पशुपालक भाइयों, देसी बकरी पालन कम लागत में मोटी कमाई का बेहतरीन तरीका है, देसी नस्लें जैसे बारबरी, जखराना, सिरोही, बीटल मजबूत, कम खर्चीली होती हैं, और भारत के गाँवों में खूब पाली जाती हैं, इनका मांस, दूध, खाल बाजार में 600-1000 रुपये प्रति किलो (मांस) बिकता है, एक बकरी 6-12 महीने में बिक्री के लिए तैयार हो जाती है, और 10 बकरियों से सालाना 1-2 लाख रुपये की कमाई संभव है, ये कम चारा खाती हैं, और सूखा, गर्मी सहन कर लेती हैं, छोटे स्तर पर 10-20 बकरियों से शुरू करें, और अपनी मेहनत को लाखों में बदलें।
सही नस्ल और खरीद
देसी बकरी पालन के लिए सही नस्ल चुनना जरूरी है, बारबरी (20-30 किलो मांस), जखराना (30-40 किलो), सिरोही (25-35 किलो), बीटल (दूध के लिए) बेस्ट हैं, स्वस्थ बकरी स्थानीय पशु मेलों, सरकारी पशुपालन केंद्रों, या विश्वसनीय पालकों से खरीदें, 6-8 महीने की बकरी (10,000-15,000 रुपये) लें, जिसके दाँत, आँखें, चाल सही हों, शुरू में 8 मादा, 2 नर बकरे रखें, बकरियों को खरीदने से पहले पशु चिकित्सक से जाँच कराएँ, सही नस्ल से बकरियाँ जल्दी बढ़ती हैं, और 1-2 साल में 2-3 मेमने देती हैं, ये शुरुआत आपके बिजनेस को मुनाफेदार बनाती है।
शेड और जगह, पशुओं का घर
बकरी पालन के लिए सही शेड बनाएँ, हवादार, छायादार जगह चुनें, जहाँ बारिश, गर्मी से बचाव हो, 10 बकरियों के लिए 100-150 वर्ग फीट का शेड (5×5 फीट प्रति बकरी) काफी है, फर्श पक्का, ढलान वाला हो, ताकि सफाई आसान रहे, बाँस, लकड़ी, टीन से सस्ता शेड (20,000-30,000 रुपये) बनाएँ, गर्मी में छप्पर पर गीली बोरियाँ डालें, सर्दी में भूसा बिछाएँ, पानी के लिए साफ हौज, चारा डालने के लिए लकड़ी का रैक बनाएँ, शेड को हफ्ते में एक बार नीम पानी से धोएँ, सही जगह, शेड से बकरियाँ स्वस्थ रहती हैं, और मुनाफा बढ़ता है।
चारा और पोषण, सेहत का आधार
देसी बकरियों को सही चारा देना जरूरी है, हरा चारा जैसे बरसीम, लोबिया, मक्का, नीम की पत्तियाँ 3-4 किलो प्रति बकरी दें, सूखा चारा (भूसा, मूँगफली का छिलका) 500 ग्राम, दाना (जौ, मक्का, खली) 200-300 ग्राम रोज दें, गर्मी में पानी की कमी न हो, दिन में 4-5 लीटर साफ पानी पिलाएँ, नमक की ढेली (50 ग्राम प्रति बकरी) हर हफ्ते रखें, जैविक खेती के अवशेष जैसे सब्जियों के छिलके मिलाएँ, चारे में बदलाव धीरे-धीरे करें, ताकि पाचन सही रहे, सही पोषण से बकरियाँ 6-8 महीने में 20-30 किलो की हो जाती हैं, और दूध, मेमने ज्यादा मिलते हैं।
देखभाल और स्वास्थ्य, बकरियों की रक्षा
बकरियों की देखभाल में सावधानी बरतें, हर 6 महीने में खुरपका, मुंहपका, पीपीआर वैक्सीन लगवाएँ, पेट के कीड़ों के लिए हर 3 महीने में अल्बेंडाजोल (10 मिलीग्राम प्रति किलो वजन) दें, पशु चिकित्सक से नियमित जाँच कराएँ, गर्मी में दिन में 2 बार पानी छिड़कें, ताकि तनाव कम हो, बकरियों को सुबह-शाम चराएँ, ताकि ताजी घास मिले, मेमनों को जन्म के बाद 2 घंटे में कोलोस्ट्रम (पहला दूध) पिलाएँ, शेड की साफ-सफाई रखें, ताकि बीमारियाँ न फैलें, सही देखभाल से बकरियाँ 1-2 साल में 2-3 मेमने देती हैं, और आपकी कमाई दोगुनी होती है।
मुनाफा और बाजार, जबरदस्त कमाई
देसी बकरी पालन से लाखों की कमाई संभव है, 10 बकरियों की लागत (खरीद, शेड, चारा) 1-1.5 लाख रुपये है, प्रत्येक बकरी साल में 2 मेमने देती है, 6-8 महीने में मेमने 20-30 किलो के होकर 10,000-15,000 रुपये में बिकते हैं, 10 बकरियों से 20 मेमने सालाना बेचने पर 2-3 लाख रुपये की कमाई होती है, लागत निकालकर 1-2 लाख मुनाफा बचता है, दूध (1-2 लीटर प्रति बकरी) 50-70 रुपये प्रति लीटर बिकता है, जो अतिरिक्त आय देता है, ईद, दशहरा जैसे त्योहारों में दाम बढ़ते हैं, लोकल बाजार, मांस व्यापारियों, ऑनलाइन पशु मंडी में बेचें, सरकार की पशुपालन सब्सिडी का लाभ उठाएँ, ये बिजनेस मेहनत को सोने में बदल देता है।
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