खेत के किनारे से होगी बंपर कमाई, एशिन नाशपाती की खेती कीजिए, 100 पेड़ से कमाई होगी 15 लाख

किसान भाइयों, अगर आप अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं, तो खेत के हर कोने का सही उपयोग जरूरी है। एशियन नाशपाती (देसी नाशपाती) एक ऐसा फल है, जिसकी खेती कम जगह, जैसे खेतों के किनारे, में भी शुरू की जा सकती है। ये फल स्वादिष्ट, पोषक, और बाजार में माँग वाला है। एक पेड़ से सालाना 12,000-15,000 रुपये और 100 पेड़ों से 12-15 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। कम लागत (1-1.5 लाख रुपये) और लंबी अवधि (20-25 साल) की फसल इसे आदर्श बनाती है। उत्तर प्रदेश, बिहार, और अन्य मैदानी क्षेत्रों में इसकी खेती तेजी से बढ़ रही है। आइए जानें नाशपाती की खेती कैसे करें।

नाशपाती की खासियत और माँग

एशियन नाशपाती मीठी, कुरकुरी, और सेब जैसी दिखने वाली होती है। ठंडी तासीर और विटामिन A, C, फाइबर से भरपूर, ये स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। बाजार में 100-200 रुपये/किलो बिकती है और लंबे समय तक खराब नहीं होती। गर्मी और ठंड दोनों झेलने वाला ये पेड़ 20-25 साल तक फल देता है। शहरों, होटलों, और निर्यात बाजार (मध्य पूर्व, यूरोप) में माँग बढ़ रही है। तीसरे साल से फल शुरू हो जाते हैं, और 5-6 साल में पूरी क्षमता से उत्पादन मिलता है। एक बार मेहनत कर सालों तक कमाई का रास्ता तैयार करें।

सही मिट्टी और मौसम का चयन

नाशपाती की खेती के लिए ठंडी, ऊँची जगहें (500-2,000 मीटर) आदर्श हैं, लेकिन उन्नत किस्में (पठारनाख, पंजाब गोल्ड) मैदानी क्षेत्रों में भी उगती हैं। दोमट मिट्टी (pH 6-7.5) जिसमें जलनिकासी अच्छी हो, सर्वोत्तम है। ज्यादा पानी रुकने से जड़ें सड़ सकती हैं। दिसंबर-फरवरी में रोपण करें, जब पेड़ निष्क्रिय अवस्था में होते हैं। मॉनसून (जून-जुलाई) में भी रोपण संभव है, बशर्ते सिंचाई की व्यवस्था हो। खेत के किनारे 5-6 मीटर दूरी पर पेड़ लगाकर दूसरी फसलों के साथ खेती करें।

पौधों का रोपण और तैयारी

नाशपाती के ग्राफ्टेड या कलम वाले पौधे नर्सरी, कृषि केंद्र, या ऑनलाइन (NurseryLive) से लें। प्रति पौधा 150-300 रुपये लागत है। 5×5 मीटर दूरी पर 100 पेड़ 0.5 हेक्टेयर में लगाए जा सकते हैं। 1x1x1 मीटर गड्ढे खोदें, प्रत्येक में 10 किलो गोबर खाद, 1 किलो नीम खली, और मिट्टी मिलाएँ। गड्ढे को 15 दिन पहले तैयार करें। रोपण के बाद हल्की सिंचाई करें। पहले 1-2 साल नियमित देखभाल करें। तीसरे साल से फल शुरू हो जाते हैं। सही रोपण से 90% पौधे स्वस्थ रहते हैं।

पेड़ों की देखभाल और प्रबंधन

नाशपाती के पेड़ों को नियमित सिंचाई, छंटाई, और खाद चाहिए। गर्मी में हर 7-10 दिन और सर्दी में 15-20 दिन बाद सिंचाई करें। ड्रिप सिस्टम से 20% पानी बचता है। हर साल 10-15 किलो गोबर खाद और 500 ग्राम NPK (10:26:26) प्रति पेड़ डालें। फरवरी-मार्च में पुरानी, सूखी शाखाओं की छंटाई करें। कीट (एफिड्स, फल मक्खी) के लिए नीम तेल (5 मिलीलीटर/लीटर) छिड़कें। फफूंद रोग से बचने के लिए बोर्डो मिश्रण (1%) का छिड़काव करें। सही देखभाल से एक पेड़ 40-50 किलो फल देता है।

फल की कटाई और बिक्री

फल मई-जून में पकते हैं, जब वे हल्के पीले हो जाएँ। कैंची से सावधानीपूर्वक तोड़ें ताकि पेड़ को नुकसान न हो। एक पेड़ से 40-50 किलो फल (100-150 रुपये/किलो) मिलते हैं, यानी 12,000-15,000 रुपये/पेड़। 100 पेड़ों से 4,000-5,000 किलो फल और 12-15 लाख रुपये कमाई। स्थानीय मंडी, होटल, या ऑनलाइन (BigBasket, Farmkart) बेचें। निर्यात (मध्य पूर्व) और प्रोसेसिंग (जूस, जैम) से दाम बढ़ते हैं। फलों को छाया में पैक करें ताकि ताजगी बनी रहे।

लागत और मुनाफे का हिसाब

100 पौधों की खेती में लागत: पौधे (15,000-30,000 रुपये), गड्ढे, खाद, सिंचाई (1-1.5 लाख रुपये)। तीसरे साल से कमाई शुरू। 100 पेड़ों से 4,000-5,000 किलो फल, 12-15 लाख रुपये आय। रखरखाव (20,000-30,000 रुपये/साल) घटाकर 10-12 लाख रुपये मुनाफा। 5-6 साल बाद मुनाफा बढ़ता है। जैविक नाशपाती 200-300 रुपये/किलो बिकती है। बड़े स्तर (200-300 पेड़) पर 25-30 लाख रुपये सालाना कमाई संभव।

सावधानियाँ और सुझाव

उन्नत किस्में (पठारनाख, पंजाब गोल्ड) चुनें। ज्यादा पानी से बचें। रासायनिक खाद कम, जैविक खाद ज्यादा दें। फल मक्खी के लिए फेरोमोन ट्रैप (4-5/हेक्टेयर) लगाएँ। बागवानी विभाग से 40-60% सब्सिडी लें। छोटे स्तर (50 पेड़) से शुरू करें। नाशपाती की खेती खेत के किनारे से भी लाखों की कमाई का रास्ता खोलती है। माँग का फायदा उठाएँ और आय बढ़ाएँ।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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