धान की नर्सरी में करें ये 5 जादुई उपाय, फसल होगी लाजवाब और मुनाफा होगा दोगुना

5 Tips For Yeilding Paddy Nursery: धान की खेती का समय आ गया है, और गेहूं की कटाई को एक महीने से ज्यादा बीत चुका है। अब किसान भाई धान की नर्सरी की तैयारी में जुट गए हैं। अगर शुरुआत सही हो, तो फसल शानदार होती है और बाद में परेशानियाँ कम रहती हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि सही बीज, खेत की तैयारी, पोषक तत्वों का ध्यान, और सही रोपाई से न सिर्फ पैदावार बढ़ती है, बल्कि मुनाफा भी दोगुना हो सकता है। प्रो. अशोक कुमार सिंह जैसे विशेषज्ञों ने धान की नर्सरी के लिए कुछ आसान और कारगर सलाह दी हैं।

बीज का सही चयन

धान की खेती की नींव सही बीज से शुरू होती है। हर क्षेत्र की मिट्टी और मौसम अलग होता है, इसलिए बीज चुनते वक्त अपनी ज़रूरत देखें। कहीं मोटा धान अच्छा चलता है, तो कहीं पतला। अगर आपका खेत बाढ़ वाले इलाके में है, तो ऐसी किस्म चुनें जो पानी सहन कर सके। अच्छी किस्म का बीज बाजार से लें, जो प्रमाणित हो। सही बीज से नर्सरी मज़बूत होगी और फसल की शुरुआत अच्छी होगी।

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खेत की तैयारी

नर्सरी लगाने से पहले खेत को अच्छे से तैयार करना ज़रूरी है। खेत की जुताई करें और खरपतवार को पूरी तरह साफ कर दें। अगर खरपतवार ज़्यादा हो, तो कृषि विशेषज्ञ की सलाह से खरपतवारनाशी दवा का इस्तेमाल करें। नर्सरी के लिए पूरे खेत का दसवां हिस्सा यानी 1/10 क्षेत्र काफी होता है। मिट्टी को समतल करें, ताकि पानी एक जगह जमा न हो। इससे नर्सरी में बीज अच्छे से उगते हैं और पौधे स्वस्थ रहते हैं।

बीज की भिगोने और छिटाई की प्रक्रिया

बीज को तैयार करना भी उतना ही ज़रूरी है। बाजार से लाए बीज को रातभर पानी में भिगो दें। सुबह इन बीजों को पानी भरे खेत में छिटक दें। शाम को या अगले दिन खेत का पानी निकाल दें। गर्मी के मौसम में अगर आप जल्दी बुवाई कर रहे हैं, तो खेत में पानी की पक्की व्यवस्था रखें। करीब 18 दिन में नर्सरी रोपाई के लिए तैयार हो जाएगी। इस दौरान खेत को सूखने न दें, लेकिन ज्यादा गीलापन भी न रखें, वरना रोग लग सकते हैं।

नर्सरी की देखभाल

नर्सरी में पौधों की सेहत का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। कई बार मिट्टी में जिंक और गंधक जैसे पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। अगर पौधे पीले पड़ने लगें, तो तुरंत इन तत्वों की पूर्ति करें। कृषि विशेषज्ञों की सलाह से जिंक और गंधक की सही मात्रा डालें। इससे पौधे मज़बूत होंगे और उनकी शुरुआती बढ़ोतरी अच्छी होगी। नर्सरी में पानी का भी ध्यान रखें, ताकि पौधे न तो सूखें और न ही ज्यादा गीले रहें।

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सही रोपाई से बढ़ेगी पैदावार

जब नर्सरी के पौधे तैयार हो जाएं, तो उन्हें सही दूरी पर रोपें। पौधों को 15-20 सेंटीमीटर की कतारों में और 10-15 सेंटीमीटर की पौधे-से-पौधे की दूरी पर लगाएं। ये तरीका पौधों को पर्याप्त जगह देता है, जिससे वो स्वस्थ रहते हैं और रोगों का खतरा कम होता है। सही दूरी से हवा और धूप भी पौधों को अच्छे से मिलती है, जिससे फसल की पैदावार बढ़ती है।

सावधानी से मिलेगी बंपर फसल

धान की नर्सरी अगर सही तरीके से तैयार की जाए, तो पूरी फसल की नींव मज़बूत हो जाती है। सही बीज, खेत की तैयारी, पोषक तत्व, और रोपाई का ध्यान रखने से न सिर्फ पैदावार बढ़ती है, बल्कि खेती में परेशानियाँ भी कम होती हैं। अगर आप इन छोटे-छोटे कदमों पर ध्यान दें, तो मुनाफा दोगुना हो सकता है। अपने नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह लें और सही समय पर सही कदम उठाएं।

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  • Shashikant

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