किसान भाइयों, गर्मी का मौसम आते ही खीरा हर गाँव और शहर में छा जाता है। सलाद हो, जूस हो या सब्जी, खीरे की माँग मई में आसमान छूती है। अगर आप मई में खीरे की खेती शुरू करें, तो सिर्फ 45-50 दिन में तुड़ाई शुरू हो जाती है। बाजार में इस समय खीरे के दाम अच्छे मिलते हैं, और जल्दी फसल होने से आपकी जेब जल्दी भर जाती है। सही किस्म, देसी नुस्खे और थोड़ी वैज्ञानिक समझ के साथ मई में खीरे की खेती मुनाफे का सौदा है। तो चलिए, जानते हैं कि मई में खीरे की खेती क्यों फायदेमंद है और इसे कैसे करें।
मई में खीरे की खेती का फायदा
मई का महीना खीरे की खेती के लिए बिल्कुल सही है। गर्मी में लोग खीरे को खूब पसंद करते हैं, क्योंकि ये ठंडक देता है और सेहत के लिए फायदेमंद है। मई में बोया गया खीरा जून के आखिर तक बाजार में बिकने लगता है। इस समय दूसरी सब्जियों की तुलना में खीरे की सप्लाई कम होती है, जिससे दाम दोगुने-तिगुने मिलते हैं। नई उन्नत किस्मों की वजह से रोग और कीटों का खतरा भी कम रहता है, जिससे दवाइयों का खर्च बच जाता है। यानी कम लागत में ज्यादा मुनाफा।
मई के लिए खीरे की शानदार किस्में
मई की तेज़ गर्मी में ऐसी खीरे की किस्में चुनें जो गर्मी को झेल सकें और बंपर पैदावार दें। नीचे कुछ ऐसी किस्में हैं, जो मई की खेती के लिए बेस्ट हैं।
पूसा उदय
पूसा उदय खीरे की एक ऐसी किस्म है, जो मई की चिलचिलाती गर्मी में भी लहलहाती है। ये जल्दी फल देना शुरू करती है, जिससे आपकी फसल जल्दी बाजार में पहुंचती है। इसकी उपज अच्छी होती है, और खीरे रसीले और स्वादिष्ट होते हैं। गर्मी में कम पानी की जरूरत वाली ये किस्म किसानों की पसंद है।
काशी अभिषेक (IIVR)
काशी अभिषेक को भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने खास तौर पर तैयार किया है। ये किस्म गर्मी को आसानी से झेल लेती है और रोगों से लड़ने में माहिर है। इसके खीरे बाजार में खूब पसंद किए जाते हैं, क्योंकि ये आकार में एकसमान और स्वाद में बेहतरीन होते हैं।
पूसा बरलीन
पूसा बरलीन उन किसानों के लिए शानदार है, जो स्वादिष्ट और रसीले खीरे उगाना चाहते हैं। ये किस्म गर्मी में भी अच्छी पैदावार देती है और बाजार में इसके खीरे खूब बिकते हैं। इसकी खासियत है कि इसके फल नरम और कुरकुरे होते हैं, जो ग्राहकों को खूब भाते हैं।
पंजाब संकर खीरा-1
पंजाब संकर खीरा-1 एक हाइब्रिड किस्म है, जो मई की गर्मी में कमाल दिखाती है। ये कम पानी में भी अच्छी उपज देती है और इसके खीरे लंबे, हरे और आकर्षक होते हैं। ये किस्म रोगों के प्रति भी सहनशील है, जिससे दवाइयों का खर्च कम रहता है।
नुन्स 2511
नुन्स 2511 एक और हाइब्रिड किस्म है, जो मई की खेती के लिए बेस्ट है। ये गर्मी में बंपर पैदावार देती है और इसके खीरे बाजार में अच्छा दाम लाते हैं। इसकी खासियत है कि ये कम पानी और कम देखभाल में भी अच्छा उत्पादन देती है, जिससे किसानों का मुनाफा बढ़ता है।
खेत की तैयारी और बीज की बुवाई
खीरे की खेती के लिए खेत को अच्छे से तैयार करना ज़रूरी है। दोमट मिट्टी इस फसल के लिए सबसे अच्छी होती है, क्योंकि ये नमी को अच्छे से थामती है। खेत की गहरी जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरा बना लें। बुवाई से पहले 200-250 क्विंटल सड़ी गोबर की खाद, नीम की खली और ट्राइकोडर्मा मिलाएं। ये जड़ गलन जैसी समस्याओं से बचाता है। बुवाई से पहले बीज को 6 घंटे जैविक फफूंदनाशक में भिगोएं, ताकि अंकुरण तेज़ और बेहतर हो। मई में बुवाई के लिए पहले खेत में हल्की सिंचाई करें, फिर 1.5-2 फुट की दूरी पर बीज बोएं। ये दूरी पौधों को फैलने और बढ़ने के लिए ज़रूरी है।
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सिंचाई और मल्चिंग का जुगाड़
मई में तापमान चढ़ा रहता है, इसलिए खीरे के पौधों को नियमित पानी चाहिए। हर 4-5 दिन में हल्की सिंचाई करें, ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे। अगर आपके पास ड्रिप इरीगेशन की सुविधा है, तो ये पानी और मेहनत दोनों बचाता है। गर्मी में मिट्टी की नमी को बनाए रखने के लिए मल्चिंग का देसी जुगाड़ अपनाएं। खेत में सूखी घास, भूसा या प्लास्टिक की मल्चिंग करें। ये न सिर्फ पानी को जल्दी सूखने से रोकता है, बल्कि खरपतवार को भी उगने नहीं देता। इससे आपकी फसल गर्मी में भी हरी-भरी रहती है।
कीट और रोगों से बचाव
खीरे की फसल में लाल मक्खी और थ्रिप्स जैसे कीट परेशानी खड़ी कर सकते हैं। इनसे निपटने के लिए 5% नीम का काढ़ा या लहसुन-मिर्च का घोल बनाकर छिड़काव करें। ये देसी नुस्खा कीटों को भगाने में माहिर है। अगर पत्तियों में सिकुड़न या मोजेक वायरस के लक्षण दिखें, तो फौरन संक्रमित पौधों को उखाड़कर हटा दें। खेत में पीले चिपचिपे ट्रैप लगाएं, ताकि कीट फंस जाएं। हर 10 दिन में ट्राइकोडर्मा जैसे जैविक फफूंदनाशक का छिड़काव करें। ये सस्ता और असरदार तरीका है, जो फसल को रोगों से बचाता है।
तुड़ाई और बाजार में बिक्री
बुवाई के 45-50 दिन बाद खीरे की तुड़ाई शुरू हो जाती है। ध्यान दें कि खीरे नरम, हरे और रसीले हों, तभी तोड़ें। ऐसे खीरे बाजार में ज्यादा पसंद किए जाते हैं और अच्छा दाम देते हैं। हफ्ते में 2-3 बार तुड़ाई करें, ताकि पौधे पर नए फल आते रहें। लोकल मंडी, सब्जी व्यापारियों या सुपरमार्केट से संपर्क करें। मई-जून में खीरे की कीमत अच्छी रहती है, तो सही समय पर बिक्री करके मुनाफा बढ़ाएं। अगर मुमकिन हो, तो खीरे को सुबह तुड़ाई के बाद तुरंत बाजार भेजें, ताकि ताज़गी बनी रहे।
इस मई में खीरे की खेती शुरू करें, और देखें कि कैसे ये फसल आपके खेतों को हरा और जेब को भरा रखती है। कोई सवाल हो, तो अपने नजदीकी कृषि विशेषज्ञ से जरूर संपर्क करें।
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