केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस साल किसानों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार बीज और कीटनाशकों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा कानूनों को और सख्त करेगी। खराब बीज और नकली कीटनाशकों की शिकायतों को दूर करने के लिए कानूनों में बदलाव लाया जाएगा। चौहान ने यह बात विकसित कृषि संकल्प अभियान के अनुभवों के आधार पर कही। यह अभियान 29 मई से 12 जून तक चला, जिसमें देश भर के 1.34 करोड़ किसानों से सीधा संवाद हुआ। किसानों ने इस दौरान खराब बीज और कीटनाशकों की समस्या को प्रमुखता से उठाया।
अभियान की बड़ी सफलता
चौहान ने विकसित कृषि संकल्प अभियान को बहुत सफल बताया। इस अभियान में देश के 721 जिलों के 1.43 लाख गाँवों में 60,281 कार्यक्रम हुए। आदिवासी, सीमावर्ती, और आकांक्षी जिलों के किसानों से भी बात हुई। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानी ICAR और कृषि विज्ञान केंद्रों के 8,280 वैज्ञानिकों की 2,170 टीमों ने इसमें हिस्सा लिया। चौहान ने इसे “एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम” का अभियान बताया। इस दौरान मिट्टी की सेहत, मौसम के हिसाब से फसलें, और प्राकृतिक खेती जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। किसानों ने कई ज़रूरी सुझाव दिए, जिन्हें अब योजनाएँ बनाते समय ध्यान में रखा जाएगा।
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वैज्ञानिक और किसान मिलकर लाएँगे बदलाव
कृषि मंत्री ने कहा कि अब वैज्ञानिक किसानों की ज़रूरतों के हिसाब से शोध करेंगे। कई किसानों ने अपने खेतों में नए-नए प्रयोग किए हैं, जिन्हें पूरे देश में बढ़ावा दिया जाएगा। हर जिले में कृषि विज्ञान केंद्र यानी KVK को नोडल एजेंसी बनाया जाएगा, ताकि वैज्ञानिक और किसान एक साथ काम कर सकें। यह सुनिश्चित होगा कि खेती की नई तकनीकें गाँव-गाँव तक पहुँचें। चौहान ने बताया कि इस अभियान से किसानों और सरकार के बीच की दूरी कम हुई है।
बीज और कीटनाशक कानून में बदलाव
कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि सरकार बीज अधिनियम 1966 और कीटनाशक अधिनियम 1968 में जल्द बदलाव लाएगी। अगले एक साल में बीज अधिनियम में संशोधन हो सकता है, ताकि गैर-प्रमाणित बीजों की बिक्री रुके और सजा को और सख्त किया जाए। कीटनाशक अधिनियम में भी नकली और खराब कीटनाशकों पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए जाएँगे। इससे किसानों को सस्ते और अच्छी क्वालिटी के बीज और कीटनाशक मिलेंगे, जिससे उनकी फसल बेहतर होगी और कमाई बढ़ेगी।
किसानों को इस मौके का फायदा उठाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। हमेशा प्रमाणित बीज और कीटनाशक खरीदें। बीज की पैकिंग पर लाइसेंस नंबर और समाप्ति तारीख ज़रूर देखें। नज़दीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर मिट्टी की जाँच और फसल की सलाह लें। प्राकृतिक और जैविक खेती को अपनाएँ, ताकि खर्च कम हो और मिट्टी की सेहत बनी रहे। अगर बीज या कीटनाशक खराब निकले, तो तुरंत कृषि विभाग में शिकायत करें। यह अभियान और नए कानून किसानों की मेहनत को और फलदायी बनाने का बड़ा अवसर हैं।
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