किसान भाइयों, आपके खेतों में मोथा (नटग्रास) और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार फसल की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं? अगर हाँ, तो BASAGRAM Bentazone 480 G/L SL आपके लिए एकदम सही हल है। BASF का यह चुनिंदा (selective) खरपतवारनाशी मोथा, लैम्ब्सक्वार्टर, पिगवीड, और स्मार्टवीड जैसे हानिकारक खरपतवारों को जड़ से उखाड़ फेंकता है, लेकिन आपकी फसल को बिल्कुल सुरक्षित रखता है। धान, सोयाबीन, मक्का, मूँगफली, और दालों जैसी फसलों में इसका इस्तेमाल पैदावार बढ़ाने का गारंटीशुदा तरीका है। आइए जानें इसकी की खासियत, उपयोग, और खेती में इसके फायदे।
BASAGRAM की खासियत और कार्यप्रणाली
BASAGRAM में Bentazone 48% SL होता है, जो एक शक्तिशाली PS II खरपतवारनाशी है। यह खरपतवारों की पत्तियों के जरिए अवशोषित होता है और उनकी प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) प्रक्रिया को पूरी तरह रोक देता है। इससे खरपतवार ऊर्जा बनाना बंद कर देते हैं और 5-10 दिन में सूखकर खत्म हो जाते हैं। BASAGRAM का संपर्क प्रभाव (contact action) इसे तेजी से काम करने वाला बनाता है। यह विशेष रूप से मोथा, जिसे वैज्ञानिक रूप से Cyperus rotundus कहते हैं, और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों पर असरदार है। बरसात के मौसम में भी यह 4-6 घंटे बाद प्रभावी रहता है, जो इसे मानसून की खेती के लिए आदर्श बनाता है।
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किन फसलों में करें इस्तेमाल
BASAGRAM धान, सोयाबीन, मक्का, मूँगफली, मटर, और चना जैसी फसलों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह चुनिंदा खरपतवारनाशी होने के कारण केवल चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों और मोथा को निशाना बनाता है, जबकि घास वाले खरपतवारों पर इसका असर नहीं पड़ता। धान में यह रोपाई के 15-20 दिन बाद और सोयाबीन में बुवाई के 20-25 दिन बाद सबसे प्रभावी होता है। यह फसल की जड़ों या मिट्टी की उर्वरता को नुकसान नहीं पहुँचाता। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अनुसार, इसका सही उपयोग फसल की पैदावार में 10-20% की वृद्धि कर सकता है।
उपयोग और खुराक
BASAGRAM का इस्तेमाल उभरने के बाद (post-emergence) तब करें, जब खरपतवार 2-4 पत्तियों की अवस्था में हों। धान और सोयाबीन के लिए 800-1000 मिली/एकड़ (80-100 मिली/15 लीटर पानी) की दर से छिड़काव करें। मक्का, मूँगफली, और दालों के लिए 1.5-3 लीटर/हेक्टेयर (150-300 मिली/20 लीटर पानी) का उपयोग करें। छिड़काव के लिए फ्लैट फैन या फ्लड जेट नोजल वाला स्प्रेयर इस्तेमाल करें, ताकि खरपतवार की पत्तियाँ पूरी तरह भीग जाएँ। छिड़काव के बाद 6 घंटे तक बारिश नहीं होनी चाहिए। गर्म (25-30°C) और नम मौसम में यह सबसे अच्छा असर दिखाता है। अगर खेत में मोथा और अन्य खरपतवार एक साथ हों, तो BASAGRAM को MCPA या Quizalofop जैसे खरपतवारनाशियों के साथ मिश्रित करें।
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सावधानियाँ और सुरक्षित उपयोग
BASAGRAM का उपयोग करते समय सुरक्षा सबसे जरूरी है। छिड़काव के दौरान रबर के दस्ताने, चश्मा, और मास्क पहनें, क्योंकि यह त्वचा और आँखों में जलन पैदा कर सकता है। छिड़काव के बाद हाथ-पैर और चेहरा साबुन से अच्छे से धोएँ। अगर गलती से दवा निगल ली जाए, तो तुरंत नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें और दवा का डिब्बा दिखाएँ। BASAGRAM को ठंडी, सूखी, और हवादार जगह पर, बच्चों, पशुओं, और खाद्य सामग्री से दूर रखें। खाली डिब्बों को नष्ट करें और नदियों, तालाबों, या जल स्रोतों में न फेंके, क्योंकि यह जलीय जीवों के लिए हानिकारक हो सकता है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को छिड़काव के दौरान खेत से दूर रखें।
पर्यावरण और मिट्टी पर प्रभाव
BASAGRAM पर्यावरण के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित है, क्योंकि यह मिट्टी में जल्दी विघटित हो जाता है और अगली फसल पर कोई अवशेष (residue) नहीं छोड़ता। हालांकि, इसे पानी के स्रोतों के पास इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि यह मछलियों और जलीय पौधों को नुकसान पहुँचा सकता है। BASAGRAM का सही मात्रा में उपयोग मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखता है और रासायनिक अवशेषों को कम करता है। जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए यह उपयुक्त नहीं है, लेकिन रासायनिक खेती में यह लागत-प्रभावी और विश्वसनीय है।
मोथा और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार फसल के पोषक तत्व और पानी चुराकर पैदावार को 20-30% तक कम कर सकते हैं। BASAGRAM इनका जड़ से सफाया करता है, जिससे धान में 10-15%, सोयाबीन में 15-20%, और मक्का में 12-18% ज्यादा पैदावार हो सकती है। प्रति एकड़ 800-1000 मिली BASAGRAM की लागत 600-800 रुपये है, लेकिन इससे होने वाली अतिरिक्त आय 10,000-20,000 रुपये तक हो सकती है। उदाहरण के लिए, धान की पैदावार 20 क्विंटल/एकड़ से बढ़कर 22-24 क्विंटल/एकड़ हो सकती है, जो 4000-6000 रुपये का अतिरिक्त मुनाफा देता है। यह छोटे और बड़े दोनों किसानों के लिए किफायती है।
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