Direct Seeded Tomato Farming: गर्मी का मौसम किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन वाराणसी के एक किसान ने इसे अवसर में बदल दिया है। उन्होंने डायरेक्ट-सीडेड टमाटर की खेती करके न सिर्फ गर्मी की तीव्रता से लड़ाई जीती, बल्कि एक हेक्टार में 3 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई भी की। यह सफलता की कहानी हमें सिखाती है कि सही तकनीक और थोड़ी सी समझदारी से हम किसी भी मौसम में फसल उगा सकते हैं। ICAR-IIVR, KVK, और राज्य अधिकारियों ने इस किसान की यात्रा को करीब से देखा और उनकी सफलता को प्रेरणादायक बताया।
खरपतवारों का स्मार्ट इस्तेमाल
इस किसान की सफलता का राज है खरपतवारों का सही इस्तेमाल। गर्मी में सूरज की तीव्र गर्मी टमाटर के पौधों को नुकसान पहुँचा सकती है, लेकिन इस किसान ने खरपतवारों को पौधों के आसपास रखकर उन्हें साया दिया। इससे पौधों की जड़ें और फल गर्मी से बचे रहे, और फसल की गुणवत्ता बनी रही। यह तकनीक सस्ती और आसान है, क्योंकि खरपतवार तो हर खेत में मिलते हैं। इस विधि से टमाटर के पौधों को नमी और ठंडक मिलती है, जिससे वे अच्छी तरह बढ़ते हैं।
ये भी पढ़ें- HAU ने विकसित की जई की नई हाई प्रोटीन किस्में, पशुपालकों की बढ़ेगी दूध और आमदनी
डायरेक्ट-सीडिंग की खासियत
डायरेक्ट-सीडिंग का मतलब है कि बीज सीधे खेत में बोए जाते हैं, बिना नर्सरी में पौधे तैयार किए। इस विधि से समय और लागत दोनों बचती है। वाराणसी के किसान ने इस तकनीक का इस्तेमाल करके गर्मी में टमाटर की फसल ली, और उन्हें सफलता मिली। डायरेक्ट-सीडिंग में बीज को सही दूरी पर और सही गहराई पर बोना जरूरी है, ताकि पौधे मजबूत हों और फल अच्छे आएँ। इसके लिए अच्छी तरह तैयार की गई मिट्टी और समय-समय पर पानी देना जरूरी है। इस तकनीक से फसल जल्दी तैयार होती है और लागत कम आती है।
Incredible visit with ICAR-IIVR, KVK & State officials to a farmer in Admapur, Sevapuri, Varanasi! He’s mastered direct-seeded summer tomatoes, using weeds for sun protection against extreme heat. Earning over ₹3 lakh/hectare! Inspiring innovation! 🍅☀️ #FarmerInnovation #Tomato pic.twitter.com/1KvDSnuvgV
— ICAR-Indian Institute of Vegetable Research (@icar_iivr) June 4, 2025
किसान ने एक हेक्टार में 3 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई की, जो गर्मी की फसल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह सफलता न सिर्फ उन्हें, बल्कि अन्य किसानों को भी प्रेरित करती है। टमाटर की कीमत बाजार में हमेशा अच्छी रहती है, और अगर फसल की गुणवत्ता सही हो, तो मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है। ICAR-IIVR ने इस सफलता को एक मिसाल के रूप में पेश किया है, ताकि अन्य किसान भी इस तकनीक को अपनाएँ और अपनी आय बढ़ाएँ।
कैसे शुरू करें खेती
गर्मी में टमाटर की खेती शुरू करने के लिए सबसे पहले अच्छी किस्म के बीज चुनें। ICAR-IIVR की सिफारिश वाली किस्में जैसे काशी अभिमान या काशी अनुपम इस्तेमाल करें। बीज को सीधे खेत में बोएँ, और खरपतवारों का इस्तेमाल साया देने के लिए करें। मिट्टी में जैविक खाद मिलाएँ और नियमित रूप से पानी दें। गर्मी में पानी की मात्रा कम रखें, लेकिन पौधों को सूखने न दें। कीटों और बीमारियों से बचाव के लिए समय-समय पर छिड़काव करें। अगर सब कुछ सही रहा, तो आप भी एक हेक्टार में अच्छी कमाई कर सकते हैं।
सरकार और संस्थानों का सहयोग
ICAR-IIVR और KVK जैसे संस्थान किसानों को नई तकनीकों और जानकारी मुहैया कराते हैं। वाराणसी के किसान की सफलता में इन संस्थानों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। वे किसानों को ट्रेनिंग, तकनीकी सहायता, और मार्केटिंग की जानकारी देते हैं, ताकि वे अपनी फसल का पूरा फायदा उठा सकें।
ये भी पढ़ें- काला नमक चावल: पूर्वांचल का GI टैग वाला खुशबूदार सोना, अब किसानों की कमाई का दमदार जरिया