अब सभी कृषि नलकूप होंगे सौर ऊर्जा से संचालित! इस साल 70,000 किसानों को सब्सिडी पर मिलेंगे सोलर पंप

भारत के किसानों के लिए खेती को और आसान बनाने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इनमें से एक बड़ा कदम है सोलर पंप और सौर ऊर्जा की मदद से सस्ती बिजली देना। इस योजना से न सिर्फ सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि खेती की लागत भी कम होगी। हरियाणा सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है, ताकि किसानों को सौर ऊर्जा का पूरा फायदा मिले। आइए, जानते हैं कि कैसे यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है।

सौर ऊर्जा से चलेगा हर नलकूप

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी कृषि नलकूपों को धीरे-धीरे पूरी तरह सौर ऊर्जा से जोड़ा जाए। चंडीगढ़ में हुई एक बैठक में उन्होंने यह बात कही, जिसमें प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना की समीक्षा की गई। इस योजना के तहत हर जिले में कम से कम दो कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए जगह चुनी जाएगी। इसके लिए हर जिले में पांच-पांच एकड़ जमीन पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे, ताकि नलकूपों को सस्ती और पर्यावरण के अनुकूल बिजली मिल सके।

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पंचकूला में बनेगा 300 एकड़ में सोलर प्लांट

हरियाणा सरकार ने पंचकूला जिले के रायवाली गांव में एक बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की योजना बनाई है। यह प्लांट गन्नी खेड़ा ग्राम पंचायत की करीब 300 एकड़ जमीन पर बनेगा, जो 220 केवी सब-स्टेशन के पास है। इस प्लांट से पूरे जिले के कृषि नलकूपों को सौर ऊर्जा से बिजली मिलेगी। इतना ही नहीं, पंचकूला के कॉलेज, उपायुक्त कार्यालय, पिंजौर की फल-सब्जी मंडी, और बस स्टैंड जैसी जगहों पर खाली पड़ी जमीन पर भी सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इससे बिजली की बचत होगी और किसानों को सस्ती बिजली मिलेगी।

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गाँव में सोलर पैनल बनेंगे ‘कल्याणम मंडपम’

मुख्यमंत्री ने एक अनोखा सुझाव भी दिया है। उन्होंने कहा कि जिन ग्राम पंचायतों में सौर ऊर्जा प्लांट के लिए जमीन दी जाएगी, वहाँ सोलर पैनल इस तरह लगाए जाएँ कि उनके नीचे का ढांचा ‘कल्याणम मंडपम’ की तरह काम करे। यानी, सोलर पैनल की छाया में गाँव वाले शादी-ब्याह या अन्य सामाजिक समारोह आयोजित कर सकें। इससे न सिर्फ बिजली का फायदा होगा, बल्कि गाँव में सामुदायिक कार्यों के लिए भी जगह मिलेगी। यह कदम गाँव वालों के लिए दोहरा लाभ लेकर आएगा।

मंडियों और गोदामों पर भी सोलर पैनल

हरियाणा सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य की कृषि मंडियों और भंडार निगम के गोदामों की छतों पर भी सौर पैनल लगाए जाएँ। इनसे पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल खेती के कामों में किया जाएगा। यह कदम न केवल बिजली की बचत करेगा, बल्कि किसानों को सस्ती और भरोसेमंद बिजली की आपूर्ति भी सुनिश्चित करेगा। इससे मंडियों में होने वाले बिजली के खर्च में भी कमी आएगी।

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इस साल 70 हजार सोलर पंप का लक्ष्य

हरियाणा में पीएम-कुसुम योजना के तहत 2018-19 से अब तक 1.58 लाख से ज्यादा सोलर पंप लगाए जा चुके हैं। अब सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में 70,000 नए सोलर पंप लगाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 600 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। एक सोलर पंप (3 से 10 एच.पी.) की कीमत करीब 1.41 लाख रुपये है, जिसमें किसानों को 75% सब्सिडी मिलती है। इसमें 30% केंद्र सरकार, 45% राज्य सरकार देती है, और बाकी 25% किसान को देना होता है। यह सब्सिडी किसानों के लिए बड़ी राहत है, क्योंकि इससे उनकी लागत काफी कम हो जाती है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सोलर पंप खराब होने की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए। जहाँ भी ऐसी शिकायतें आएँ, वहाँ अधिकारी खुद किसानों से मिलें और उनकी समस्या का समाधान करें। साथ ही, जिन गाँवों में ज्यादा सोलर पंप लगे हैं, वहाँ विशेष शिविर लगाकर उनकी मरम्मत और देखभाल की जाए। इससे किसानों को भरोसा मिलेगा कि सरकार उनकी हर छोटी-बड़ी समस्या का ध्यान रख रही है।

किसानों के लिए क्यों जरूरी है यह योजना?

सोलर पंप और सौर ऊर्जा की यह योजना किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इससे न सिर्फ बिजली का खर्च बचेगा, बल्कि सिंचाई की सुविधा भी बढ़ेगी। खेती की लागत कम होने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी, और वे ज्यादा आत्मनिर्भर बनेंगे। साथ ही, सौर ऊर्जा पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा का स्रोत है। हरियाणा सरकार का यह प्रयास निश्चित रूप से किसानों की जिंदगी को और बेहतर बनाएगा।

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  • Shashikant

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