कपास की खेती में AI का कमाल! Wadhwani AI ने 20% घटाई कीटनाशकों की खपत

Wadhwani AI: कपास की खेती हमारे गाँवों के लिए एक बड़ा सहारा है, लेकिन कीटों का हमला इसे मुश्किल बना देता है। पिंक बॉलवर्म और अमेरिकन बॉलवर्म जैसे कीट फसलों को चट कर जाते हैं, जिससे किसान भाइयों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। कई बार तो हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि कुछ किसान खेती छोड़ने की सोचने लगते हैं। लेकिन अब एक नई तकनीक आई है, जो कपास की खेती को कीटों से बचाने में मदद कर रही है। यह तकनीक है CottonAce, जिसे वाधवानी AI ने बनाया है। यह तकनीक ना सिर्फ कीटों से फसल बचाती है, बल्कि कीटनाशकों का खर्चा भी कम करती है और मिट्टी-पानी को नुकसान से बचाती है।

Wadhwani AI: किसानों का सच्चा साथी

वाधवानी AI एक ऐसी संस्था है, जो खेती-किसानी में तकनीक का इस्तेमाल करके छोटे किसानों की मदद करती है। इसे दो भारतीय-अमेरिकी भाइयों, रोमेश और सुनील वाधवानी ने 2018 में शुरू किया था। इसका मकसद है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ताकत से गाँव के किसानों की जिंदगी आसान हो। यह संस्था कपास की खेती के अलावा धान, मक्का, मिर्च और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए भी तकनीक बना रही है। यह कोई मुनाफा कमाने वाली कंपनी नहीं है, बल्कि किसानों के भले के लिए काम करती है।

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CottonAce: कीटों से जंग का नया हथियार

CottonAce एक ऐसी तकनीक है, जो कपास के खेतों में कीटों को पकड़ने और उनसे बचाव के लिए सही समय पर सलाह देती है। यह खासकर पिंक बॉलवर्म और अमेरिकन बॉलवर्म जैसे कीटों पर नजर रखती है, जो कपास की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाते हैं। इस तकनीक का इस्तेमाल अब तक 11 राज्यों के करीब 21,000 किसान कर चुके हैं। नतीजा? कीटनाशकों का खर्च 20% कम हुआ और फसल 10-11% ज्यादा हुई। यह तकनीक इतनी आसान है कि गाँव का हर किसान इसे अपने मोबाइल पर इस्तेमाल कर सकता है।

कैसे काम करता है CottonAce?

CottonAce का जादू इसके AI से लैस फेरोमोन ट्रैप में है। किसान भाई अपने खेत में ये ट्रैप लगाते हैं, जो कीटों को फँसाते हैं। फिर अपने स्मार्टफोन से उस ट्रैप की फोटो खींचकर CottonAce ऐप में डालते हैं। यह ऐप तुरंत फोटो को देखकर बताता है कि कीट कौन सा है, कितनी तादाद में है, और उससे बचने के लिए क्या करना चाहिए। मसलन, अगर कीटों की संख्या ज्यादा है, तो ऐप सही कीटनाशक का नाम और छिड़काव का समय बताता है।

अगर कीट कम हैं, तो शायद कोई जैविक उपाय, जैसे नीम का तेल, इस्तेमाल करने की सलाह देता है। इस तरह किसान सही समय पर सही कदम उठाकर अपनी फसल बचा लेते हैं। खास बात यह है कि यह ऐप बिना इंटरनेट के भी काम करता है, जो गाँवों में बहुत बड़ा फायदा है।

राष्ट्रीय कीट निगरानी में CottonAce की भूमिका

CottonAce की कामयाबी देखकर भारत सरकार ने इसे नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम (NPSS) का हिस्सा बना लिया है। अब यह तकनीक सिर्फ कपास की खेती तक सीमित नहीं है। धान, मक्का, और मिर्च जैसी फसलों के लिए भी इसका इस्तेमाल हो रहा है। वाधवानी AI ने 40 से ज्यादा कीटों और बीमारियों के मॉडल बनाए हैं, जो किसानों को समय पर सही सलाह देते हैं। इससे ना सिर्फ फसल सुरक्षित होती है, बल्कि कीटनाशकों का कम इस्तेमाल होने से मिट्टी और पानी भी साफ रहते हैं।

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किसानों के लिए और भी तकनीकी मदद

वाधवानी AI ने कपास की खेती के अलावा और भी कई तकनीकें बनाई हैं, जो किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। मसलन, किसान ई-मित्र नाम का एक चैटबॉट है, जो सरल हिंदी में PM-KISAN योजना, फसल बीमा, किसान क्रेडिट कार्ड, और मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी जानकारी देता है। इसके अलावा, सोयाबीन के लिए ग्रेन एनालाइज़र और टेक्स्ट-टू-वॉइस जैसी तकनीकें भी हैं, जो किसानों को खेती में नए-नए तरीके अपनाने में मदद करती हैं। ये सारी सुविधाएँ गाँव के किसानों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं, ताकि उन्हें बिना किसी परेशानी के फायदा मिले।

क्यों खास है यह तकनीक?

कपास की खेती में कीटों की वजह से हर साल 30-50% फसल खराब हो जाती है। पहले किसान भाइयों को पता ही नहीं चलता था कि कीटों का हमला कब और कैसे हुआ। लेकिन CottonAce ने इस मुश्किल को आसान कर दिया है। यह तकनीक ना सिर्फ कीटों को जल्दी पकड़ती है, बल्कि सही सलाह देकर फसल को बचाती है और कीटनाशकों का खर्च भी कम करती है। इससे किसानों की कमाई बढ़ती है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता। गाँव के किसान भाई, जो स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, अब इस ऐप की मदद से अपनी खेती को और बेहतर कर सकते हैं।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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