धौलपुर जिले का आलू अब सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं रहेगा। राजस्थान सरकार ने इसे पंच गौरव योजना में शामिल करके जिले की खेती को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का फैसला किया है। पिछले कुछ सालों में धौलपुर में आलू की शानदार पैदावार ने सबका ध्यान खींचा है। इस कदम से न सिर्फ किसानों की कमाई बढ़ेगी, बल्कि जिले की अर्थव्यवस्था को भी मज़बूती मिलेगी। साथ ही, स्थानीय युवाओं और महिलाओं को रोजगार के नए मौके मिलेंगे। यह योजना धौलपुर को आलू उत्पादन और प्रसंस्करण का एक बड़ा केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
धौलपुर का आलू क्यों है खास
धौलपुर की मिट्टी और मौसम आलू की खेती के लिए बहुत मुफीद है। यहाँ उगने वाला सफेद आलू अपनी उच्च गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। इसकी मांग न सिर्फ स्थानीय बाजारों में है, बल्कि बड़ी कंपनियाँ जैसे पेप्सीको इसे चिप्स बनाने के लिए खरीदती हैं। आंकड़ों की बात करें, तो साल 2022-23 में धौलपुर में 6,366 हेक्टेयर जमीन पर आलू की खेती हुई, जिससे 1,26,110 टन आलू पैदा हुआ। वहीं, साल 2023-24 में 5,521 हेक्टेयर पर खेती करके 1,09,370 टन आलू का उत्पादन हुआ। यह आलू अपनी खास बनावट और स्वाद के कारण बाजार में अलग पहचान रखता है।
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पंच गौरव योजना से किसानों को फायदा
पंच गौरव योजना का मकसद धौलपुर के किसानों को आर्थिक रूप से मज़बूत करना है। इस योजना के तहत सरकार कई तरह की मदद दे रही है। धौलपुर के 250 किसानों को शिमला भेजा जाएगा, जहाँ उन्हें आलू की आधुनिक खेती की ट्रेनिंग दी जाएगी। अगले पाँच सालों में इस योजना के लिए हर साल एक करोड़ रुपये खर्च किए जाएँगे, यानी कुल पाँच करोड़ रुपये। किसानों को रोग-प्रतिरोधी और ज़्यादा पैदावार देने वाले बीज दिए जाएँगे। साथ ही, ड्रिप इरिगेशन जैसी नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। जैविक और टिकाऊ खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि मिट्टी की सेहत बनी रहे और पैदावार बढ़े।
इस योजना में सिर्फ आलू की खेती ही नहीं, बल्कि उसे प्रोसेस करने और बेचने पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। धौलपुर में आलू चिप्स, स्टार्च, और अन्य उत्पाद बनाने वाली छोटी-छोटी इकाइयाँ लगाई जाएँगी। इन इकाइयों को चलाने के लिए स्थानीय लोगों को ट्रेनिंग और तकनीकी मदद दी जाएगी। किसान अपने आलू को बड़े कॉमर्स प्लेटफॉर्म और सुपरमार्केट चेन के जरिए बेच सकेंगे। इससे उनकी कमाई में इज़ाफा होगा और आलू की बिक्री आसान हो जाएगी। धौलपुर में पहले से मौजूद 35 कोल्ड स्टोरेज भी इस काम में मदद करेंगे, क्योंकि इनमें आलू को लंबे समय तक ताज़ा रखा जा सकता है।
युवाओं और महिलाओं को रोजगार
पंच गौरव योजना से धौलपुर में रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। आलू प्रसंस्करण इकाइयों और कोल्ड स्टोरेज से जुड़े काम स्थानीय युवाओं को नौकरी देंगे। इससे गाँवों से शहरों की ओर पलायन कम होगा। इसके अलावा, महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों को भी इस योजना में खास तवज्जो दी जा रही है। उन्हें आलू की खेती और प्रसंस्करण से जुड़े छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहन और ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे महिलाएँ आत्मनिर्भर बनेंगी और परिवार की आमदनी बढ़ेगी।
धौलपुर के जिला कलक्टर श्रीनिधि बीटी ने कहा कि पंच गौरव योजना से जिले को बहुत बड़ा फायदा होगा। यह योजना न सिर्फ खेती को बढ़ावा देगी, बल्कि आलू आधारित छोटे उद्योगों को भी मज़बूती देगी। इससे स्थानीय व्यापार को नई गति मिलेगी और धौलपुर आलू उत्पादन और प्रसंस्करण का एक बड़ा केंद्र बन जाएगा। जिला प्रशासन इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसानों को हर तरह की मदद देने का वादा करता है।
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