Pomato Farming: क्या आपने कभी सोचा है कि एक ही पौधे में आलू और टमाटर उगाना संभव हो सकता है? रांची के आसपास के कई किसान अब इस चमत्कारी “पोमेटो” तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो उन्हें कम जमीन पर अधिक उत्पादन देने में मदद कर रही है। इस तकनीक से खेती करना किसानों के लिए फायदे का सौदा बन गया है, और इससे उनकी किस्मत भी बदल रही है।
पोमेटो तकनीक: आलू और टमाटर एक ही पौधे में- Pomato Farming
रांची के अनगड़ा क्षेत्र में मोबाइल एग्रीकल्चरल स्कूल एंड सर्विसेज (मास) संस्थान द्वारा किसानों को ‘पोमेटो’ तकनीक के बारे में जानकारी दी जा रही है। इस तकनीक में आलू और टमाटर को एक ही पौधे में उगाने के लिए ग्राफ्टिंग का तरीका अपनाया जाता है। यह तकनीक न केवल जमीन पर, बल्कि गमलों में भी आसानी से लागू की जा सकती है।
भारतीय वन सेवा के अधिकारियों की सराहना
हाल ही में भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारियों की एक टीम ने अनगड़ा स्थित मास संस्थान का दौरा किया और इस तकनीक की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से आलू और टमाटर को एक ही पौधे में उगाने की तकनीक पर ध्यान केंद्रित किया और इसे किसानों के लिए फायदेमंद बताया। यह तकनीक खेती में न केवल क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है, बल्कि किसानों को बेहतर मुनाफा भी दिला सकती है।
किसानों के लिए चलता-फिरता प्रशिक्षण केंद्र
मास संस्थान ने अपनी “चलता-फिरता प्रशिक्षण केंद्र” मॉडल को किसानों के बीच लोकप्रिय किया है। इस मॉडल के तहत, किसानों को उनके अपने गांव में उन्नत कृषि तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाती है। आईएफएस अधिकारियों ने इसे भारतीय कृषि क्षेत्र का सबसे प्रभावी और परिणामकारी मॉडल बताया, जो किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बना रहा है।
ओइस्टर मशरूम की खेती: एक और नई तकनीक
मास संस्थान ने ओइस्टर मशरूम उगाने की एक नई और किफायती तकनीक भी विकसित की है, जिसे आईएफएस अधिकारियों ने सराहा। यह तकनीक किसानों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन सकती है, क्योंकि यह बहुत कम लागत में प्रभावी तरीके से मशरूम की खेती को संभव बनाती है।
मास संस्थान के सचिव को मोमेंटो देकर किया सम्मानित
इस दौरे के अंत में, आईएफएस अधिकारियों ने मास संस्थान के सचिव विजय भरत को उनकी कृषि क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए मोमेंटो देकर सम्मानित किया। विजय भरत के नेतृत्व में मास संस्थान लगातार किसानों के लिए नई और उपयोगी कृषि तकनीकों का विकास कर रहा है।
आईएफएस अधिकारी और मास संस्थान के योगदान की सराहना
आईएफएस के अधिकारियों की टीम में देशभर से वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने मास संस्थान के प्रयासों की सराहना की। इस दौरे के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आए आईएफएस अधिकारियों ने कृषि और वनविविधता के क्षेत्र में मास के योगदान पर चर्चा की और इसे किसानों के लिए बेहद लाभकारी बताया।
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