भारत में पशुपालन एक प्रमुख व्यवसाय है, जो किसानों की आमदनी का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता है। खासकर देसी गायों का पालन करने से न केवल गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पादन बढ़ता है, बल्कि किसानों को सरकारी योजनाओं के तहत आर्थिक मदद भी मिलती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मिनी नंदिनी गाय पालन योजना शुरू की है.
मिनी नंदिनी योजना क्या है?
मिनी नंदिनी योजना के तहत किसानों को देसी नस्ल की गायों का पालन करना अनिवार्य होगा। इन नस्लों में साहीवाल, गिर और थारपारकर प्रमुख रूप से शामिल हैं। इस योजना के अंतर्गत सरकार सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे किसान डेयरी व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। यह योजना विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति को सशक्त कर सकें।
सरकार इस योजना के तहत किसानों को 50% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। इससे गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को बाजार में अच्छी कीमत मिलेगी। इसके अलावा, यह योजना रोजगार के नए अवसर पैदा करने में मदद करेगी। देसी नस्ल की गायों के संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए इस योजना को लागू किया गया है, जिससे स्थानीय नस्लों का संवर्धन हो सके।
मिनी नंदिनी योजना के तहत कितना अनुदान मिलेगा?
किसानों को कम से कम 10 देसी गायों की डेयरी इकाई स्थापित करनी होगी। इस पूरी प्रक्रिया में 20 से 23 लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है, जिसमें सरकार 50% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। यानी किसान को केवल आधी राशि का ही प्रबंध करना होगा, जिससे उसकी आर्थिक बोझ कम होगा।
यदि किसान बड़े स्तर पर गाय पालन करना चाहते हैं, तो नंदिनी योजना के तहत वे 25 स्वदेशी गायों का पालन कर सकते हैं। यह योजना 62 लाख रुपये की है, जिसमें 50% की सब्सिडी दी जा रही है।
आवेदन प्रक्रिया कैसे करें?
अगर आप मिनी नंदिनी योजना या नंदिनी योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश डेयरी विकास विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://updairydevelopment.gov.in पर जाकर फॉर्म भरना होगा। सभी आवेदन पत्रों की जांच के बाद योग्य आवेदकों को योजना का लाभ दिया जाएगा।
योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, पशुपालन का अनुभव प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर और निवास प्रमाण पत्र देना होगा। महिला पशुपालकों को इस योजना में प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
कौन नहीं उठा सकता इस योजना का लाभ?
जिसके पास कम से कम 3 वर्षों का पशुपालन अनुभव नहीं है, वह इस योजना का लाभ नहीं उठा सकता। साथ ही, जिसके पास 0.20 एकड़ भूमि डेयरी यूनिट के लिए और 0.80 एकड़ भूमि हरे चारे के उत्पादन के लिए उपलब्ध नहीं है, वह इस योजना के लिए योग्य नहीं होगा। यदि किसी किसान ने पहले से किसी अन्य सरकारी पशुपालन योजना का लाभ लिया है, तो वह इस योजना के तहत आवेदन नहीं कर सकता।
मिनी नंदिनी योजना और नंदिनी योजना किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी अवसर हैं, जिससे वे स्वदेशी गायों का पालन करके अच्छी आमदनी कमा सकते हैं। इन योजनाओं से स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे, गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय नस्लों का संरक्षण संभव होगा।
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