बरसात में बगिया को बनाएं जादुई! अपनाएं ये टिप्स और पौधे खिल उठेंगे फूलों से

Gardening Tips in Monsoon: बरसात का मौसम बगीचे को हरियाली से भर देता है, लेकिन इस दौरान पौधों की देखभाल न करने से नुकसान भी हो सकता है। ज्यादा नमी की वजह से गमलों में काई और फफूंद लगने का खतरा रहता है, जो पौधों की जड़ों को कमजोर कर सकता है। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं! कुछ आसान देसी उपायों और सही देखभाल से आप अपनी बगिया को हरा-भरा और स्वस्थ रख सकते हैं।

गार्डनिंग के जानकारों के मुताबिक, थोड़ी सी सावधानी और घरेलू नुस्खों से पौधों को नुकसान से बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं, बरसात में बगीचे की देखभाल के लिए क्या करें।

फफूंद से बचाव के लिए घरेलू नुस्खे

बरसात में गमलों में फफूंद लगना आम बात है, लेकिन इसे रोकना मुश्किल नहीं। गार्डनिंग एक्सपर्ट रमेश चंद्र बताते हैं कि नीम का तेल और सेब का सिरका इस समस्या का रामबाण इलाज हैं। एक लीटर पानी में नीम के तेल या सेब के सिरके की कुछ बूंदें मिलाकर पौधों पर छिड़काव करें। यह नुस्खा फफूंद को दूर रखता है और पौधों को नुकसान से बचाता है।

इसके अलावा, हल्दी का घोल भी चींटियों और फफूंद से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। बेकिंग सोडा भी मिट्टी और जड़ों से फफूंद हटाने में कारगर है। इसे हल्के-हल्के छिड़कें, ताकि पौधों पर कोई बुरा असर न पड़े। ये देसी उपाय सस्ते हैं और हर किसान के घर में आसानी से मिल जाते हैं।

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खरपतवार को कहें अलविदा

बरसात में खरपतवार तेजी से उग आते हैं और पौधों का पोषण छीन लेते हैं। इससे पौधों की बढ़त रुक सकती है। गार्डनिंग विशेषज्ञों का कहना है कि खरपतवार को फूल आने से पहले ही उखाड़ देना चाहिए। खुरपी या हंसिए की मदद से खरपतवार की जड़ों को पूरी तरह निकाल दें। इसके अलावा, मल्चिंग का तरीका भी बहुत फायदेमंद है।

मिट्टी पर सूखे पत्ते, अखबार या कार्डबोर्ड की परत बिछाने से खरपतवार की बढ़त रुकती है। सड़ी गोबर की खाद या घर की बनी कंपोस्ट न केवल मिट्टी को पोषण देती है, बल्कि खरपतवार को भी काबू में रखती है। ये जैविक तरीके रासायनिक दवाओं से कहीं बेहतर और पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं।

सही पौधों का मेलजोल बढ़ाए उत्पादन

पौधों को सही जोड़ी में लगाने से बगीचे को कई फायदे मिलते हैं। इसे कम्पेनियन गार्डनिंग कहते हैं। मिसाल के तौर पर, टमाटर के साथ गेंदा, अजवाइन या गाजर लगाना अच्छा रहता है। ये संयोजन कीटों को दूर रखता है, मिट्टी की सेहत सुधारता है और उत्पादन बढ़ाता है। लेकिन टमाटर के पास मक्का या गोभी लगाने से बचें, क्योंकि ये एक-दूसरे के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।

साथ ही, पौधे लगाने से पहले अच्छी क्वालिटी के बीज चुनें। अगर हो सके, तो अपने बगीचे के पौधों से ही बीज निकालकर इस्तेमाल करें। इससे पौधे स्वस्थ रहेंगे और खरपतवार का खतरा भी कम होगा।

काई हटाने के लिए करें मिट्टी की गुड़ाई

बरसात में गमलों की मिट्टी में काई जमना आम बात है। यह पौधों को धूप और पोषण से वंचित कर सकती है। इससे बचने के लिए काई को खुरचकर हटाएं और मिट्टी की हल्की गुड़ाई करें। गुड़ाई के बाद मिट्टी को दो-तीन दिन सूखने दें। फिर मिट्टी में राख, कोयला या सड़ा गोबर डालें। यह तरीका काई को हटाने के साथ-साथ मिट्टी को पोषण भी देता है। साथ ही, गमलों में जल निकासी का सही इंतजाम करें, ताकि पानी जमा न हो। इससे जड़ें सड़ने से बचेंगी और पौधे स्वस्थ रहेंगे।

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  • Shashikant

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