उत्तर प्रदेश में किसानों और युवाओं के लिए नई क्रांति: यहाँ के किसान अब सीखेंगे खेती के विदेशी तौर तरीके

CM Yogi Kisan Yojana: उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा कृषि उत्पादक राज्य, अब आधुनिक खेती और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने जा रहा है। यूपी एग्रीस और एआई प्रज्ञा प्रोजेक्ट्स, जो उत्तर प्रदेश सरकार और वर्ल्ड बैंक ने मिलकर शुरू किए हैं, 10 लाख किसानों को आधुनिक खेती की तकनीकों से जोड़ेगा और 10 लाख युवाओं को AI स्किल्स सिखाएगा। यह पहल न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 2025 में ये प्रोजेक्ट्स लाखों लोगों के जीवन को बदल देंगे। यह लेख इन योजनाओं की विशेषताओं, लाभों, और भविष्य के प्रभाव को विस्तार से बताएगा।

यूपी एग्रीस क्या है

यूपी एग्रीस (Uttar Pradesh Agriculture Growth and Rural Enterprise Ecosystem Strengthening) एक तकनीक-आधारित कृषि परियोजना है, जिसका उद्देश्य पूर्वांचल और बुंदेलखंड के 28 जिलों में खेती को आधुनिक बनाना है। इस प्रोजेक्ट के तहत 10 लाख किसानों को लाभ होगा, जिसमें 30% महिलाएं शामिल होंगी। यह परियोजना 4,000 करोड़ रुपये की है, जिसमें वर्ल्ड बैंक 2,737 करोड़ रुपये का ऋण देगा और उत्तर प्रदेश सरकार 1,166 करोड़ रुपये का योगदान देगी। ऋण की अवधि 35 वर्ष और ब्याज दर मात्र 1.23% है।

यह प्रोजेक्ट किसानों, मछुआरों, और कृषि-आधारित MSMEs को डिजिटल तकनीकों, जैसे AI-संचालित फसल निगरानी, सटीक खेती, और जलवायु-अनुकूल प्रथाओं से जोड़ेगा। 500 किसानों को विदेश में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा, ताकि वे विश्व की सर्वश्रेष्ठ कृषि तकनीकों को सीख सकें। पूर्वांचल के 21 जिले (श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, आदि) और बुंदेलखंड के 7 जिले (झांसी, ललितपुर, आदि) इस प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं।

एआई प्रज्ञा की विशेषताएं

एआई प्रज्ञा (Artificial Intelligence Programme for Resourcefulness, Awareness, Growth, and Youth Advancement) उत्तर प्रदेश को AI हब बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इस प्रोग्राम के तहत 10 लाख युवाओं को AI, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, और साइबरसिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह योजना शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और ग्रामीण विकास जैसे विभागों के सहयोग से लागू होगी।

प्रशिक्षण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में होगा, और पूरा होने पर प्रमाणपत्र दिया जाएगा। Microsoft, Intel, Amazon, Google, और HCL जैसी वैश्विक कंपनियां प्रशिक्षण में भागीदार हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां किसान, छात्र, शिक्षक, और स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं डिजिटल स्किल्स सीखेंगी। लखनऊ के एक युवा, रोहित यादव, ने बताया कि एआई प्रज्ञा ने उन्हें डेटा एनालिटिक्स में करियर बनाने का अवसर दिया।

यूपी एग्रीस के प्रमुख उद्देश्य

यूपी एग्रीस का लक्ष्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करना है। उत्तर प्रदेश देश में गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक और चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन छोटे और सीमांत किसानों को कम उत्पादकता और अपर्याप्त बुनियादी ढांचे की चुनौतियां झेलनी पड़ती हैं। यह प्रोजेक्ट AI4Sugar और AI4Rice जैसे प्रोग्राम्स के जरिए डेटा-आधारित निर्णय लेने को बढ़ावा देगा, जो सैटेलाइट इमेजरी, मिट्टी स्वास्थ्य, और मौसम पूर्वानुमान का उपयोग करते हैं।

10,000 महिला उत्पादक समूहों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा। जेवर हवाई अड्डे के पास एक एकीकृत कृषि-निर्यात हब भी बनाया जाएगा, जो किसानों को वैश्विक बाजारों से जोड़ेगा। गोरखपुर के एक किसान, अजय सिंह, ने बताया कि AI-संचालित सटीक खेती ने उनकी गन्ना फसल की उपज 15% बढ़ा दी। यह प्रोजेक्ट जलवायु परिवर्तन के खिलाफ टिकाऊ खेती को भी बढ़ावा देगा।

एआई प्रज्ञा के लाभ

एआई प्रज्ञा उत्तर प्रदेश के युवाओं को डिजिटल युग के लिए तैयार करेगा। यह प्रोग्राम रोजगार के अवसर बढ़ाएगा और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करेगा। 2025 में, जब भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, AI स्किल्स युवाओं को वैश्विक कंपनियों में नौकरी दिला सकती हैं। उदाहरण के लिए, वाराणसी की एक छात्रा, प्रिया मौर्या, ने एआई प्रज्ञा के तहत मशीन लर्निंग सीखी और एक टेक स्टार्टअप में इंटर्नशिप हासिल की।

यह प्रोग्राम ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल डिवाइड को कम करेगा। किसान और स्वयं सहायता समूह डिजिटल तकनीकों का उपयोग कर अपनी आय बढ़ा सकेंगे। सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस (CEG) इस प्रोग्राम का नोडल एजेंसी है, और जिला मजिस्ट्रेट स्थानीय स्तर पर निगरानी करेंगे।

तकनीकी प्रक्रिया और कार्यान्वयन

यूपी एग्रीस में AI-संचालित उपकरण, जैसे सटीक खेती और ड्रोन-आधारित फसल निगरानी, का उपयोग होगा। AI4Rice और AI4Sugar जैसी पहलें किसानों को मिट्टी, पानी, और मौसम के आधार पर सटीक निर्णय लेने में मदद करेंगी। 500 किसानों को इजरायल, नीदरलैंड, और जापान जैसे देशों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा।एआई प्रज्ञा में Microsoft और Google जैसे दिग्गजों के साथ साझेदारी की गई है। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उद्योग की मांगों के अनुसार डिज़ाइन किए गए हैं, जिसमें प्रैक्टिकल प्रोजेक्ट्स और इंटर्नशिप शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल वैन और सामुदायिक केंद्रों के जरिए प्रशिक्षण पहुंचाया जाएगा।

सरकार इन चुनौतियों से निपटने के लिए सक्रिय है। यूपी माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट (UP-MIP) जैसी योजनाएं जल-उपयोग दक्षता बढ़ा रही हैं। KVK और ICAR किसानों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। एआई प्रज्ञा के लिए मोबाइल ऐप और पोर्टल लॉन्च किए गए हैं, जहां युवा ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।

लाभ कैसे लें

किसान अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या जिला कृषि कार्यालय में पंजीकरण कर यूपी एग्रीस का लाभ ले सकते हैं। 10,000 महिला उत्पादक समूहों के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। विदेश प्रशिक्षण के लिए ऑनलाइन आवेदन www.upagriculture.com पर उपलब्ध हैं।एआई प्रज्ञा के लिए युवा ai-pragya.up.gov.in पोर्टल पर रजिस्टर कर सकते हैं। प्रशिक्षण मुफ्त है, और प्रमाणपत्र रोजगार के अवसर खोलता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक केंद्रों और स्कूलों में ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा है।

प्रोजेक्ट्स का प्रभाव

2025 में यूपी एग्रीस 10 लाख किसानों की आय में 20-30% की वृद्धि करेगा। सटीक खेती और डिजिटल उपकरण फसल उत्पादकता को 15% तक बढ़ाएंगे। जेवर का कृषि-निर्यात हब निर्यात को 10% बढ़ाएगा। बुंदेलखंड और पूर्वांचल में क्षेत्रीय असमानताएं कम होंगी।एआई प्रज्ञा 10 लाख युवाओं को डिजिटल स्किल्स से लैस करेगा, जिससे 5 लाख से अधिक नौकरियां और 1,000 नए स्टार्टअप्स बनेंगे। उत्तर प्रदेश का स्टार्टअप इकोसिस्टम, जो 2014 से 8.6 बिलियन डॉलर का निवेश आकर्षित कर चुका है, और मजबूत होगा। नोएडा और लखनऊ AI हब के रूप में उभरेंगे।

यूपी एग्रीस और एआई प्रज्ञा उत्तर प्रदेश के लिए एक नई क्रांति का प्रतीक हैं। ये प्रोजेक्ट्स किसानों को आधुनिक खेती और युवाओं को डिजिटल स्किल्स से जोड़कर ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे। वर्ल्ड बैंक, Microsoft, और ICAR जैसे भागीदारों का सहयोग इसे विश्वसनीय बनाता है। 2025 में ये योजनाएं उत्तर प्रदेश को भारत का ग्रोथ इंजन बनाएंगी। किसान और युवा आज ही पंजीकरण करें और इस अवसर का लाभ उठाएं।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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