Sevanthi Flower Cultivation Tips in Hindi : किसान भाइयों, अगर आप अपनी खेती को नया रंग देना चाहते हैं, तो सेवंती फूल की खेती आपके लिए सुनहरा मौका है। यह फूल न सिर्फ मंदिरों, त्योहारों और सजावट में खूब बिकता है, बल्कि वैज्ञानिक तरीकों से खेती करने पर प्रति हेक्टेयर 100-150 क्विंटल तक पैदावार देता है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के विशेषज्ञ बताते हैं कि ब्यूटी, अरुणोदय, और सविता जैसी उन्नत किस्में मुनाफा बढ़ाने का कमाल करती हैं। आइए, जानते हैं कि सेवंती की खेती कैसे करें, ताकि कम मेहनत में ज़्यादा कमाई हो।
सही समय और किस्म का चयन
सेवंती की बुवाई के लिए सबसे अच्छा समय 1 जनवरी है, जब मौसम इसके लिए अनुकूल होता है। रायपुर के कृषि वैज्ञानिक सलाह देते हैं कि ब्यूटी, अरुणोदय, और सविता जैसी किस्में चुनें। ये किस्में न सिर्फ ज़्यादा फूल देती हैं, बल्कि बाज़ार में इनकी डिमांड भी गज़ब की है। प्रति हेक्टेयर 43,500 पौधों की रोपाई करें, और 30×30 सेंटीमीटर की चौकोर दूरी रखें। इससे हर पौधे को हवा, धूप, और खुराक बराबर मिलती है, और फूलों की चमक बनी रहती है।
बीज और जड़ों की मज़बूती
पौधों को रोगों से बचाने के लिए बीजोपचार ज़रूरी है। जड़युक्त कटिंग को 0.25% कार्बेन्डाजिम के घोल में आधे घंटे तक डुबोएँ। यह फफूंद को शुरू में ही रोकता है, ताकि आपकी फसल स्वस्थ रहे। कटिंग को रोपने से पहले खेत को अच्छे से तैयार करें। दोमट मिट्टी, जिसमें पानी जमा न हो, सेवंती के लिए बेस्ट है। अगर मिट्टी की जाँच करा लें, तो और बेहतर। इससे आपको पता चलेगा कि खेत में कौन सी खुराक की ज़रूरत है।
खाद और पानी का देसी जुगाड़
सेवंती की फसल को पोषण देने के लिए प्रति हेक्टेयर 20 टन गोबर खाद डालें। इसके साथ 125 किलो नाइट्रोजन, 100 किलो फॉस्फोरस, और 80 किलो पोटाश की ज़रूरत होती है। वैज्ञानिक सलाह है कि खाद को तीन हिस्सों में डालें:
- रोपाई के 0-20 दिन में 4.69 किलो नाइट्रोजन, 7.66 किलो फॉस्फोरस।
- 21-65 दिन में 5.68 किलो नाइट्रोजन, 9.14 किलो फॉस्फोरस, और 7.41 किलो पोटाश।
- 101-180 दिन में 2.97 किलो नाइट्रोजन, 4.45 किलो फॉस्फोरस, और 3.71 किलो पोटाश।
फर्टिगेशन विधि से खाद और पानी एक साथ देने से पौधे तेज़ी से बढ़ते हैं। सुबह या शाम को हल्की सिंचाई करें, ताकि जड़ें मज़बूत रहें और पानी बर्बाद न हो।
खरपतवार से जंग
खरपतवार आपकी फसल का खुराक चुरा सकते हैं। पहली निराई 20 दिन बाद और दूसरी 35 दिन बाद करें। अगर मशीन उपलब्ध हो, तो उससे काम और आसान हो जाएगा। खेत को साफ रखने से पौधों को ज़्यादा ताकत मिलती है, और फूल बड़े-चमकदार निकलते हैं। अपने गाँव के उन किसानों से टिप्स लें, जो पहले से सेवंती उगा रहे हैं। उनकी सलाह आपके लिए सोने जैसी होगी।
कीट और रोगों का काल
सेवंती पर एफिड, थ्रिप्स, और माइट्स जैसे कीट हमला कर सकते हैं। इनसे बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रिड या थीयोमेथोक्साम का छिड़काव करें। फफूंद से बचाने के लिए हर 15-20 दिन में कार्बेन्डाजिम का स्प्रे करें। अगर झुलसन रोग के लक्षण दिखें, तो मैनकोज़ेब का इस्तेमाल करें। रायपुर के वैज्ञानिक कहते हैं कि नियमित निगरानी से कीट-रोग को शुरू में ही पकड़ा जा सकता है। नीम का तेल भी छोटे कीटों के लिए देसी उपाय है।
बाज़ार में चमक
सेवंती के फूलों की मांग मंदिरों, शादियों, और त्योहारों में सालभर रहती है। खासकर दीवाली और दशहरा जैसे मौकों पर दाम आसमान छूते हैं। 100-150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार से आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। फूलों को काटते वक्त 10 सेंटीमीटर तना छोड़ें और तुरंत पानी में डालें, ताकि उनकी चमक बनी रहे। अगर सही पैकिंग और ट्रांसपोर्ट करें, तो शहर की मंडियों में ऊँचा दाम मिलेगा।
मुनाफे की बगिया
किसान भाइयों, सेवंती की खेती कम लागत और ज़्यादा मुनाफे का रास्ता है। वैज्ञानिक तरीकों जैसे सही किस्म, बीजोपचार, फर्टिगेशन, और कीट नियंत्रण से आपकी फसल लहलहाएगी। जब आपके पीले, सफेद, और गुलाबी फूल बाज़ार में बिकेंगे और ग्राहक तारीफ करेंगे, तो मेहनत का असली मज़ा आएगा। तो इस जनवरी से खेत तैयार करें, ब्यूटी और सविता की बुवाई करें, और अपनी कमाई को फूलों की तरह खिलाएँ।
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