इस स्मार्ट तकनीक से लगाएं सागौन और देखें कैसे बढ़ती है आपकी कमाई

Teak Cultivation Tips: खेती-किसानी करने वाले भाइयों के लिए सागौन का पेड़ किसी खजाने से कम नहीं। लोग कहते हैं कि एक बार सागौन का पेड़ लगा दिया, तो कई पीढ़ियाँ उसकी कमाई खा सकती हैं। ये बात बिल्कुल सही है, क्योंकि सागौन की लकड़ी को इमारती लकड़ी में राजा कहा जाता है। चाहे फर्नीचर हो, दरवाजे हों, या घर का सजावटी सामान, सागौन की माँग कभी कम नहीं होती। इसकी कीमत हमेशा आसमान छूती है, और एक पका हुआ सागौन का पेड़ हजारों-लाखों में बिक जाता है।

हमारे देश में सागौन की क्वालिटी इतनी शानदार है कि केरल के नीलांबुर सागौन को सरकार ने GI टैग तक दे दिया। लेकिन सागौन की खेती इतनी आसान नहीं, इसमें मेहनत और समझदारी दोनों चाहिए। आज हम बात करेंगे कि सागौन की खेती कैसे करें, इसके पौधे कैसे तैयार करें, और इससे कमाई कैसे बटोरी जाए।

सागौन की रोपाई का सही तरीका

सागौन का पेड़ लगाना कोई रॉकेट साइंस नहीं, लेकिन इसके लिए सही तरीका अपनाना जरूरी है। गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले खेत की अच्छे से जुताई कर लें। खेत में 60 सेंटीमीटर लंबा, चौड़ा और गहरा गड्ढा खोदें। गड्ढों के बीच की दूरी कम-से-कम 2 से 3 मीटर रखें। अगर आप सागौन को दूसरी फसलों के साथ उगाना चाहते हैं, तो पंक्तियों के बीच 4 से 6 मीटर की दूरी रखें। गड्ढे में 8-10 किलो गोबर की खाद डालें और उसमें 200-250 ग्राम नीम की खली मिलाएँ। ये मिश्रण मिट्टी को पोषण देगा और कीड़ों से भी बचाएगा।

पहले साल हर पौधे को 50 ग्राम एनपीके उर्वरक दें। दूसरे साल इसे बढ़ाकर 100 ग्राम और तीसरे साल 150 ग्राम कर दें। अगर आप मॉनसून में सागौन के ठूंठ लगाना चाहते हैं, तो उसे जमीन में गाड़ने के बाद मिट्टी को अच्छे से दबाएँ, ताकि हवा न रहे। इस तरह रोपाई करने से पेड़ मजबूत होगा और जल्दी बढ़ेगा।

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सागौन की नर्सरी से कमाई

सागौन की खेती से कमाई सिर्फ पेड़ बेचकर ही नहीं, बल्कि नर्सरी से भी हो सकती है। गाँव में सागौन की पौध की माँग हमेशा रहती है, और एक अच्छी पौध 50 से 100 रुपये तक में बिक जाती है। नर्सरी तैयार करने के लिए सागौन के बीजों का इस्तेमाल करें। ये बीज सागौन के फल से मिलते हैं, जो बाहर से सख्त होते हैं। बीज को अंकुरित करने के लिए पहले उसे 24 घंटे पानी में भिगोएँ। फिर सख्त सतह पर फैलाकर 7-10 दिन तक धूप में सुखाएँ।

ऐसा करने से फल का सख्त छिलका कमजोर पड़ता है और अंकुरण अच्छा होता है। बड़े और स्वस्थ बीज चुनें, क्योंकि इनसे पौधे ज्यादा मजबूत बनते हैं। बीज को 10 मीटर लंबी, 1 मीटर चौड़ी और आधा मीटर ऊँची क्यारियों में बोएँ। करीब 40 दिन बाद अंकुर निकलने शुरू होंगे। इन पौधों को नर्सरी में तैयार करके बेचें, और आसानी से हजारों की कमाई करें।

सागौन की देखभाल

सागौन का पेड़ ज्यादा नखरे नहीं करता, लेकिन शुरुआती कुछ साल इसकी देखभाल जरूरी है। मॉनसून में पानी की जरूरत कम होती है, लेकिन गर्मी में हफ्ते में एक बार सिंचाई करें। खेत में घास-फूस ज्यादा न उगने दें, वरना ये पौधों का पोषण चुरा लेते हैं। कीड़ों से बचाने के लिए नीम के तेल का छिड़काव करें। हमारे गाँव में कई किसान नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर उसका स्प्रे करते हैं, जो सस्ता और असरदार है।

सागौन के पेड़ को 15-20 साल में काटा जा सकता है, लेकिन अगर आप इसे और समय दें, तो इसकी कीमत और बढ़ती है। सागौन की खेती में धैर्य चाहिए, लेकिन एक बार पेड़ तैयार हुआ, तो कमाई का रास्ता कई पीढ़ियों तक खुला रहता है।

क्यों है सागौन खास?

सागौन की लकड़ी इसलिए खास है, क्योंकि ये मजबूत, टिकाऊ और कीड़ों से सुरक्षित होती है। इसका रंग और बनावट इसे फर्नीचर के लिए पहली पसंद बनाती है। गाँव में कई किसान सागौन की खेती को अपनी बेटी की शादी या बच्चों की पढ़ाई का इंतजाम मानते हैं। ये एक ऐसी फसल है, जो कम मेहनत में लंबे समय तक फायदा देती है। अगर आपके पास खाली जमीन है, तो सागौन की खेती शुरू करें। ये न सिर्फ आपकी जेब भरेगी, बल्कि पर्यावरण को भी हरा-भरा रखेगी।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और मैंने संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं Krishitak.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। पिछले 3 वर्षों से मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाएं, और ग्रामीण भारत से जुड़े विषयों पर लेखन कर रहा हूं।

    Krishitak.com के माध्यम से मेरा उद्देश्य है कि देशभर के किसानों तक सटीक, व्यावहारिक और नई कृषि जानकारी आसान भाषा में पहुँचे। मेरी कोशिश रहती है कि हर लेख पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी साबित हो, जिससे वे खेती में आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें।

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