ग्वार फली की खेती से कमाएँ तगड़ा मुनाफा, ये टॉप वैरायटी गर्मियों में देंगी जबरदस्त मुनाफा

Gwar Ki Kheti : अगर आप ऐसी फसल की तलाश में हैं जो कम पानी ले, गर्मी में फलें-फूलें, और कई तरह से फायदा दे, तो ग्वार फली आपके लिए बेस्ट है। ये सब्जी न सिर्फ रसोई में सब्जी के रूप में काम आती है, बल्कि पशुओं का चारा और खेत की खाद भी बनती है। प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होने की वजह से इसे सेहत का खजाना कहते हैं। गर्मी का मौसम इसकी खेती के लिए सबसे सही है, और अगर कुछ खास टिप्स अपनाते हैं, तो ये फसल आपकी जेब को मालामाल कर सकती है। तो आइए, ग्वार फली की खेती को समझते हैं और देखते हैं कि ये आपके लिए कैसे फायदे का सौदा बनेगी।

ग्वार फली की खेती इसलिए खास है, क्योंकि ये कम खर्च में बंपर पैदावार देती है। देश में राजस्थान इसका सबसे बड़ा उत्पादक है, जो 80 प्रतिशत ग्वार पैदा करता है। उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, और हरियाणा में भी इसे खूब उगाया जाता है। ये फसल सूखे इलाकों में भी कमाल करती है, क्योंकि इसे ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती। अब चलिए, इसकी पूरी कहानी जानते हैं।

कम पानी, गर्मी की दोस्त

ग्वार फली की खेती किसानों के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है। सबसे बड़ी बात, इसे उगाने में पानी की खपत बहुत कम होती है। जिन इलाकों में सिंचाई का इंतजाम कम है, वहाँ भी ये फसल आसानी से उग जाती है। यही वजह है कि देश के पश्चिमी हिस्सों, खासकर सूखे इलाकों में इसे जमकर उगाया जाता है। राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, और उत्तर प्रदेश के किसान इसकी खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

गर्मी सहने की ताकत इस फसल को और खास बनाती है। गर्मी के मौसम में ये फटाफट बढ़ती है और किसानों की फेवरेट बन जाती है। अगर आपके खेत में पानी का इंतजाम सीमित है, और गर्मी जोरों पर है, तो ग्वार फली आपके लिए बिल्कुल सही है। ये न सिर्फ खेत को हरा-भरा रखती है, बल्कि बाजार में अच्छा दाम भी लाती है।

बुवाई का सही समय

ग्वार फली की खेती गर्मी और बारिश, दोनों मौसमों में की जा सकती है। गर्मी के लिए मध्य फरवरी से मार्च का पहला हफ्ता बुवाई का सही वक्त है। अगर आप बारिश के मौसम में इसे उगाना चाहते हैं, तो जून-जुलाई का महीना बेस्ट है। जिन इलाकों में खेती बारिश पर टिकी है, वहाँ जुलाई के पहले हफ्ते में बुवाई शुरू कर दीजिए।

मिट्टी की बात करें, तो हल्की दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी है। मिट्टी का पीएच 7 से 8.5 के बीच हो, तो फसल खूब फलेगी-फूलेगी। साथ ही, मिट्टी में पानी का निकास अच्छा होना चाहिए, ताकि जड़ें मजबूत बनें। तापमान 25 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच हो, तो ये फसल और बेहतर बढ़ती है। सही समय और मिट्टी चुनिए, और फसल को तैयार करिए।

सही किस्म, ज़्यादा कमाई

ग्वार फली की खेती से मोटा मुनाफा कमाने के लिए सही किस्म चुनना जरूरी है। इसे तीन तरह से उगाया जाता है – दाने के लिए, हरी फलियों के लिए, और पशुओं के चारे के लिए। अगर आप ज्यादा दाने चाहते हैं, तो दुर्गापुर सफेद, मरू ग्वार, दुर्गाजय, एफएस-277, अगेती ग्वार-111, आरजीसी-197, आरजीसी-417, और आरजीसी-986 जैसी किस्में चुनिए। ये बंपर पैदावार देती हैं।

अगर हरी फलियाँ चाहिए, तो शरद बहार, पूसा सदाबहार, पूसा नवबहार, पूसा मौसमी, गोमा मंजरी, आईसी-1388, एम-83, और पी-28-1-1 आपके लिए सही हैं। ये बाजार में अच्छा दाम लाती हैं। और अगर चारे के लिए खेती कर रहे हैं, तो ग्वार क्रांति, बुंदेल ग्वार-1, बुंदेल ग्वार-2, बुंदेल ग्वार-3, मक ग्वार, एचएफजी-119, गोरा-80, और आरआई-2395-2 जैसी किस्में बेस्ट हैं। अपने मकसद के हिसाब से किस्म चुनिए, और फायदा लीजिए।

बहुउपयोगी फसल, हर तरह फायदा

ग्वार फली की खेती एक तीर से कई निशाने साधती है। बाज़ार में हरी फलियाँ सब्जी के तौर पर अच्छे दाम पर बिकती हैं, क्योंकि लोग इसे सेहत के लिए पसंद करते हैं। पशुपालक इसे चारे के रूप में इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि यह गाय-भैंस को पौष्टिक आहार देता है। इसके अलावा, ग्वार की जड़ें और पत्तियाँ मिट्टी में मिलकर खाद बनती हैं, जो खेत को ताकत देती हैं। ग्वार गम उद्योग में इसकी दानों की भारी डिमांड है, जो तेल, खाद्य, और दवा कंपनियों में काम आता है। यानी चाहे सब्जी बेचें, चारा बनाएँ, या दाने सप्लाई करें, ग्वार हर तरह से कमाई का ज़रिया है।

खेती के खास टिप्स

ग्वार फली की खेती में कुछ आसान टिप्स अपनाने से पैदावार दोगुनी हो सकती है। सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार करिए। गोबर खाद या जैविक खाद डालिए, ताकि मिट्टी को ताकत मिले। बुवाई के बाद समय-समय पर पानी दीजिए, लेकिन ज्यादा नहीं, क्योंकि ये फसल कम पानी में भी बढ़ती है। खरपतवार पर नजर रखिए और जरूरत पड़े तो निकाल दीजिए।

कीटों और रोगों से बचाव के लिए फसल की जाँच करते रहिए। अगर सही देखभाल करते हैं, तो ये फसल 90 से 120 दिन में तैयार हो जाती है। बाजार में हरी फलियाँ, दाने, और चारा, सब अच्छा बिकता है। थोड़ी मेहनत से ये फसल आपके लिए कमाई का बड़ा जरिया बन जाएगी।

खेत हरा, जेब भारी

ग्वार फली की खेती 2025 में आपके लिए बंपर मुनाफे का रास्ता है। कम पानी, ज्यादा गर्मी में भी ये फसल कमाल करती है। राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश तक, ये किसानों की पसंद बनी हुई है। फरवरी-मार्च या जून-जुलाई में बुवाई करिए, दुर्गापुर सफेद, पूसा सदाबहार, या ग्वार क्रांति जैसी किस्में चुनिए, और सही मिट्टी का इंतजाम करिए। सब्जी, चारा, या खाद – हर तरह से ये फायदा देती है। तो देर मत करिए, अपने खेत को तैयार करिए, और ग्वार फली से कमाई की नई राह बनाइए।

ये भी पढ़ें- कम समय में ज्यादा कमाई, जानिए 5 सब्जियां जो बनाएंगी किसानों को मालामाल

Author

  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और मैंने संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं Krishitak.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। पिछले 3 वर्षों से मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाएं, और ग्रामीण भारत से जुड़े विषयों पर लेखन कर रहा हूं।

    Krishitak.com के माध्यम से मेरा उद्देश्य है कि देशभर के किसानों तक सटीक, व्यावहारिक और नई कृषि जानकारी आसान भाषा में पहुँचे। मेरी कोशिश रहती है कि हर लेख पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी साबित हो, जिससे वे खेती में आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें।

    View all posts

Leave a Comment