भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा के वैज्ञानिकों ने मौसम को ध्यान में रखते हुए किसानों को सब्जियों और दलहनी फसलों की बुवाई की सलाह दी है। इस समय फ्रेंच बीन, गर्मी के मौसम वाली मूली, भिंडी, मूंग और उड़द की खेती के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं। आइए जानते हैं इन फसलों की बुवाई का सही तरीका और उन्नत किस्में।
फ्रेंच बीन और गर्मी की मूली की सीधी बुवाई
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, मौसम की अनुकूलता को देखते हुए किसान फ्रेंच बीन और गर्मी के मौसम वाली मूली की सीधी बुवाई कर सकते हैं। इस समय तापमान बीजों के अंकुरण के लिए उपयुक्त है। ध्यान रखें कि बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें। फ्रेंच बीन की बुवाई के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए।
भिंडी की अगेती बुवाई के लिए टिप्स
इस सप्ताह तापमान बढ़ने की संभावना को देखते हुए किसान भिंडी की अगेती बुवाई कर सकते हैं। भिंडी की उन्नत किस्में जैसे ए-4, परबनी क्रांति, अर्का अनामिका का चयन करें। प्रति एकड़ 10-15 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बुवाई से पहले खेत में नमी का विशेष ध्यान रखें। खेत की तैयारी के समय जैविक खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालें।
मूंग और उड़द की बुवाई की तैयारी
वैज्ञानिकों ने मार्च में मूंग और उड़द की बुवाई के लिए किसानों को अभी से तैयारी शुरू करने की सलाह दी है।
मूंग की उन्नत किस्में
- पूसा विशाल, पूसा बैसाखी, पी.डी एम-11, एस एम एल-32
इन किस्मों की पैदावार अच्छी होती है और ये कीटों के प्रति सहनशील हैं।
उड़द की उन्नत किस्में
- पंत उड़द-19, पंत उड़द-30, पंत उड़द-35, पी डी यू-1
ये किस्में कम पानी में भी अच्छी उपज देती हैं।
बीज उपचार जरूरी
बुवाई से पहले बीजों को राईजोबियम और फास्फोरस सॉल्यूबलाइजिंग बैक्टीरिया से उपचारित करें। इससे पौधों की जड़ों में नाइट्रोजन और फास्फोरस की उपलब्धता बढ़ती है।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण सलाह
बुवाई से पहले खेत में पर्याप्त नमी बनाए रखना आवश्यक है, जिससे बीजों का अंकुरण बेहतर हो। किसानों को प्रमाणित स्रोत से ही उन्नत बीजों का चयन करना चाहिए ताकि फसल की गुणवत्ता बनी रहे। बीजों को उपचारित करने से पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और उत्पादन में वृद्धि होती है।