उत्तर प्रदेश में पशुपालन, मछली पालन, और वन क्षेत्र ने 2023-24 में कमाई के नए रास्ते खोले हैं। जिला घरेलू उत्पाद के ताजा आँकड़ों के मुताबिक, इन क्षेत्रों ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ताकत दी है। पूरे प्रदेश की कुल कमाई 25.63 लाख करोड़ रुपये रही, जिसमें पशुपालन, मछली पालन, और जंगलों का बड़ा योगदान रहा। यह किसानों के लिए खुशखबरी है, क्योंकि इन कामों से न सिर्फ उनकी आय बढ़ रही है, बल्कि गाँवों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है।
पशुपालन ने दिखाई ताकत
पशुपालन उत्तर प्रदेश की आर्थिक रीढ़ रहा है। 2023-24 में दूध उत्पादन 7% बढ़कर 388 लाख टन तक पहुँच गया। बुलंदशहर, मेरठ, आगरा, अलीगढ़, और आजमगढ़ जैसे जिले दूध उत्पादन में सबसे आगे रहे। इन जिलों ने पशुपालन के जरिए प्रदेश की कमाई में 1.67 लाख करोड़ रुपये जोड़े, जो कुल कमाई का 7.1% हिस्सा है। अंडा उत्पादन में भी जबरदस्त उछाल देखा गया। पिछले साल के 12.8% की तुलना में इस साल अंडा उत्पादन 29.8% बढ़ा। बुलंदशहर ने 8.75 हजार करोड़ रुपये के साथ पशुपालन में सबसे ज्यादा योगदान दिया, जबकि मेरठ, अलीगढ़, आगरा, और सहारनपुर भी पीछे नहीं रहे। यह आँकड़े दिखाते हैं कि पशुपालन अब गाँवों के लिए बड़ा धंधा बन गया है।
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मछली पालन से चमके तालाब
तालाब अब सिर्फ पानी का स्रोत नहीं, बल्कि कमाई का जरिया भी बन गए हैं। 2023-24 में मछली उत्पादन 26.4% बढ़कर 11.56 लाख टन तक पहुँच गया। इस क्षेत्र ने प्रदेश की कमाई में 19,071 करोड़ रुपये का योगदान दिया। झांसी, बहराइच, हरदोई, खीरी, और महोबा जैसे जिले मछली पालन में सबसे आगे रहे। बहराइच के मछुआरों ने अपने तालाबों को मुनाफे का केंद्र बना लिया है। सरकार की मत्स्य संपदा योजना ने भी मछली पालन को बढ़ावा देने में मदद की है। इस योजना के तहत किसान मछली के बीज और ट्रेनिंग के लिए सहायता ले सकते हैं। यह गाँवों के लिए कमाई का नया और आसान रास्ता है।
जंगल भी बने कमाई का साधन
प्रदेश के जंगल और वन क्षेत्र भी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। 2023-24 में वन क्षेत्र ने 25,859 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जो पिछले साल से 3.9% ज्यादा है। सोनभद्र, खीरी, मिर्जापुर, सहारनपुर, और पीलीभीत जैसे जिले जंगल से होने वाली कमाई में सबसे आगे रहे। इन जिलों ने वन क्षेत्र की कुल कमाई का 26% हिस्सा दिया। जंगलों से लकड़ी, जड़ी-बूटियाँ, और अन्य संसाधन गाँवों के लिए आय का स्रोत बन रहे हैं। सरकार की वृक्षारोपण योजनाएँ भी इस काम को और आसान बना रही हैं।
पशुपालन, मछली पालन, और वन क्षेत्र ने उत्तर प्रदेश को नई ताकत दी है। बुलंदशहर और मेरठ जैसे जिले पशुपालन में, झांसी और बहराइच मछली पालन में, और सोनभद्र-खीरी जंगल के कामों में आगे हैं। महोबा, झांसी, अंबेडकरनगर, अयोध्या, और ललितपुर जैसे जिले भी कमाई में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यह आँकड़े दिखाते हैं कि गाँवों में नए अवसर पैदा हो रहे हैं। किसान और मछुआरे अपने नजदीकी कृषि केंद्रों से संपर्क करके पीएम-किसान और मत्स्य संपदा जैसी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। इन कामों से न सिर्फ गाँवों की कमाई बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी और मजबूत होगी।
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