख लगती है। ये डबल फायदे का शानदार ढंग है।
हमारे लिए क्यों बढ़िया
ये तरीका कम जगह में ज्यादा फायदा देता है। मार्च में शुरू करें तो साल खत्म होने से पहले कमाई शुरू हो जाएगी। अंडे घर में इस्तेमाल होंगे और मछली बाजार में अच्छा दाम लाएगी। सरकार भी सब्सिडी दे रही है। तो किसान भाइयों, मुर्गी और मछली पालन एक साथ शुरू करें। एक लागत में डबल मुनाफा कमाइए और घर में खुशहाली लाइए। मेहनत का फल दोगुना मिलेगा!
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