Gajar Ghas Ko Kaise Khatm karen: गाजर घास हमारे खेतों के लिए किसी दुश्मन से कम नहीं। ये जंगली पौधा इतनी तेजी से फैलता है कि फसलों को पनपने का मौका ही नहीं देता। न सिर्फ ये खेतों की पैदावार घटाता है, बल्कि इंसानों और मवेशियों की सेहत के लिए भी मुसीबत बनता है। मिट्टी की ताकत को भी ये धीरे-धीरे चूस लेता है। लेकिन चिंता की बात नहीं, सही समय पर सही कदम उठाकर इस घास से छुटकारा पाया जा सकता है। आइए जानते हैं, कैसे देसी और आसान तरीकों से गाजर घास को खेतों से भगाया जाए, ताकि फसलें लहलहाएँ और मुनाफा बढ़े।
गाजर घास इतनी खतरनाक क्यों (Gajar Ghas Ko Kaise Khatm karen)
ये जंगली घास खेतों में फसलों की जिंदगी छीन लेती है। खेत की नमी, पोषक तत्व और जगह पर ये कब्जा जमा लेती है, जिससे धान, मक्का, सोयाबीन जैसी फसलों को बढ़ने का मौका नहीं मिलता। गाँवों में कई बार लोग इस घास को छूने से खुजली, त्वचा की जलन या साँस की तकलीफ से जूझते हैं। मवेशी अगर इसे खा लें, तो उनके लिए ये जहर का काम करती है। सबसे बड़ी मुसीबत ये है कि ये मिट्टी की उर्वरता को कमजोर कर देती है, जिससे खेत बंजर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, इसे जड़ से मिटाना हर किसान भाई के लिए जरूरी है।
जड़ से उखाड़ें
गाजर घास से निपटने का सबसे पुराना और आसान तरीका है इसे जड़ समेत उखाड़ना। मानसून की बारिश के बाद, जब मिट्टी नरम हो जाती है, तब ये काम सबसे अच्छा होता है। खेत में घास को देखते ही उसे उखाड़ लें, ताकि वो फूल या बीज न बना सके। लेकिन सावधानी बरतें उखाड़ते वक्त दस्ताने और मास्क जरूर पहनें, वरना त्वचा पर जलन हो सकती है। उखाड़ी हुई घास को खेत से दूर ले जाकर नष्ट करें। इसे जलाने की गलती न करें, क्योंकि इसके बीज हवा में उड़कर दूसरी जगह फैल सकते हैं। ये मेहनत भरा काम है, लेकिन छोटे खेतों के लिए कारगर है।
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बीटल की मदद

प्रकृति में गाजर घास का भी एक दुश्मन है, जिसे Zygogramma bicolorata बीटल कहते हैं। ये छोटा-सा कीट गाजर घास के पत्तों को चट कर जाता है, जिससे घास कमजोर पड़ती है और धीरे-धीरे खत्म हो जाती है। ये तरीका खेतों के लिए बिल्कुल सुरक्षित है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुँचाता। अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या कृषि विभाग से संपर्क करें, जहाँ से आपको ये बीटल मिल सकता है। गाँवों में कई किसान भाई इस तरीके को आजमा रहे हैं और अच्छे नतीजे देख रहे हैं। ये देसी और प्राकृतिक नुस्खा लंबे समय तक फायदा देता है।
रसायनों से सावधानी भरा नियंत्रण
जब गाजर घास ज्यादा फैल जाए, तो रसायनों की मदद लेनी पड़ सकती है। लेकिन ये काम सावधानी से करना जरूरी है। Glyphosate 41% SL को 1.5 लीटर प्रति एकड़ की मात्रा में तब छिड़कें, जब घास 4-6 पत्तों की हो। 2,4-D Sodium Salt 80% WP को 625 ग्राम प्रति एकड़ छोटी घास पर इस्तेमाल करें। अगर खेत में मक्का बोया है, तो Atrazine 50% WP 500 ग्राम प्रति एकड़ बुआई के तुरंत बाद छिड़क सकते हैं। छिड़काव के वक्त मास्क, दस्ताने और चश्मा पहनें, ताकि सेहत को नुकसान न हो। हवा न चल रही हो, तब रसायन छिड़कें, वरना दूसरी फसलों को नुकसान हो सकता है। सही मात्रा और समय का पालन करें, ताकि खेत और पर्यावरण सुरक्षित रहें।
खेती के देसी तरीके अपनाएँ
गाजर घास को खेतों में पनपने से रोकने के लिए कुछ देसी नुस्खे भी कमाल करते हैं। खेत की गहरी जुताई करें, ताकि घास के बीज ऊपर आ जाएँ और बारिश से पहले नष्ट हो जाएँ। समय पर निराई-गुड़ाई करें, ताकि घास को बढ़ने का मौका न मिले। लोबिया, ग्वार या मूंग जैसी घनी फसलों को बोएँ, जो गाजर घास को दबा देती हैं। खेतों में मल्चिंग का तरीका भी आजमाएँ पुआल या प्लास्टिक की चादर बिछाकर घास के अंकुरण को रोका जा सकता है। ये तरीके न सिर्फ गाजर घास को रोकते हैं, बल्कि मिट्टी की ताकत भी बनाए रखते हैं।
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गलतियाँ जो भारी पड़ सकती हैं
गाजर घास से निपटते वक्त कुछ गलतियाँ खेतों को और नुकसान पहुँचा सकती हैं। इसे खेत में जलाने की भूल न करें, क्योंकि इसके बीज हवा में उड़कर आसपास के खेतों में फैल सकते हैं। इसे पशुओं के लिए चारा बनाने की गलती भी न करें, क्योंकि ये उनके लिए जहर है। साथ ही, घास को बिना उखाड़े छोड़ देना भी ठीक नहीं, क्योंकि इसके बीज तेजी से फैलते हैं। खेत को साफ रखें और हर मौसम में इसकी निगरानी करें, ताकि ये फिर से न पनपे।
खेतों को बचाएँ
गाजर घास से लड़ना आसान नहीं, लेकिन सही तरीके अपनाकर इसे जड़ से मिटाया जा सकता है। चाहे जड़ से उखाड़ना हो, बीटल की मदद लेनी हो, रसायनों का सावधानी से इस्तेमाल करना हो, या देसी खेती के नुस्खे अपनाने हों हर तरीका तब काम करता है, जब आप समय पर कदम उठाएँ। अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से सलाह लें और खेत को इस जंगली घास से आजाद करें। जब खेत हरा-भरा होगा, तो आपकी फसलें लहलहाएँगी और जेब भी भरेगी। गाजर घास को हराकर अपनी मेहनत को फलने-फूलने दें।
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