कृषि वैज्ञानिकों की सलाह: धान, दलहन और सब्जियों की बंपर उपज चाहिए तो तुरंत करें ये 5 जरूरी काम!

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) ने किसानों के लिए मौसम के अनुकूल खेती की सलाह जारी की है। इस एडवाइजरी में धान की नर्सरी तैयार करने, अरहर, मूंग, और उड़द की बुवाई, और सब्जियों की खेती के लिए उन्नत किस्मों और वैज्ञानिक तकनीकों की जानकारी शामिल है। ICAR के वैज्ञानिकों का कहना है कि सही समय पर सही कदम उठाकर किसान अपनी फसलों की पैदावार बढ़ा सकते हैं और नुकसान से बच सकते हैं। यह सलाह खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, और झारखंड जैसे राज्यों के किसानों के लिए उपयोगी है, जहाँ मॉनसून खेती का आधार है।

धान की नर्सरी की वैज्ञानिक तैयारी

धान की खेती मॉनसून का मुख्य आधार है, और ICAR ने नर्सरी तैयार करने की वैज्ञानिक विधि सुझाई है। एक हेक्टेयर धान की रोपाई के लिए 800-1000 वर्गमीटर में नर्सरी तैयार करें। नर्सरी के लिए 1.25-1.5 मीटर चौड़ी क्यारियाँ बनाएँ, ताकि पानी का प्रबंधन आसान हो। बुवाई से पहले बीज उपचार अनिवार्य है। प्रति 5 किलो बीज के लिए 10-12 ग्राम बाविस्टिन और 1 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन को 10 लीटर पानी में घोलें।

इस घोल में बीज को 12-15 घंटे भिगोएँ, फिर छायादार स्थान पर 24-36 घंटे ढककर रखें। समय-समय पर हल्का पानी छिड़कते रहें। अंकुरण के बाद बीज को नर्सरी में छिड़कें। ICAR ने उच्च उपज वाली धान की किस्मों जैसे पूसा बासमती 1985, पूसा बासमती 1509, पूसा 44, पंत धान 4, और पंत धान 10 की सिफारिश की है, जो मॉनसून की परिस्थितियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं।

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अरहर की बुवाई के लिए जरूरी सावधानियाँ

मॉनसून के इस हफ्ते अरहर की बुवाई के लिए उपयुक्त समय है। ICAR के अनुसार, बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए, ताकि बीजों का अंकुरण बेहतर हो। अरहर के बीजों को राइजोबियम और फॉस्फोरस सोलूबलाइजिंग बैक्टीरिया (PSB) से उपचारित करें। यह उपचार मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है और फसल की पैदावार में 10-15% तक की वृद्धि करता है। अरहर की उन्नत किस्मों में पूसा अरहर-16, पूसा 2001, पूसा 991, और पारस शामिल हैं, जो रोग प्रतिरोधी और उच्च उपज वाली हैं। बुवाई से पहले खेत को समतल करें और मिट्टी की जाँच कराएँ, ताकि पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सके।

मूंग और उड़द की बुवाई और उन्नत किस्में

मूंग और उड़द की बुवाई के लिए भी मॉनसून का यह समय अनुकूल है। बुवाई से पहले सुनिश्चित करें कि खेत में अच्छी नमी हो, क्योंकि यह बीजों के अंकुरण के लिए जरूरी है। मूंग की उन्नत किस्मों में पूसा-1431, पूसा विशाल, एसएमएल-668, और सम्राट शामिल हैं, जो कम समय में अच्छी पैदावार देती हैं। उड़द के लिए टाइप-9, टी-31, और टी-39 जैसी किस्में सुझाई गई हैं। बीजों को राइजोबियम और PSB से उपचारित करें, जो जड़ों में नाइट्रोजन और फॉस्फोरस की उपलब्धता बढ़ाते हैं। इससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार होता है। बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करें और खरपतवार नियंत्रण पर ध्यान दें।

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सब्जियों की नर्सरी के लिए सही समय

ICAR ने मॉनसून में अगेती सब्जियों की नर्सरी तैयार करने की सलाह दी है। फूलगोभी, टमाटर, हरी मिर्च, और बैंगन की पौधशाला लगाने का यह उत्तम समय है। नर्सरी को तेज धूप और भारी बारिश से बचाने के लिए 40% छायादार नेट का उपयोग करें। बीजों को थीरम (2-2.5 ग्राम प्रति किलो बीज) से उपचारित करें, ताकि फंगल रोगों से बचाव हो। क्यारियों को ऊँचा रखें और जल निकासी का ध्यान रखें। सब्जियों की उन्नत किस्मों के लिए स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें, जो आपके क्षेत्र के लिए उपयुक्त हों।

भिंडी की तुड़ाई के बाद जरूरी कार्य

भिंडी की फसल की तुड़ाई के बाद खेत की उर्वरता बनाए रखना जरूरी है। ICAR के वैज्ञानिकों की सलाह है कि तुड़ाई के बाद प्रति एकड़ 5-10 किलो यूरिया डालें और हल्की सिंचाई करें। यह पौधों को पोषण देता है और अगली फसल के लिए मिट्टी को तैयार रखता है। मॉनसून में भिंडी में माइट्स, जैसिड्स, और हॉपर जैसे कीटों का खतरा बढ़ जाता है। फसल की नियमित निगरानी करें और जरूरत पड़ने पर नीम तेल (5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) या प्रमाणित कीटनाशकों का उपयोग करें। कीट नियंत्रण के लिए स्थानीय कृषि विभाग से सलाह लें।

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  • Shashikant

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