बिहार सरकार ने निजी क्षेत्र में छोटी नर्सरी की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू की है, जो किसानों और उद्यमियों के लिए बड़ा मौका लेकर आई है। इसका मकसद राज्य में पौध उत्पादन को गति देना और लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत पात्र लोगों को वित्तीय सहायता दी जा रही है, जो उनके व्यवसाय को शुरू करने में मददगार साबित हो सकती है। हर हेक्टेयर के लिए ₹20 लाख की लागत तय की गई है, जिसमें सरकार 50% यानी ₹10 लाख की सब्सिडी देती है। ये राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में पहुँचती है, जो इस योजना को और विश्वसनीय बनाती है।
नर्सरी के लिए सरकार देगी 50% सब्सिडी
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत बिहार सरकार छोटी नर्सरी लगाने वाले किसानों को आर्थिक मदद दे रही है। इस योजना में सरकार कुल लागत का 50% सब्सिडी देती है। यानी अगर आप नर्सरी लगाने में 20 लाख रुपये खर्च करते हैं, तो सरकार 10 लाख रुपये अनुदान के रूप में देगी। यह राशि दो किस्तों में मिलेगी। पहली किस्त में 5 लाख रुपये तब मिलेंगे, जब आप नर्सरी का ढांचा तैयार कर लेंगे। दूसरी किस्त तब मिलेगी, जब आप अलग-अलग तरह के पौधे तैयार करना शुरू करेंगे। जहानाबाद के किसानों के लिए ये योजना कमाई का बड़ा जरिया बन सकती है, क्योंकि इससे न सिर्फ मुनाफा होगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर पौधों की जरूरत भी पूरी होगी।
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नर्सरी लगाने के लिए क्या चाहिए
नर्सरी शुरू करने के लिए आपको 1 से 2.5 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। सबसे पहले खेत में नर्सरी का ढांचा तैयार करना होगा। इसमें पॉली हाउस, पानी की टंकी, और ड्रिप इरिगेशन जैसी पटवन की सुविधा शामिल होनी चाहिए। गाँवों में अक्सर किसान भाई गोबर की खाद और नीम के पानी का इस्तेमाल करते हैं, जो पौधों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। ढांचा तैयार होने के बाद आपको इसका पूरा ब्यौरा जिला उद्यान कार्यालय में जमा करना होगा। अगर आपका प्रस्ताव सही पाया गया, तो उसे पटना भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने पर पहली किस्त आपके खाते में आ जाएगी। इस तरह, थोड़ी सी मेहनत से आप सरकार की मदद से नर्सरी शुरू कर सकते हैं।
नर्सरी से कमाई कैसे होगी
नर्सरी लगाने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि आपको पौधे बेचने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। आसपास के गाँवों में किसानों को फल, फूल, और सब्जियों के अच्छे पौधों की जरूरत रहती है। आप मांग के हिसाब से आम, लीची, अमरूद, पपीता, या गेंदा जैसे फूलों के पौधे तैयार कर सकते हैं। एक छोटी नर्सरी से सालाना 2-5 लाख रुपये की कमाई हो सकती है, और अगर आप बड़े स्तर पर काम करें, तो मुनाफा और बढ़ सकता है। साथ ही, सरकार की सब्सिडी से आपकी लागत आधी हो जाएगी, जिससे मुनाफा और बढ़ेगा। गाँव के छोटे किसानों के लिए ये योजना किसी वरदान से कम नहीं है।
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आवेदन कैसे करें
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपको बिहार कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (horticulture.bihar.gov.in) पर जाना होगा। वहां राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत नर्सरी सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अगर ऑनलाइन आवेदन में दिक्कत हो, तो अपने नजदीकी जिला उद्यान कार्यालय या ब्लॉक उद्यान कार्यालय से संपर्क करें। आवेदन के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जमीन के कागजात, और पासपोर्ट साइज फोटो जैसे दस्तावेज चाहिए होंगे। जहानाबाद के उद्यान कार्यालय के अधिकारी आपकी पूरी मदद करेंगे। बिहार सरकार ने पूरे राज्य के लिए 10 नर्सरी का लक्ष्य रखा है, तो जल्दी आवेदन करें, क्योंकि ये योजना पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर है।
बिहार सरकार की ये योजना खेती से जुड़े लोगों और उद्यमियों के लिए वरदान है। छोटी नर्सरी की स्थापना से आप पौध उत्पादन का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। ये योजना न सिर्फ़ आपकी आर्थिक स्थिति सुधारेगी, बल्कि राज्य में हरियाली भी बढ़ाएगी। तो देर न करें, आज ही वेबसाइट पर जाकर आवेदन करें और इस मौके का फायदा उठाएँ। आपकी मेहनत से एक नई शुरुआत हो सकती है, जो आने वाले वक्त में फलदायी साबित होगी।
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