आजकल गाँव में खेती-किसानी और पशुपालन दोनों ही आसान होते जा रहे हैं। इसका बड़ा कारण है आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल। पहले जहाँ किसानों और पशुपालकों को दिन-रात मेहनत करनी पड़ती थी, वहीं अब नई तकनीक वाली मशीनों ने उनकी मेहनत और वक्त दोनों बचा दिए हैं। खेती में तो मशीनों ने अपना पैर पसार ही लिया है, लेकिन डेयरी फार्मिंग भी इससे अछूती नहीं रही। अब पशुपालक दूध दुहने से लेकर चारा काटने तक मशीनों का सहारा ले रहे हैं। इन मशीनों से न सिर्फ काम आसान हुआ है, बल्कि लागत कम करके मुनाफा भी बढ़ा है। चलिए, जानते हैं कि कौन-सी हैं ये मशीनें, उनकी खासियत क्या है और कीमत कितनी पड़ती है।
दूध दुहने वाली मशीन
पशुपालकों के लिए दूध दुहने वाली मशीन किसी वरदान से कम नहीं। ये एक आधुनिक तकनीक वाला उपकरण है, जो पशुओं से दूध निकालने का काम आसान बनाता है। इस मशीन से पशुओं को तनाव नहीं होता और दूध की क्वालिटी भी बढ़िया रहती है। हाथ से दूध निकालने में घंटों लग जाते थे, लेकिन ये मशीन कुछ ही मिनटों में काम कर देती है।
इसमें एक मोटर और वैक्यूम पंप होता है, जो नली के जरिए पशु के थन से दूध खींचता है। गाँव में बड़े डेयरी फार्म वाले इसे खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी कीमत 50,000 रुपये से शुरू होकर 5 लाख रुपये तक जाती है, जो मशीन की क्षमता और ब्रांड पर निर्भर करती है। छोटे पशुपालक सस्ता मॉडल ले सकते हैं, और बड़े फार्म के लिए महँगा मॉडल फायदेमंद है।
चारा ग्राइंडर मशीन
पशुओं के लिए चारा तैयार करना भी अब पहले जितना मुश्किल नहीं रहा। फसल के डंठल या घास कई बार इतने लंबे होते हैं कि पशु इन्हें आसानी से नहीं खा पाते और बर्बाद हो जाते हैं। ऐसे में चारा ग्राइंडर मशीन बड़ा काम आती है। ये मशीन चारे को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटती या पीसती है, ताकि गाय-भैंस आसानी से खा सकें।
इसमें तेज ब्लेड लगे होते हैं, जो चारे को मनचाहे आकार में तैयार कर देते हैं। गाँव में पशुपालक इस मशीन से अनाज और हरे चारे को मिलाकर पौष्टिक चारा बना रहे हैं। इसकी खासियत ये है कि ये सस्ती और आसानी से चलने वाली है। कीमत की बात करें, तो ये 10,000 रुपये से शुरू होकर 50,000 रुपये तक जाती है। छोटे डेयरी फार्म वाले इसे आसानी से खरीद सकते हैं और चारे की बर्बादी रोककर पैसे बचा सकते हैं।
दूध पाश्चराइजर मशीन
डेयरी फार्मिंग में दूध को सीधे सप्लाई नहीं किया जाता, बल्कि उसे पाश्चराइज करना पड़ता है। इससे दूध में मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं और वो लंबे वक्त तक सुरक्षित रहता है। इसके लिए दूध पाश्चराइजर मशीन का इस्तेमाल होता है। इस मशीन में एक साथ ढेर सारा दूध डालकर उसे गर्म किया जाता है। फिर कुछ देर उसी तापमान पर रखने के बाद ठंडा कर लिया जाता है।
इसके बाद दूध को थैलियों में पैक करके स्टोर करना आसान हो जाता है। गाँव में बड़े पशुपालक इस मशीन से दूध को बाजार में बेचने लायक बना रहे हैं। इसकी कीमत 20,000 रुपये से शुरू होकर 90,000 रुपये तक है। छोटे फार्म के लिए सस्ता मॉडल और बड़े फार्म के लिए थोड़ा महँगा मॉडल ले सकते हैं। इससे दूध की क्वालिटी बढ़ती है और ग्राहकों को भरोसा भी रहता है।
पशुपालन में मशीनों का फायदा
इन मशीनों ने डेयरी फार्मिंग को न सिर्फ आसान बनाया है, बल्कि पशुपालकों की कमाई भी बढ़ाई है। दूध दुहने वाली मशीन से वक्त बचता है, चारा ग्राइंडर से चारे की बर्बादी रुकती है और पाश्चराइजर से दूध की कीमत बढ़ती है। गाँव में कई पशुपालक अब इन मशीनों को अपनाकर मेहनत कम कर रहे हैं और मुनाफा ज्यादा कमा रहे हैं। ये मशीनें छोटे से लेकर बड़े डेयरी फार्म तक के लिए फायदेमंद हैं। कीमत के हिसाब से भी ये हर तरह के पशुपालक की जेब में फिट बैठती हैं। तो भाइयों, अगर आप भी पशुपालन करते हैं, तो इन मशीनों को आजमाइए और अपनी मेहनत को दोगुना फल दीजिए।
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