SUGARCANE PAYMENT IN UP: गन्ना किसान भाइयों, योगी सरकार ने आपके हक को सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं, जिसका असर अब खेतों और जेबों में दिख रहा है। पेराई सत्र 2024-25 में 122 चीनी मिलों में से 65 ने अपने गन्ना मूल्य का पूरा भुगतान कर दिया है, और 22 मिलों ने 84 फीसदी से ज्यादा भुगतान पूरा किया है। सरकार की सख्ती और रोज़ाना निगरानी से भुगतान में तेजी आई है। किसानों के लिए यह राहत की खबर है, क्योंकि अब आपका मेहनत का पैसा समय पर आपके खाते में पहुँच रहा है।
गन्ना भुगतान सरकार की पहली प्राथमिकता
योगी सरकार ने गन्ना किसानों को समय पर भुगतान दिलाने को अपनी सबसे बड़ी जिम्मेदारी माना है। गन्ना आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि सरकार हर दिन भुगतान की प्रगति पर नज़र रख रही है। मुख्यालय से लेकर गाँव के स्तर तक इसकी निगरानी हो रही है। चीनी मिलों को साफ निर्देश हैं कि वे किसानों का पैसा जल्द से जल्द उनके खाते में डालें। इस सख्ती का नतीजा है कि 122 चीनी मिलों में से 65 ने 100 फीसदी भुगतान कर दिया है।
लापरवाह मिलों पर सख्त कार्रवाई
कुछ चीनी मिलें जो भुगतान में देरी कर रही थीं, उनके खिलाफ सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। बरखेड़ा (पीलीभीत), मकसूदापुर (शाहजहांपुर), बहेड़ी और नवाबगंज (बरेली), कुन्दुरखी (गोण्डा), और मलकपुर (बागपत) जैसी छह मिलों पर बार-बार चेतावनी के बाद भी भुगतान न करने की वजह से वसूली प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं। यह प्रमाण-पत्र जिला प्रशासन को बकाया वसूलने का अधिकार देता है, जैसे कि भू-राजस्व की वसूली होती है। इसका मतलब है कि अब इन मिलों को किसानों का पैसा जल्द से जल्द देना होगा, वरना उनकी संपत्ति तक ज़ब्त हो सकती है। यह कदम किसानों के लिए बड़ा संबल है।
भुगतान में तेजी
गन्ना आयुक्त ने बताया कि 122 में से 65 चीनी मिलों ने पूरा भुगतान कर दिया है, और 22 मिलों ने 84 फीसदी से ज्यादा भुगतान पूरा किया है। यह प्रगति सरकार की रोज़ाना समीक्षा और सख्त निर्देशों का नतीजा है। पहले जहाँ किसानों को अपने पैसे के लिए चीनी मिलों के चक्कर काटने पड़ते थे, अब नोटिस और अनुश्रवण से भुगतान की प्रक्रिया तेज़ हो गई है। मई 2025 तक 83.8 फीसदी भुगतान पूरा हो चुका था, जो 34,466.22 करोड़ रुपये में से 28,873.55 करोड़ रुपये है।
अगले सत्र में मिलों पर और सख्ती
योगी सरकार ने साफ कर दिया है कि जो चीनी मिलें भुगतान में लापरवाही बरतेंगी, उनके लिए अगले पेराई सत्र में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गन्ना आयुक्त ने चेतावनी दी है कि ऐसी मिलों का गन्ना क्षेत्रफल कम किया जा सकता है। यानी, जिन मिलों ने समय पर भुगतान नहीं किया, उन्हें अगले सत्र में कम गन्ना खरीदने की अनुमति मिलेगी। यह कदम उन मिलों पर दबाव बनाएगा जो किसानों के पैसे रोक रही हैं।
सरकार न सिर्फ़ भुगतान की प्रक्रिया को तेज़ कर रही है, बल्कि नई तकनीकों और योजनाओं से खेती को भी मज़बूत कर रही है। गन्ना आयुक्त ने बताया कि सरकार मृदा स्वास्थ्य कार्ड, बेहतर बीज, और ड्रिप सिंचाई जैसी तकनीकों को बढ़ावा दे रही है। गाँव के किसानों को सलाह है कि वे अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें, जहाँ वैज्ञानिक आपको सही बीज और खेती के तरीके बताएँगे। अगर आपकी चीनी मिल भुगतान में देरी कर रही है, तो जिला गन्ना अधिकारी से शिकायत करें।
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