मेवे का खजाना, कीजिए इस ड्राई फ्रूट की खेती, कमाई होगी जबरदस्त एक बार लगाईये 50 साल कमाइए

किसान साथियों, हेजलनट एक ऐसा मेवा है, जो कम मेहनत में बड़ी कमाई का रास्ता खोलता है। इसका वैज्ञानिक नाम कोरिलस एवेलाना है, और ये स्वाद, सेहत दोनों के लिए मशहूर है। चॉकलेट, मिठाई, बेकरी में इसकी डिमांड बढ़ रही है, और बाजार में 800-1000 रुपये किलो तक बिकता है। ये पेड़ सूखा सहन कर लेता है, और एक बार लग जाए, तो 40-50 साल तक फायदा देता है। भारत में ठंडे इलाकों में इसकी खेती शुरू हो रही है, तो चलिए, जानते हैं कि हेजलनट की खेती कैसे करें, और इससे जबरदस्त कमाई कैसे होगी।

जलवायु और मिट्टी की तैयारी

हेजलनट ठंडी जलवायु पसंद करता है, 15-25 डिग्री तापमान इसके लिए सही है। भारत में हिमाचल, कश्मीर, उत्तराखंड, सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाके इसके लिए बेस्ट हैं। गर्मी ज्यादा हो, तो पेड़ कमजोर पड़ सकता है। मिट्टी हल्की, दोमट या रेतीली होनी चाहिए, पानी की अच्छी निकासी जरूरी है। खेत की दो-तीन बार जुताई करें, मिट्टी भुरभुरी बनाएँ। प्रति एकड़ 5-6 टन गोबर की खाद डालें, थोड़ा सुपर फॉस्फेट (20-25 किलो) मिलाएँ। मिट्टी का पीएच 6-7 के बीच हो, तो पैदावार शानदार होगी।

पौधे और रोपण का तरीका

हेजलनट के पौधे नर्सरी से लें, या बीज से उगाएँ। अच्छी किस्में जैसे टोंडा जेंटाइल, बार्सिलोना चुनें, ये ज्यादा फल देती हैं। पौधे नजदीकी कृषि केंद्र, हॉर्टिकल्चर विभाग या ऑनलाइन इंडिया मार्ट से मिल सकते हैं, कीमत 200-300 रुपये प्रति पौधा है। जुलाई-अगस्त में रोपण करें, खेत में 5×5 मीटर की दूरी पर गड्ढे खोदें। गड्ढे 2 फीट गहरे, चौड़े हों, इसमें खाद, मिट्टी मिलाएँ। पौधा लगाकर हल्का पानी दें, शुरू में नमी बनाए रखें। एक एकड़ में 150-200 पौधे लग सकते हैं।

देखभाल के आसान टिप्स

हेजलनट को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं, शुरू में हर 10-15 दिन में हल्की सिंचाई करें। बड़े होने पर बारिश काफी है, सूखा पड़े तो महीने में एक-दो बार पानी दें। खरपतवार हटाने के लिए साल में दो बार गुड़ाई करें, पेड़ की जड़ों को हवा मिलेगी। कीट जैसे एफिड्स, माइट्स से बचाने के लिए नीम का तेल (5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) छिड़कें। हर साल 5-10 किलो गोबर की खाद प्रति पेड़ डालें, फल अच्छे आएंगे। 3-4 साल में पेड़ फल देना शुरू करता है, देखभाल सही हो, तो 7-8 साल में पूरी पैदावार मिलती है।

कटाई और उत्पादन

हेजलनट की कटाई सितंबर-अक्टूबर में होती है, जब फल भूरे हो जाएँ, अपने आप गिरने लगें। इन्हें हाथ से चुनें, या जमीन से इकट्ठा करें। सुखाकर छिलका हटाएँ, फिर बाजार में बेचें। एक पेड़ से 5-10 किलो हेजलनट मिलता है, पूरी पैदावार में 15-20 किलो तक संभव है। एक एकड़ से 1000-1500 किलो हेजलनट मिल सकता है, सही देखभाल करें, तो 2000 किलो भी हो सकता है। फल साफ कर बोरी में भरें, नमी से बचाएँ, ताकि क्वालिटी बनी रहे।

जबरदस्त कमाई का रास्ता

हेजलनट की कीमत 800-1000 रुपये किलो है, एक एकड़ से 1000 किलो भी बिके, तो 8-10 लाख रुपये की कमाई होगी। शुरूआती लागत 50-70 हजार (पौधे, खाद, मेहनत) है, जो 3-4 साल में वसूल हो जाती है। इसके बाद हर साल लाखों का मुनाफा बचेगा। बेकरी, चॉकलेट कंपनियों से टाई-अप करें, ऑनलाइन बेचें, तो दाम और बढ़ेगा। सूखे मेवे की दुकानों, सुपरमार्केट में डिमांड रहती है, मिलकर बेचें, तो फायदा दोगुना होगा। एक बार लगाएँ, 40-50 साल तक कमाई पक्की।

सावधानियाँ और सुझाव

पानी ज्यादा न रुके, जड़ें सड़ सकती हैं, शुरू में पौधों को जानवरों से बचाएँ। जैविक खाद डालें, रसायन कम करें, फल स्वादिष्ट, सेहतमंद रहेंगे। पौधे अच्छी क्वालिटी के लें, कृषि विभाग से सलाह लें। छोटे स्तर से शुरू करें, 20-30 पौधे लगाएँ, फिर बढ़ाएँ। सरकार की बागवानी योजना से सब्सिडी लें, लागत कम होगी। फल सुखाकर स्टोर करें, नमी से बचाएँ। बेकरी, निर्यात कंपनियों से संपर्क करें, कमाई बढ़ेगी।

हेजलनट की खेती आसान, फायदेमंद है, कम पानी, मेहनत में ये बंपर मुनाफा देती है। एक बार मेहनत करें, सालों तक कमाई पाएँ। इसे अपने खेत में आजमाएँ, सही देखभाल करें, और देखें कैसे ये छोटा मेवा आपकी जिंदगी बड़ी बनाता है। मेहनत करें, तरीका सही रखें, फिर कमाई अपने आप आएगी।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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