अप्रैल में लगा दें ये 3 सब्जियां, 60 दिन में खेत दे देगा नोटों की फसल!

किसान भाइयों, अप्रैल का महीना गेहूं की कटाई के बाद खेतों को खाली छोड़ने का नहीं, बल्कि मुनाफे का खजाना उगाने का है। गर्मी में बाजार में हरी सब्जियों की आवक कम हो जाती है, और मांग आसमान छूती है। ऐसे में बैंगन, भिंडी, और करेला जैसी सब्जियों की खेती आपके लिए सोने का सौदा है। ये तीनों फसलें गर्मी और बरसात में लहलहाती हैं, और 40-50 दिन में मंडी में ऊँचे दाम दिलाती हैं।

मुरादाबाद के कृषि वैज्ञानिक डॉ. दीपक मेहंदी रत्ता बताते हैं कि इन सब्जियों की खेती शहरों के आसपास बड़े पैमाने पर हो रही है, और किसान लाखों रुपये कमा रहे हैं। आइए, जानते हैं कि अप्रैल के आखिर में इन तीन सब्जियों की खेती कैसे आपके खेत को चमका सकती है।

बैंगन

अप्रैल में लगा दें ये 3 सब्जियां, 60 दिन में खेत दे देगा नोटों की फसल!

गेहूं कटाई के बाद खाली खेतों में बैंगन की खेती मुनाफे का शॉर्टकट है। इसकी खेती के लिए ज्यादा खर्च की जरूरत नहीं पड़ती, और 50-60 दिन में फसल मंडी के लिए तैयार हो जाती है। मुरादाबाद के एक किसान ने बताया कि उसने एक हेक्टेयर में बैंगन की हाइब्रिड किस्म पुखराज लगाई, और 20 टन फसल बेचकर 4 लाख रुपये कमाए। गर्मी में बैंगन की मांग रेस्तराँ और घरों में बढ़ती है, जिससे 30-50 रुपये प्रति किलो का दाम मिलता है।

खेत की गहरी जुताई करें, सड़ी गोबर खाद डालें, और 60×45 सेंटीमीटर की दूरी पर पौधे रोपें। ड्रिप सिंचाई और नीम तेल के छिड़काव से फसल कीटों से बचेगी। कम लागत में यह फसल आपकी जेब को भारी बनाएगी।

भिंडी

अप्रैल में लगा दें ये 3 सब्जियां, 60 दिन में खेत दे देगा नोटों की फसल!

गर्मी में भिंडी की मांग बाजार में चरम पर होती है। अप्रैल में इसकी बुवाई मुनाफे का जादू बिखेरती है। 40-50 दिन में तैयार होने वाली भिंडी की फसल मंडी में 40-60 रुपये प्रति किलो बिकती है। मुरादाबाद के बाजारों में भिंडी की चमक देखकर किसान खुशहाल हैं। डॉ. दीपक मेहंदी रत्ता सलाह देते हैं कि अर्का अनामिका या वर्षा उपहार जैसी किस्में चुनें, जो गर्मी में ज्यादा पैदावार देती हैं।

खेत को रोटावेटर से भुरभुरा करें, प्रति हेक्टेयर 5 टन गोबर खाद डालें, और बीज 45×30 सेंटीमीटर की दूरी पर बोएँ। हर 5-7 दिन में सिंचाई करें, और क्लोरोपाइरीफोस से कीटों को भगाएँ। एक हेक्टेयर से 10-12 टन भिंडी आसानी से मिल सकती है, जो लाखों रुपये का मुनाफा देगी। यह फसल आपकी मेहनत को मंडी में चमकाएगी।

करेला

अप्रैल में लगा दें ये 3 सब्जियां, 60 दिन में खेत दे देगा नोटों की फसल!

करेला न सिर्फ सेहत का खजाना है, बल्कि किसानों की जेब का भी साथी है। गर्म और नम जलवायु में यह फसल लहलहाती है। अप्रैल में करेले की बुवाई 45-50 दिन में फसल देती है, और मंडी में 50-80 रुपये प्रति किलो का दाम मिलता है। करेले को 6-8 घंटे धूप और 15-20 डिग्री सेल्सियस तापमान चाहिए, जो गर्मी में आसानी से मिल जाता है।

मुरादाबाद के एक किसान ने पूसा हाइब्रिड-2 किस्म लगाकर एक हेक्टेयर से 15 टन करेला उगाया और 5 लाख रुपये कमाए। खेत में गहरी जुताई के बाद 8-10 टन गोबर खाद डालें। 2×1.5 मीटर की दूरी पर बीज बोएँ और बेलों को सहारे के लिए जाल दें। ड्रिप सिंचाई और नीम तेल का छिड़काव फसल को चमकदार बनाएगा। यह फसल आपकी मेहनत को दोगुना करेगी।

खेत की तैयारी

इन तीनों सब्जियों की खेती के लिए खेत को सही तैयार करना जरूरी है। गेहूं कटाई के बाद खेत की गहरी जुताई करें, ताकि खरपतवार खत्म हो जाएँ। प्रति हेक्टेयर 8-10 टन सड़ी गोबर खाद या वर्मीकंपोस्ट डालें। डीएपी और पोटाश की हल्की मात्रा मिट्टी को ताकत देगी। रोटावेटर से खेत को भुरभुरा करें और समतल कर लें। ड्रिप सिंचाई का इंतज़ाम करें, क्योंकि गर्मी में नमी बनाए रखना जरूरी है। मुरादाबाद के किसान ड्रिप सिस्टम से पानी और बिजली बचा रहे हैं। बुवाई के बाद 15-20 दिन में हल्की निराई करें, ताकि खरपतवार फसल को नुकसान न पहुँचाएँ। यह तैयारी आपकी फसल को बंपर बनाएगी।

मंडी में चमक

गर्मी में बैंगन, भिंडी, और करेले की खेती मुनाफे का तगड़ा जुगाड़ है। इनकी मांग रेस्तराँ, होटल, और घरों में बढ़ती है, और कम आवक के कारण दाम ऊँचे रहते हैं। एक हेक्टेयर बैंगन से 20-25 टन, भिंडी से 10-12 टन, और करेले से 12-15 टन पैदावार मिल सकती है। मुरादाबाद के एक किसान ने इन तीनों सब्जियों को मिलाकर एक सीजन में 8 लाख रुपये कमाए। कटाई सुबह करें और फसल को ताज़ा रखने के लिए ठंडे पानी में डुबोकर मंडी ले जाएँ। डॉ. दीपक सलाह देते हैं कि हाइब्रिड किस्में और जैविक खाद का इस्तेमाल करें, ताकि फसल चमकदार हो और दाम ज्यादा मिले। यह खेती आपकी मेहनत को सोने में बदलेगी।

खेत से कमाई तक

किसान भाइयों, अप्रैल में खाली खेतों को बैंगन, भिंडी, और करेले की खेती से चमकाएँ। कम लागत, कम समय, और ऊँचे दाम इस मौसम को मुनाफे का मौका बनाते हैं। अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से हाइब्रिड बीज और खेती के गुर लें। अगर मुरादाबाद जैसे इलाकों में ड्रिप सिस्टम और जैविक खाद से लाखों की कमाई हो सकती है, तो आपके खेत भी पीछे क्यों रहें? जब आपकी सब्जियाँ मंडी में चमकेंगी और ग्राहक तारीफ करेंगे, तो मेहनत का असली मज़ा आएगा। तो इस अप्रैल से खेत तैयार करें और मुनाफे की फसल उगाएँ।

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Author

  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और मैंने संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं Krishitak.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। पिछले 3 वर्षों से मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाएं, और ग्रामीण भारत से जुड़े विषयों पर लेखन कर रहा हूं।

    Krishitak.com के माध्यम से मेरा उद्देश्य है कि देशभर के किसानों तक सटीक, व्यावहारिक और नई कृषि जानकारी आसान भाषा में पहुँचे। मेरी कोशिश रहती है कि हर लेख पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी साबित हो, जिससे वे खेती में आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें।

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