10 हजार रुपये कमाई होगी रोज, किसान भाई गन्ने की खेती के साथ लगाइए गुड़ का लघु उद्योग,

How do you make factory jaggery? : किसान भाइयों, हमारे यहाँ गन्ना एक ऐसी फसल है, जो खेतों को हरा रखती है और कमाई का बड़ा जरिया बन सकती है। गन्ने से गुड़ बनाने का लघु उद्योग शुरू करके किसान भाई अपनी मेहनत को दोगुना फायदा दे सकते हैं। अपने इलाके में इसे अप्रैल से तैयार करना शुरू करें, ताकि सर्दियों में उत्पादन चरम पर हो। यह उद्योग कम लागत में शुरू होता है और सालभर चल सकता है। आइए, अपनी सहज भाषा में समझें कि गन्ने से गुड़ का लघु उद्योग कैसे शुरू करें।

गन्ने से गुड़ : पुराना स्वाद, नया फायदा

हमारे यहाँ गुड़ को सेहत का खजाना माना जाता है। इसमें आयरन, कैल्शियम और प्राकृतिक मिठास होती है। अपने खेतों में गन्ने की फसल से गुड़ बनाकर बेचने से अच्छी कमाई हो सकती है। बाजार में गुड़ 40-60 रुपये किलो बिकता है, और एक छोटे कोल्हू से दिन में 2-3 क्विंटल गुड़ बन सकता है। हमारे यहाँ इसे मिठाई, चाय या सीधे खाने के लिए यूज़ करते हैं। यह लघु उद्योग न सिर्फ किसानों को फायदा देता है, बल्कि आसपास के लोगों को रोज़गार भी दे सकता है।

खेत से लघु उद्योग तक तैयारी का पहला कदम

अपने खेतों में गन्ने की फसल तैयार है, तो गुड़ बनाने की योजना अप्रैल से शुरू करें। इसके लिए 1,000-1,500 वर्ग फीट जगह चाहिए, जहाँ कोल्हू और सामान रख सकें। अपने आसपास टीन शेड बनाएँ, ताकि बारिश या धूप से बचाव हो। गन्ने को पेरने के लिए छोटा कोल्हू (10-15 हॉर्सपावर) लें, जिसकी कीमत 1-2 लाख रुपये होती है। मिट्टी को साफ रखें और गन्ने का ढेर लगाने की जगह बनाएँ। हमारे यहाँ यह तैयारी 2-3 लाख रुपये में हो जाती है। गन्ना अपने खेत से लें या पास के किसानों से खरीदें।

गुड़ बनाने की कला

गुड़ बनाने के लिए गन्ने को कोल्हू में पेरें। रस निकालकर बड़े कड़ाह में डालें और मध्यम आँच पर पकाएँ। अपने इलाके में साफ-सफाई के लिए जंगली भिन्डी का रस (1-2 लीटर प्रति 100 लीटर रस) डालें, यह गंदगी को ऊपर लाता है। रस को उबालते वक्त झाग हटाएँ और गाढ़ा होने तक पकाएँ। जब मिश्रण चिपचिपा हो जाए, उसे ठंडा करें और साँचे में ढालें। हमारे यहाँ यह प्रक्रिया 4-5 घंटे में पूरी होती है। दिन में 2-3 क्विंटल गुड़ आसानी से तैयार हो सकता है।

देखभाल और प्रबंधन

गुड़ की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें। अपने खेतों में कोल्हू को हर दिन धोएँ और कड़ाह को साफ रखें। गन्ने को कटाई के 24 घंटे के अंदर पेरें, वरना रस की मिठास कम हो सकती है। हमारे यहाँ तैयार गुड़ को सूखी और ठंडी जगह पर रखें, ताकि यह खराब न हो। छोटे पैकेट (250-500 ग्राम) बनाएँ, जिससे बिक्री आसान हो। किसान भाई इसे स्थानीय बाजार या दुकानों में बेच सकते हैं। गुणवत्ता अच्छी होगी, तो ग्राहक बार-बार आएँगे।

कमाई का हिसाब

एक छोटे कोल्हू से दिन में 2-3 क्विंटल गुड़ बन सकता है। 10-12 क्विंटल गन्ने से 2 क्विंटल गुड़ निकलता है। अपने आसपास गन्ना 2.5-3 रुपये किलो मिलता है, यानी 3,000-4,000 रुपये की लागत। गुड़ 40-60 रुपये किलो बिके, तो 8,000-12,000 रुपये की कमाई होती है। रोज़ का मुनाफा 4,000-8,000 रुपये हो सकता है। हमारे यहाँ शुरूआती खर्च (कोल्हू, शेड, बर्तन) 2-3 लाख रुपये है, जो 2-3 महीने में वसूल हो जाता है। सालभर चलाने के लिए गन्ने की आपूर्ति बनाए रखें।

किसानों की उन्नति: गुड़ से नई पहचान

अपने इलाके में गन्ने से गुड़ का लघु उद्योग शुरू करना इसलिए खास है, क्यूँकि यह किसानों को आत्मनिर्भर बनाता है। अप्रैल से तैयारी शुरू करें, तो सर्दियों में बिक्री चरम पर होगी। गाँव के लोग कहते हैं कि गन्ने की मिठास से जिंदगी मीठी होती है। तो भाइयों, इस लघु उद्योग को अपनाएँ, खेतों को फायदा दें और मेहनत का फल ढेर सारा पाएँ। यह तरीका आपकी मेहनत को नई ऊँचाई देगा!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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