खरीफ सीजन 2025 की बुवाई शुरू हो चुकी है, और किसान भाई धान, मक्का, और दलहन की फसलों की तैयारी में जुटे हैं। इस सीजन में खाद की जरूरत सबसे ज्यादा होती है, और जिले में इसके वितरण को आसान करने के लिए प्रशासन ने पूरी व्यवस्था की है। कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने कृषि और राजस्व विभाग को निर्देश दिए हैं कि किसानों को खाद लेने में कोई परेशानी न हो। 79 पैक्स सोसायटियों के जरिए खाद बांटा जा रहा है, और गर्मी को देखते हुए वितरण केंद्रों पर छाया और पानी का इंतजाम भी किया गया है।
खाद की उपलब्धता और वितरण
जिले में खरीफ सीजन के लिए खाद का अच्छा स्टॉक है। अभी 37,792 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है, जिसमें यूरिया 9,422 टन, डीएपी 3,227 टन, एनपीके 7,983 टन, एसएसपी 16,569 टन, और एमओपी 591 टन शामिल है। सीजन शुरू होने से अब तक 7,129 टन खाद बांटा जा चुका है। इसमें यूरिया 2,580 टन, डीएपी 2,250 टन, एनपीके 499 टन, एसएसपी 1,774 टन, और एमओपी 26 टन है।
उप संचालक कृषि डॉ. यू.एस. तोमर ने बताया कि 20 मई 2025 को 79 पैक्स सोसायटियों को 25 टन डीएपी और 25 टन एनपीके की आपूर्ति की जाएगी। मध्य भारत एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड से 1,380 टन एनपीके की रैक भी आएगी, जो डबल लॉक गोदामों और सहकारी समितियों के जरिए बांटी जाएगी। अगले हफ्ते आईपीएल कंपनी से डीएपी और एनपीके की और आपूर्ति होने की उम्मीद है।
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खाद लेने का सही तरीका
किसान भाइयों को जिला मुख्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। जिले की 86 सहकारी समितियों में से 79 को खाद की आपूर्ति शुरू हो चुकी है। चाहे कोई किसान ऋणी हो या अऋणी, नगद भुगतान करके नजदीकी पैक्स सोसायटी या तहसील से खाद लिया जा सकता है। इससे समय और मेहनत दोनों बचते हैं। गर्मी को देखते हुए वितरण केंद्रों पर मार्कफेड ने छाया और पानी की व्यवस्था की है, ताकि लंबी कतारों में किसानों को तकलीफ न हो। अगर किसी सोसायटी में खाद की कमी हो, तो जिला कृषि कार्यालय में शिकायत दर्ज की जा सकती है। ये व्यवस्था किसानों को आसानी से खाद दिलाने के लिए बनाई गई है।
डीएपी की कमी में क्या करें
खरीफ सीजन में डीएपी की मांग बढ़ने से कभी-कभी इसकी कमी हो जाती है। ऐसे में किसान भाई परेशान न हों। डीएपी की जगह एनपीके (12:32:16, 16:16:16, या 20:20:0:13) और नैनो डीएपी का इस्तेमाल किया जा सकता है। एनपीके में नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश होते हैं, जो फसलों की जड़ों को ताकत देते हैं और पैदावार बढ़ाते हैं। नैनो डीएपी का छिड़काव 4 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर 50-60 दिन की फसल पर करना चाहिए। इसे सुबह या शाम के समय फ्लेट फैन नोजल से छिड़कना बेहतर है। ध्यान रहे, नैनो डीएपी को कीटनाशक या खरपतवारनाशी के साथ नहीं मिलाना चाहिए। ये विकल्प खेती को सस्ता और फायदेमंद बनाते हैं।
नकली खाद से कैसे बचें
खरीफ सीजन में नकली खाद और कालाबाजारी की शिकायतें बढ़ जाती हैं। कुछ दुकानदार डीएपी के साथ नैनो डीएपी या दूसरी चीजें जबरदस्ती बेचते हैं। किसान भाइयों को सलाह है कि खाद सिर्फ अधिकृत सहकारी समितियों या लाइसेंसधारी दुकानों से खरीदें। यूरिया की 45 किलो की बोरी 266.50 रुपये और डीएपी की 50 किलो की बोरी 1,350 रुपये में मिलनी चाहिए। अगर कोई ज्यादा दाम मांगता है या नकली खाद बेचता है, तो जिला कृषि कार्यालय या स्थानीय हेल्पलाइन पर शिकायत करें। नकली खाद की पहचान के लिए बोरी पर कंपनी का लोगो, बैच नंबर, और कीमत चेक करें।
खरीफ सीजन में धान, मक्का, और दलहन की बुवाई के लिए खाद का सही समय पर इस्तेमाल जरूरी है। किसान भाई पहले से खाद का स्टॉक रखें, ताकि पीक सीजन में कमी न हो। मिट्टी की जांच के लिए नजदीकी कृषि कार्यालय में सैंपल जमा करें, ताकि सही खाद का इस्तेमाल हो। सहकारी समितियों से संपर्क बनाए रखें और किसी भी दिक्कत के लिए जिला प्रशासन से संपर्क करें। ये कदम खेती को आसान और फायदेमंद बनाएंगे।
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