Aloevera Ki Kheti In Hindi : भाइयों, आजकल बाजार में एलोवेरा की डिमांड आसमान छू रही है। चाहे सौंदर्य प्रसाधन हों, हर्बल प्रोडक्ट्स हों या दवाइयाँ, हर जगह एलोवेरा छाया हुआ है। फेस वॉश, क्रीम, जेल से लेकर डायबिटीज की दवाइयों तक, ये हर चीज में काम आ रहा है। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ इसे हाथोंहाथ खरीद रही हैं, और कई तो कॉन्ट्रैक्ट पर खेती भी करवा रही हैं।
अगर आप इसे सही तरीके से उगाएँ, तो एक एकड़ से 8-10 लाख रुपये तक कमा सकते हैं। गर्मी का मौसम शुरू हो गया है, तो क्यों न इस बार एलोवेरा की खेती शुरू करें? चलिए, आपको बताते हैं कि ये धंधा कैसे शुरू करिए और मुनाफा कैसे कमाइए।
एलोवेरा क्या है?
एलोवेरा को ग्वारपाठा, घृत कुमारी या क्वारगंदल कहते हैं। ये एक रसीला और मांसल पौधा है, जिसका तना छोटा या बिल्कुल नहीं होता। इसकी पत्तियाँ 60-100 सेंटीमीटर लंबी, हरी या स्लेटी-हरी होती हैं, जिनके किनारों पर छोटे सफेद दाँत और कुछ किस्मों में पत्तियों पर सफेद धब्बे होते हैं। गर्मियों में इसमें पीले फूल खिलते हैं। ये पौधा औषधीय गुणों का खजाना है, जो त्वचा को जवाँ रखता है, जलन शांत करता है और सेहत को फायदा पहुँचाता है।
एलोवेरा का इस्तेमाल
एलोवेरा का जेल सौंदर्य प्रसाधनों में सबसे ज्यादा यूज़ होता है चेहरे की क्रीम, फेस पैक, शैंपू सबमें ये मिलता है। हर्बल दवाओं में ये डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और पेट की परेशानियों को ठीक करने में मदद करता है। इसमें मन्नास, एंथ्राक्विनोन और लिक्टिन जैसे तत्व होते हैं, जो इसे खास बनाते हैं। गाँव में इसे जलन मिटाने और घाव भरने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। बाजार में इसकी मांग इतनी है कि कंपनियाँ इसे बड़े पैमाने पर खरीद रही हैं।
एलोवेरा के प्रकार
एलोवेरा की 300 से ज्यादा किस्में हैं। इनमें से 284 में 0-15% औषधीय गुण हैं, 11 जहरीली हैं, और 5 खास किस्में हैं। एलो बारबाडेन्सिस मिलर सबसे बेस्ट है, जिसमें 100% औषधीय गुण हैं। एलो अर्बोरेसेंस जलन शांत करने में माहिर है, और एलो सैपोनारिया त्वचा की हर समस्या के लिए काम आता है। इसके रस की वजह से कॉस्मेटिक्स में ये टॉप पर है। भारत में IC111271, IC111269 और AL-1 हाइब्रिड किस्में हर इलाके में उगाई जा सकती हैं।
खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
एलोवेरा को गर्म और शुष्क मौसम पसंद है। कम बारिश और उष्ण जलवायु इसके लिए बेस्ट है, पर ठंड इसे बर्दाश्त नहीं होती। रेतीली मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी है, लेकिन दोमट या काली मिट्टी भी चलती है। खेत ऐसा चुनिए जहाँ पानी न रुके, थोड़ी ऊँचाई वाली जमीन हो और जल निकासी ठीक हो। मिट्टी का pH 8.5 के आसपास होना चाहिए। गर्मियों में इसकी खेती शुरू करने का सही मौका है।
बुवाई का सही समय और तरीका
एलोवेरा की बुवाई जुलाई-अगस्त में करिए, जब मौसम गर्म हो। सर्दियों को छोड़कर इसे साल भर उगा सकते हैं। खेत को जुताई कर तैयार करिए, आखिरी जुताई में 15-20 टन सड़ा गोबर डालिए। 3-4 महीने पुराने, 4-5 पत्तियों वाले कंद (सकर्स) यूज़ करिए। एक एकड़ के लिए 5000-10000 कंद चाहिए। खेत में 1 मीटर चौड़ी क्यारियाँ बनाइए, हर क्यारी में 40×45 सेंटीमीटर दूरी पर दो लाइनें लगाइए। कंद लगाने के बाद मिट्टी अच्छे से दबाइए।
बीज कहाँ से लें?
बेस्ट बीज के लिए नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज या सीमैप, लखनऊ से संपर्क करिए। सीमैप की AL-1 किस्म जेल और औषधि के लिए शानदार है। पुराने किसानों से भी अच्छे कंद ले सकते हैं।
सिंचाई और देखभाल
बुवाई के बाद एक बार पानी दीजिए। इसके बाद जरूरत पड़ने पर हल्की सिंचाई करिए—सप्ताह में एक बार काफी है। ज्यादा पानी मत दीजिए, वरना जड़ें सड़ जाएँगी। मिट्टी 2 इंच तक सूख जाए, तभी पानी डालिए। सर्दियों में और कम पानी चाहिए। खेत में खरपतवार साफ करते रहिए, ताकि पौधे अच्छे बढ़ें।
खेती का खर्चा
ICAR के मुताबिक, एक हेक्टेयर में शुरुआती खर्च 27,500 रुपये है। खाद, मजदूरी और खेत तैयार करने में 50,000 रुपये तक लग सकते हैं। दूसरे साल से खर्च कम हो जाता है, क्योंकि पौधे तैयार हो जाते हैं।
कमाई का हिसाब
एक हेक्टेयर से 40-45 टन पत्तियाँ मिलती हैं। मंडी में 15,000-25,000 रुपये प्रति टन भाव मिलता है, यानी 6-10 लाख रुपये की कमाई। दूसरे-तीसरे साल में 60 टन तक हो सकता है, फिर चौथे-पाँचवें साल में 20-25% कम हो जाता है। आयुर्वेदिक कंपनियाँ (डाबर, पतंजलि), कॉस्मेटिक फर्म्स और जेल बनाने वाले इसे खरीदते हैं। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से भी मुनाफा पक्का हो सकता है।
फायदे जो इसे खास बनाते हैं
- बंजर और सूखी जमीन पर भी उगता है।
- कम पानी, कम खाद, कम मेहनत चाहिए।
- जानवर नहीं खाते, रखवाली की जरूरत नहीं।
- जेल, पाउडर और एलुवा बनाकर एक्सपोर्ट करिए।
- हर साल मुनाफा देता है।
ट्रेनिंग कहाँ से लें?
एलोवेरा प्रोसेसिंग यूनिट लगाना चाहते हैं, तो सीमैप, लखनऊ से ट्रेनिंग लीजिए। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और फीस देकर कुछ महीनों की ट्रेनिंग मिलती है।
शुरू करिए मुनाफे का खेल
भाइयों, एलोवेरा की खेती गर्मियों में शुरू करने का सही मौका है। कम लागत, कम मेहनत और बड़ा मुनाफा ये धंधा आपकी जेब भरेगा। खेत तैयार करिए, कंद लगाइए और कमाई शुरू करिए।
ये भी पढ़ें- बंजर जमीन पर करें सहजन की खेती, एक एकड़ से होगी 6 लाख की कमाई