पंजाब के किसानों के लिए खुशखबरी है। इस साल खरीफ सीजन में कपास की खेती ने नया रिकॉर्ड बनाया है। राज्य सरकार की मदद से कपास का रकबा 20 फीसदी बढ़कर 2.98 लाख एकड़ तक पहुँच गया है। पिछले साल यह 2.49 लाख एकड़ था। पंजाब कृषि विभाग का कहना है कि कपास की बुआई 1.06 लाख हेक्टेयर पर हो चुकी है, जो 2025-26 सीजन के लक्ष्य का 78 फीसदी है। इस बढ़ोतरी में सरकार की 33 फीसदी बीज सब्सिडी का बड़ा हाथ है। यह योजना किसानों को पानी की खपत वाली धान की खेती छोड़कर कपास जैसी नकदी फसल अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। इससे किसानों की कमाई बढ़ेगी और पानी की बचत होगी।
सरकार की सब्सिडी योजना
इस साल अप्रैल में पंजाब सरकार ने कपास के बीजों पर 33 फीसदी छूट देने का ऐलान किया। यह छूट खास तौर पर पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) द्वारा सुझाए गए बीटी कॉटन बीजों पर मिल रही है। सरकार का मकसद है कि किसान उन्नत और कीट-प्रतिरोधी बीज इस्तेमाल करें, जिससे फसल अच्छी हो और खर्च कम आए। इस योजना के लिए 20 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। कपास की खेती दक्षिण-पश्चिमी जिलों, जैसे फाजिल्का, मानसा, बठिंडा, और श्री मुक्तसर साहिब में खूब हो रही है। इन जिलों में फाजिल्का सबसे आगे है, जहाँ 60,121 हेक्टेयर पर कपास बोई गई है।
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सब्सिडी का फायदा कैसे लें
किसान इस योजना का फायदा लेने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। 10 जून तक 49,000 से ज़्यादा किसान रजिस्टर कर चुके थे। कृषि विभाग ने सभी कपास किसानों से 15 जून 2025 तक रजिस्ट्रेशन पूरा करने को कहा था। किसान अधिकृत डीलरों या दुकानों से सब्सिडी वाले बीज खरीद सकते हैं। यह छूट सिर्फ PAU द्वारा मंजूर बीटी कॉटन बीजों पर लागू है। रजिस्ट्रेशन के बाद सब्सिडी सीधे किसानों के बैंक खाते में आएगी। कृषि विभाग इस योजना पर नजर रख रहा है और किसानों को खेतों की जाँच, कीट प्रबंधन, और रोग रोकथाम की सलाह दे रहा है।
कपास खेती की बढ़ोतरी
पंजाब में कपास की खेती का रकबा बढ़ने से किसानों में उत्साह है। पिछले साल की तुलना में 49,000 एकड़ ज़्यादा ज़मीन पर कपास बोई गई है। फाजिल्का, मानसा, बठिंडा, और श्री मुक्तसर साहिब कपास की खेती में अग्रणी हैं। यह फसल धान की तुलना में कम पानी माँगती है, जिससे भूजल का संरक्षण होता है। सरकार का कहना है कि कपास की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होगा, क्योंकि यह नकदी फसल है और टेक्सटाइल उद्योग में इसकी माँग बनी रहती है।
किसानों को इस योजना का पूरा फायदा उठाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जल्दी रजिस्ट्रेशन करें, ताकि सब्सिडी समय पर मिले। केवल PAU द्वारा सुझाए बीज खरीदें, क्योंकि गैर-मंजूर बीजों से फसल खराब हो सकती है। नज़दीकी कृषि कार्यालय से संपर्क कर बीज की किस्मों और खेती की नई तकनीकों की जानकारी लें। कीट और रोगों से बचाव के लिए समय पर खेतों की जाँच करें। कपास की बुआई 15 मई तक पूरी कर लें, ताकि नहरों का पानी समय पर मिल सके। यह योजना पंजाब के किसानों के लिए उनकी मेहनत को और फलदायक बनाने का बड़ा मौका है।
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