ह्यूमस से मिट्टी को बनायें तंदरुस्त, जाने तरीका फसल की पैदावार हो जाएगी चौगुना

भाइयों, हमारे यहाँ खेत की मिट्टी को तंदुरुस्त रखना बड़ी बात है, और ह्यूमस इसी का आधार है। ह्यूमस वो काला, नम और चिकना पदार्थ है, जो मिट्टी में सड़े हुए पत्तों, गोबर और जैविक चीज़ों से बनता है। ये मिट्टी का दिल है, जो फसलों को पोषण देता है, पानी रोकता है और जड़ों को मजबूत करता है। अगर खेत में ह्यूमस कम हो, तो फसल कमजोर पड़ती है। मार्च का महीना चल रहा है, और अब इसे बढ़ाने की तैयारी का सही वक्त है। आइए, अपनी सहज भाषा में समझें कि ह्यूमस क्या है और खेतों में इसे कैसे बढ़ाएँ।

ह्यूमस का मतलब और मिट्टी के लिए फायदा 

ह्यूमस मिट्टी का वो हिस्सा है, जो पौधों के बचे हुए हिस्सों, गोबर और केंचुओं की मेहनत से तैयार होता है। ये मिट्टी को काला और भुरभुरा बनाता है। अपने इलाके में अगर मिट्टी सख्त या रेतीली हो, तो ह्यूमस उसे नम और उपजाऊ बनाता है। ये पानी को स्पंज की तरह सोखता है, जिससे सूखे में भी फसल को नमी मिलती है। इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं, जो फसलों को ताकत देते हैं। ह्यूमस मिट्टी को हवा देता है और कीटों से भी बचाता है। ये मिट्टी की जान है, जिसे बढ़ाकर फसल लहलहाई जा सकती है।

गोबर और खाद से ह्यूमस बढ़ाने का तरीका

ह्यूमस बढ़ाने का सबसे आसान तरीका है गोबर की सड़ी खाद। खेतों में प्रति बीघा 5-7 टन गोबर की खाद डालें। इसे मार्च में खेत में बिखेरकर हल्की जुताई करें, ताकि मिट्टी में मिल जाए। अगर वर्मीकम्पोस्ट हो, तो 2-3 टन डालें—ये केंचुओं से बना होता है और ह्यूमस को जल्दी बढ़ाता है। गोबर को सड़ाने के लिए इसे 2-3 महीने पहले ढेर में रखें और पानी छिड़कें। हमारे यहाँ ये तरीका पुराना है, लेकिन असरदार है। इससे मिट्टी काली और नम हो जाती है, और फसलों की जड़ें गहरी पकड़ती हैं।

फसल अवशेष और हरी खाद का देसी जुगाड़

फसल कटने के बाद जो डंठल, पत्तियाँ या भूसा बचता है, उसे खेत में ही छोड़ दें। अपने आसपास धान, गेहूँ या मक्का के अवशेष को मिट्टी में दबाएँ। ये धीरे-धीरे सड़कर ह्यूमस बनाते हैं। हरी खाद भी बढ़िया उपाय है। मार्च में मूँग, उड़द या ढैंचा बो दें, और 40-50 दिन बाद फूल आने पर इसे जोतकर मिट्टी में मिला दें। ढैंचा तेजी से बढ़ता है और नाइट्रोजन बढ़ाता है। नीम की सूखी पत्तियाँ भी डाल सकते हैं, ये ह्यूमस के साथ कीटों को भी भगाती हैं। ऐसा करने से मिट्टी में जैविक पदार्थ बढ़ते हैं और ह्यूमस की मात्रा चमकती है।

फायदा और पैदावार का सीधा हिसाब

ह्यूमस बढ़ने से मिट्टी की ताकत दोगुनी हो सकती है। एक बीघा में गोबर और हरी खाद से ह्यूमस 2-3% तक बढ़ जाता है। इससे फसल की पैदावार 15-20% ज्यादा हो सकती है। मक्का या धान में 4-5 क्विंटल अतिरिक्त पैदावार मिल सकती है, यानी 8-10 हज़ार रुपये का फायदा। गोबर और हरी खाद का खर्च 1-2 हज़ार रुपये पड़ता है। खेतों में पानी और रसायन की जरूरत भी कम होती है। हमारे यहाँ ये तरीका मिट्टी को सालों तक उपजाऊ रखता है, और फसलें लहलहाती हैं। ये मेहनत का शुद्ध फल देता है।

ह्यूमस से खेत को नई ज़िंदगी दें

अपने इलाके में ह्यूमस बढ़ाना इसलिए जरूरी है, क्यूँकि ये मिट्टी को जीवंत बनाता है। मार्च में शुरू करें, तो मानसून की फसलों को पूरा फायदा मिलेगा। ये रसायनों से दूर रखता है और खेती को सस्ता बनाता है। तो भाइयों, ह्यूमस को बढ़ाएँ, गोबर और हरी खाद का जुगाड़ करें और खेत को नई ज़िंदगी दें। मिट्टी खुश रहेगी, और मेहनत चमकेगी!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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