Agri Advice: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा के वैज्ञानिकों ने हाल ही में गेहूं की फसल को बड़े नुकसान से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है। इस सलाह में न केवल गेहूं की फसल की सुरक्षा के उपाय बताए गए हैं, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण फसलों के लिए भी सुझाव दिए गए हैं।
गेहूं की फसल की सुरक्षा के उपाय
गेहूं की फसल में दीमक का प्रकोप बहुत गंभीर समस्या हो सकती है, जो फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकती है। वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसल की नियमित निगरानी करें और यदि कहीं पर दीमक का प्रकोप दिखे, तो तुरंत क्लोरपायरीफाँस 20 ई.सी. @ 2.0 लीटर प्रति एकड़ को 20 कि.ग्रा. बालू में मिलाकर शाम के समय खेत में छिड़काव करें। यह उपाय दीमक से फसल की सुरक्षा में अत्यंत प्रभावी है।
वर्तमान मौसम को देखते हुए, वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि आने वाले दिनों में संभावित बारिश को ध्यान में रखते हुए फसल में सिंचाई या किसी भी प्रकार का रासायनिक छिड़काव न करें। इससे फसल पर होने वाले अनावश्यक खर्च को रोका जा सकता है और प्राकृतिक जलवायु का लाभ उठाया जा सकता है।
सरसों की फसल के लिए सलाह
सरसों की फसल में चेंपा कीट का प्रकोप एक गंभीर समस्या हो सकती है। वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि वे नियमित रूप से फसल की निगरानी करें। यदि चेंपा कीट का प्रभाव दिखता है, तो तुरंत प्रभावित भागों को काट कर नष्ट कर दें। इससे कीट का प्रकोप आगे नहीं बढ़ेगा और फसल सुरक्षित रहेगी।
वैज्ञानिकों ने यह भी सलाह दी है कि आगामी दो दिनों में वर्षा की संभावना को देखते हुए फसलों में सिंचाई और किसी भी प्रकार का छिड़काव न करें। इससे न केवल जल की बचत होगी, बल्कि फसल की गुणवत्ता भी बेहतर बनी रहेगी।
चने की फसल के लिए वैज्ञानिक सलाह
चने की फसल में फली छेदक कीट का प्रकोप फसल को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके नियंत्रण के लिए वैज्ञानिकों ने किसानों को सुझाव दिया है कि वे फीरोमोन प्रपंश @ 3-4 प्रपंश प्रति एकड़ खेतों में लगाएं। जब पौधों में 10-15% फूल खिल जाएं, तो यह उपाय अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है।
पक्षी बसेरा का उपयोग
पक्षी बसेरा का उपयोग भी फली छेदक कीट के नियंत्रण में सहायक हो सकता है। “T” आकार के पक्षी बसेरा खेत के विभिन्न स्थानों पर लगाने से कीटों का प्रभाव कम होता है, क्योंकि पक्षी कीटों को खा जाते हैं। यह एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय है, जो फसल की सुरक्षा में मदद करता है।
गेहूं, सरसों और चने की फसल की सुरक्षा के लिए वैज्ञानिकों द्वारा दी गई यह सलाह अत्यंत महत्वपूर्ण है। फसलों की नियमित निगरानी, जैविक उपायों का उपयोग, और सामयिक जानकारी का पालन करके किसान अपनी फसलों को बड़े नुकसान से बचा सकते हैं और बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं।
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