आज के दौर में किसान नई तकनीकों और प्रयोगों के जरिए खेती को मुनाफे का सौदा बना रहे हैं। ऐसी ही एक कहानी है FLD (फ्रंट लाइन डेमोंस्ट्रेशन) तकनीक की, जिसने किसानों की जिंदगी बदल दी है। यह तकनीक न केवल फसलों को मौसम और कीटों से बचाती है, बल्कि किसानों को डबल मुनाफा भी दिला रही है। आइए जानते हैं कि कैसे यह तकनीक खेती के मैदान में एक नई क्रांति ला रही है!
क्या है FLD तकनीक? जानें इसके फायदे
FLD यानी फ्रंट लाइन डेमोंस्ट्रेशन खेती की एक आधुनिक तकनीक है, जिसमें प्लास्टिक के मंच (प्लेटफॉर्म) पर फसलें उगाई जाती हैं। यह तकनीक किसानों को मौसम, कीटों और पानी की कमी जैसी समस्याओं से निजात दिलाती है। जिला कृषि अधिकारी ज्ञानचंद्र शर्मा के मुताबिक, “इस तकनीक में ड्रिप इरिगेशन और फॉगिंग सिस्टम लगाया जाता है, जिससे पौधों को सही मात्रा में पानी मिलता है। नेट से घिरी यह यूनिट फसलों को धूप, बारिश और कीटों से बचाती है।”
FLD तकनीक के मुख्य लाभ:
- मौसम का कोई असर नहीं: नेट से ढकी FLD यूनिट फसलों को तेज धूप, ओलावृष्टि और अधिक बारिश से बचाती है।
- कीटों से सुरक्षा: नेट के कारण कीट फसलों तक नहीं पहुंच पाते, जिससे कीटनाशकों पर खर्च कम होता है।
- पानी की बचत: ड्रिप और फॉगिंग सिस्टम से पानी की बर्बादी रुकती है।
- जैविक खेती आसान: FLD में जैविक खाद का उपयोग करने पर उत्पाद की गुणवत्ता और कीमत दोनों बढ़ जाती है।
FLD तकनीक से कैसे करें शुरुआत?
FLD तकनीक को अपनाने के लिए सरकार किसानों को वित्तीय मदद देती है। इसके लिए आपको जिला उद्यान या कृषि विभाग से संपर्क करना होगा। FLD यूनिट बनाने में लगभग 5-10 लाख रुपए तक का खर्च आता है, लेकिन सरकारी अनुदान मिलने पर यह लागत कम हो जाती है।
मुख्य चरण:
- जगह का चुनाव: FLD यूनिट के लिए समतल और सुरक्षित जमीन चुनें।
- नेट और प्लास्टिक मंच: नायलॉन नेट और प्लास्टिक शीट से यूनिट तैयार करें।
- सिंचाई व्यवस्था: ड्रिप और फॉगिंग सिस्टम लगवाएं।
- उन्नत बीज: सरकारी एजेंसियों से गुणवत्ता वाले बीज प्राप्त करें।
- जैविक खाद: गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करें।
कौन-कौन सी फसलें उगाएं?
FLD तकनीक में खीरा, शिमला मिर्च, टमाटर, भिंडी, स्ट्रॉबेरी, मूली और धनिया जैसी फसलें उगाना फायदेमंद है। इस तकनीक से किसान हर सीजन में 2-3 गुना ज्यादा उत्पादन ले सकते हैं और बाजार में अच्छी कीमत पा सकते हैं।
सरकार कैसे करती है मदद?
बिहार सरकार की मुख्यमंत्री बागवानी योजना और राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत FLD तकनीक को अपनाने वाले किसानों को 50-60% तक का अनुदान मिलता है। इसके अलावा, कृषि विभाग मुफ्त में ट्रेनिंग और तकनीकी सहायता भी देता है।
क्यों है FLD तकनीक भविष्य की खेती?
- कम लागत, ज्यादा मुनाफा: पारंपरिक खेती के मुकाबले FLD में उत्पादन 2-3 गुना ज्यादा होता है।
- शहरी बाजारों तक पहुंच: जैविक और गुणवत्ता वाली फसलों की डिमांड शहरों में अधिक है।
- युवाओं को रोजगार: यह तकनीक युवाओं को खेती की ओर आकर्षित कर सकती है।
आप भी बदल सकते हैं अपनी किस्मत!
अगर आप भी खेती में नई तकनीकों को अपनाएं, तो न केवल अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा भी बन सकते हैं। FLD तकनीक आज के समय की जरूरत है, जो खेती को जोखिम भरा काम नहीं, बल्कि एक सुरक्षित व्यवसाय बना देती है। सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं और आधुनिक खेती की ओर कदम बढ़ाएं!
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