जानें क्या है, मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना, जो किसानों के लिए बन रहा है संबल

किसान भाइयों, आपके खेतों की मेहनत देश का पेट भरती है, और अब उत्तर प्रदेश सरकार आपके हर सुख-दुख में साथ खड़ी है। मुख्यामंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अम्बेडकरनगर के शिवबाबा मैदान में 11,690 अन्नदाताओं के परिवारों को 562 करोड़ रुपये की सहायता राशि वितरित की। यह योजना उन किसानों के लिए वरदान है, जिन्हें दुर्घटना में जान गँवानी पड़ती है या जो विकलांग हो जाते हैं। आइए जानें कि यह योजना क्या है, इसका लाभ कैसे मिलता है, और अम्बेडकरनगर में इसने कैसे किसानों के आँसू पोंछे।

योजना का उद्देश्य और महत्व

उत्तर प्रदेश में किसानों की मेहनत को सम्मान देने और उनके परिवारों को आर्थिक संकट से बचाने के लिए योगी सरकार ने 14 सितंबर 2019 को मुख्यामंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना शुरू की थी। इस योजना का मकसद है कि अगर किसी किसान की दुर्घटना में मृत्यु हो जाए या वह 60% से ज्यादा विकलांग हो जाए, तो उसके परिवार को तुरंत आर्थिक मदद मिले। योजना के तहत मृत्यु पर 5 लाख रुपये और गंभीर विकलांगता पर 2 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है। यह योजना न सिर्फ किसानों, बल्कि उनके परिवार, पट्टेदारों, और बटाईदारों को भी कवर करती है। 2025-26 में योजना का बजट 1050 करोड़ रुपये है, जो सरकार की किसान हितैषी नीतियों को दर्शाता है।

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अम्बेडकरनगर में सहायता वितरण

अम्बेडकरनगर में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी जी ने 431 किसान परिवारों को लगभग 21 करोड़ रुपये की सहायता राशि के चेक सौंपे। इसमें 408 परिवारों को 5 लाख, 10 को 2.5 लाख, एक को 1.25 लाख, और 12 लाभार्थियों को 1 लाख रुपये की मदद दी गई। यह राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए सीधे खातों में भेजी गई। पूरे प्रदेश में 11,690 लाभार्थियों को 561.86 करोड़ रुपये की सहायता स्वीकृत हुई, जिसमें अम्बेडकरनगर, कुशीनगर, और जौनपुर जैसे जिले शीर्ष पर हैं। यह कदम किसानों के परिवारों के लिए आर्थिक संबल बना है।

योजना के लाभ और पात्रता

यह योजना (Mukhyamantri Krishak Durghatna Kalyan Yojana (MKDKY) उन किसानों के लिए है, जो उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी हैं और जिनकी आयु 18 से 70 वर्ष है। दुर्घटना में मृत्यु, हाथ-पैर कटना, बिजली गिरना, या 60% से ज्यादा विकलांगता जैसी स्थिति में सहायता मिलती है। योजना का लाभ परिवार के मुखिया, पति-पत्नी, या बच्चों को भी मिलता है, अगर उनकी आय पूरी तरह कृषि पर निर्भर है। 2020-21 से अब तक 81,237 किसान परिवारों को 3956 करोड़ रुपये की मदद मिल चुकी है। योजना की पारदर्शिता के लिए जल्द ही ऑनलाइन पोर्टल शुरू होने वाला है।

आवेदन कैसे करें

योजना का लाभ लेने के लिए अभी मैन्युअल आवेदन करना होता है। लाभार्थी को जिला कलेक्ट्रेट या तहसील कार्यालय में आवेदन जमा करना पड़ता है। जरूरी दस्तावेज हैं: आधार कार्ड, निवास प्रमाण, मृत्यु प्रमाण पत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट (या पंचनामा), और विकलांगता प्रमाण पत्र (मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी)। ऑनलाइन आवेदन के लिए esathi.up.gov.in पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें। आवेदन 75 दिन के अंदर जमा करना होता है, लेकिन कोविड जैसी स्थिति में समयसीमा बढ़ाई जा सकती है।

मुख्यामंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना योगी सरकार की किसान हितैषी सोच का प्रतीक है। अम्बेडकरनगर में 562 करोड़ की सहायता ने हजारों परिवारों को नया जीवन दिया है। अगर आप भी किसान हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएँ। नजदीकी तहसील या KVK से संपर्क करें और अपने परिवार को सुरक्षित करें।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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