रंगीन शिमला मिर्च की खेती से होगी मोटी कमाई, सरकार दे रही 50% सब्सिडी

Colourful Capsicum Farming : आजकल हमारे किसान भाई पुरानी खेती को छोड़कर बागवानी की ओर बढ़ रहे हैं, और रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती उनकी नई पसंद बन रही है। लाल, पीली, और नारंगी शिमला मिर्च न सिर्फ़ खेतों को रंग दे रही है, बल्कि किसानों की जेब भी भर रही है। हरियाणा के करनाल में उद्यान विभाग के सब्जी उत्कृष्ट केंद्र के मार्गदर्शन में किसान इस फसल से लाखों कमा रहे हैं।

इसकी मांग सालभर, खासकर शादी-विवाह के सीजन में, आसमान छूती है। स्थानीय बाजारों में यह 80-120 रुपये प्रति किलो बिकती है, और बड़े शहरों जैसे दिल्ली में 200-300 रुपये तक पहुंच जाती है। कम लागत और कम मेहनत में यह फसल मोटा मुनाफा देती है। अगर आप भी अपने खेत को मुनाफे का बाज़ार बनाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है।

पॉली हाउस

रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती में सबसे ज़रूरी है पॉली हाउस या नेट हाउस। खुले खेतों में यह फसल उतनी अच्छी पैदावार नहीं देती, जितनी पॉली हाउस में। पॉली हाउस में तापमान और नमी को नियंत्रित करके फसल को मौसम की मार और बीमारियों से बचाया जा सकता है। करनाल के विशेषज्ञ बताते हैं कि पॉली हाउस में फल बड़े, चमकदार, और ज़्यादा वज़नदार होते हैं, जो बाज़ार में अच्छी कीमत लाते हैं।

सरकार पॉली हाउस और पौधों पर 50% तक सब्सिडी दे रही है, जिससे छोटे किसान भी इस खेती को आसानी से शुरू कर सकते हैं। पॉली हाउस लगाने का शुरुआती खर्च 3-5 लाख रुपये हो सकता है, लेकिन यह एक बार का निवेश है, जो कई साल तक मुनाफा देता है।

Colourful Capsicum Farming
Colourful Capsicum Farming

बुवाई और खेत की तैयारी

रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती शुरू करने के लिए सबसे पहले पौधे तैयार करें। जुलाई के आखिरी हफ्ते या अगस्त की शुरुआत में बीजों को नर्सरी में बोएं। बीज किसी भरोसेमंद नर्सरी या उद्यान विभाग से लें। नर्सरी में बीजों को 2-3 सेंटीमीटर गहराई पर बोएं और हल्की नमी बनाए रखें। 25-30 दिन बाद, जब पौधे 10-15 सेंटीमीटर के हो जाएं, उन्हें पॉली हाउस में ट्रांसप्लांट करें।

एक एकड़ में 8,000-10,000 पौधे लगाए जा सकते हैं, हर पौधे के बीच 45-60 सेंटीमीटर की दूरी रखें। खेत में दोमट मिट्टी सबसे अच्छी है, जिसका पीएच 6-7 हो। बुवाई से पहले प्रति एकड़ 8-10 टन गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें। लाल और पीली शिमला मिर्च के पौधे बराबर अनुपात में लगाएं, क्योंकि ये जोड़े में बिकने पर ज़्यादा कीमत लाते हैं।

खाद और पानी का प्रबंधन

शिमला मिर्च की अच्छी पैदावार के लिए संतुलित खाद ज़रूरी है। प्रति एकड़ 50 किलो नाइट्रोजन, 30 किलो फॉस्फोरस, और 40 किलो पोटाश डालें। नाइट्रोजन को तीन हिस्सों में दें—बुवाई के समय, 20 दिन बाद, और फूल आने पर। जैविक खेती के लिए 5 टन गोबर की खाद और 2-3 किलो आज़ोटोबैक्टर का इस्तेमाल करें। मिट्टी में जस्ता या पोटैशियम की कमी हो, तो कृषि केंद्र से जाँच करवाएँ।

ड्रिप सिंचाई सबसे अच्छी है, जो पानी की 30% बचत करती है। गर्मियों में हर 4-5 दिन और सर्दियों में 7-8 दिन में हल्की सिंचाई करें। पानी जमा न होने दें, वरना जड़ सड़न का खतरा रहता है। खरपतवार से बचने के लिए बुवाई के 15-20 दिन बाद निराई-गुड़ाई करें।

ये भी पढ़ें- किसानों को मिलेगा मुफ्त तिलहन बीज मिनीकिट, इस वेबसाइट पर करें आवेदन, जानें अंतिम तारीख

कीट और रोगों से बचाव

रंग-बिरंगी शिमला मिर्च में कीट और रोगों का खतरा कम होता है, लेकिन सावधानी बरतना ज़रूरी है। थ्रिप्स और मकड़ी कीट परेशान कर सकते हैं। इनके लिए नीम तेल (3-4 मिली प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें। फफूंद रोगों से बचने के लिए बुवाई से पहले बीज को बाविस्टिन (2 ग्राम प्रति किलो बीज) से उपचारित करें। अगर पत्तियाँ पीली पड़ें, तो जैविक खाद या गोमूत्र का इस्तेमाल करें। पॉली हाउस में हवा का प्रवाह बनाए रखें, ताकि फफूंद न लगे। पीले चिपचिपे ट्रैप और लाइट ट्रैप कीटों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। किसी भी रोग के लक्षण दिखने पर नज़दीकी उद्यान विभाग से सलाह लें।

Colourful Capsicum Farming
Colourful Capsicum Farming

कटाई और भंडारण

रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की कटाई बुवाई के 60-70 दिन बाद शुरू हो जाती है। जब फल पूरी तरह रंग बदल लें (लाल, पीली, या नारंगी), तब उन्हें काटें। सुबह के समय कटाई करें और फलों को छायादार जगह पर रखें। एक पौधे से 1.5-3 किलो फल मिल सकते हैं, यानी एक एकड़ से 15,000-25,000 किलो तक पैदावार हो सकती है। कटाई के बाद फलों को 8-10 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर करें, ताकि उनकी ताज़गी बनी रहे। स्थानीय मंडियों और बड़े शहरों में बेचने के लिए अच्छे से पैक करें। शादी-विवाह के सीजन में बिक्री से ज़्यादा मुनाफा मिलता है।

ये भी पढ़ें- सोयाबीन फसल में झुलसा रोग और पीला मोजेक: जानिए इलाज और बचाव के कारगर उपाय

लागत और मुनाफा

पॉली हाउस में रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती का शुरुआती खर्च 3-5 लाख रुपये हो सकता है, लेकिन सरकार की 50% सब्सिडी से यह आधा हो जाता है। प्रति एकड़ पौधों, खाद, और सिंचाई का खर्च 50,000-70,000 रुपये आता है। एक एकड़ से 15,000-25,000 किलो फल मिलते हैं, जिन्हें 80-200 रुपये प्रति किलो बेचा जा सकता है। इससे 12-30 लाख रुपये की कमाई हो सकती है, यानी शुद्ध मुनाफा 10-25 लाख रुपये तक। शादी-विवाह के सीजन में कीमतें और बढ़ती हैं। फलों को सलाद, प्रोसेस्ड फ़ूड, या निर्यात के लिए बेचकर अतिरिक्त कमाई की जा सकती है।

किसानों के लिए जरूरी सलाह

रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की खेती शुरू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, पॉली हाउस की व्यवस्था करें, क्योंकि इसके बिना अच्छी पैदावार मुश्किल है। दूसरा, पौधे किसी भरोसेमंद नर्सरी या उद्यान विभाग के केंद्र से ही खरीदें। तीसरा, सरकार की सब्सिडी का फायदा जरूर लें, ताकि लागत कम हो। और सबसे जरूरी, फसल को सही समय पर तोड़कर बाजार में बेचें, खासकर शादियों के सीजन में। करनाल के सब्जी उत्कृष्ट केंद्र जैसे संसाधनों से समय-समय पर जानकारी लेते रहें। ये खेती आपके लिए न सिर्फ मुनाफा लाएगी, बल्कि आपके खेतों को भी नई रौनक देगी।

ये भी पढ़ें- किसानों के लिए वरदान बना रामदाना 2 बीघे में लागत सिर्फ 5 हजार, कमाई 1 लाख, ढाई महीने में होती है तैयार

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment