रबी की फसल कट चुकी है और खेत खाली पड़े हैं। ऐसे में समझदार किसान भाई गरमा मूंग की खेती से सोना उगा रहे हैं। यह वो सुनहरी फसल है जो सिर्फ 55 दिन में तैयार होकर प्रति एकड़ 40 हजार रुपए तक की कमाई दे देती है। बिहार के जहानाबाद जिले के किसान तो इसे “टाइम पास” नहीं, “प्रॉफिट पास” कहते हैं। आइए जानते हैं कैसे आप भी इस फसल से मोटी कमाई कर सकते हैं।
क्यों चुनें गरमा मूंग?
गरमा मूंग की खेती करने के पीछे किसानों की तीन मजबूत वजहें हैं। पहली वजह है कम समय में मोटी कमाई। जबकि दूसरी वजह है मिट्टी की सेहत सुधारना। यह दलहनी फसल होने के कारण जमीन में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाती है। तीसरा और सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह फसल धान की रोपाई से पहले ही कट जाती है, जिससे किसानों को दोहरा फायदा होता है।
कौन सी किस्म चुनें?
कृषि विज्ञान केंद्र गंधार के इंजीनियर जीतेन्द्र कुमार बताते हैं कि गरमा मूंग की खेती के लिए ‘विराट’ किस्म सबसे उपयुक्त है। यह किस्म सिर्फ 52-55 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसकी खासियत यह है कि इससे प्रति हेक्टेयर 12-15 क्विंटल तक उपज मिल सकती है। यानी एक एकड़ में आसानी से 5-6 क्विंटल उत्पादन हो जाता है। इसकी तुड़ाई दो-तीन बार में करने से दाने झड़ने का डर नहीं रहता।
जीरो टिलेज तकनीक से बुआई
आधुनिक खेती की इस तकनीक ने किसानों का काम और आसान कर दिया है। जीरो टिलेज विधि से मूंग की बुआई करने पर न तो खेत जोतने की जरूरत होती है और न ही ज्यादा सिंचाई की। इस तकनीक में बुआई करते समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी 1 फीट रखनी चाहिए। बीज की मात्रा 12-15 किलो प्रति एकड़ पर्याप्त होती है। सिंचाई की बात करें तो पूरी फसल अवधि में सिर्फ दो बार पानी देना काफी होता है – पहली बुआई के 20 दिन बाद और दूसरी फलियाँ बनते समय।
कमाई का हिसाब
इस फसल में लागत बहुत कम आती है जबकि मुनाफा बहुत ज्यादा होता है। एक एकड़ में लगभग 8,000 रुपए का खर्च आता है जिसमें बीज, खाद और सिंचाई शामिल हैं। अगर बाजार भाव 80-100 रुपए प्रति किलो का रहता है तो 5 क्विंटल उपज से आसानी से 40,000 रुपए तक की कमाई हो जाती है। यानी सिर्फ दो महीने में 32,000 रुपए तक का शुद्ध मुनाफा।
किसान भाइयों के लिए खास सलाह
गरमा मूंग की बुआई का सबसे सही समय अप्रैल से मई तक का होता है। इस साल अगर बारिश अच्छी हो रही है तो सिंचाई पर होने वाला खर्च और भी कम हो जाएगा। खरपतवार नियंत्रण के लिए बुआई के 15-20 दिन बाद निराई जरूर कर लें। इस फसल में कीटनाशक का प्रयोग कम से कम करना चाहिए क्योंकि ‘विराट’ किस्म कीटरोधी होती है।
अंत में एक जरूरी बात
गरमा मूंग सिर्फ पैसा कमाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह आपकी मिट्टी को भी ताकत देती है। जिन किसान भाइयों ने पिछले साल इस फसल को उगाया था, उन्होंने बताया कि इसके बाद उनकी धान की फसल भी बेहतर हुई। तो इस बार खेत खाली न छोड़ें, गरमा मूंग की खेती करके देखें। 55 दिन का समय, 40 हजार की कमाई यही तो है असली किसानी!
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