सर्दी का मौसम आते ही किसान भाई आलू की बुवाई में जुट जाते हैं, लेकिन अब एक नई तरकीब से कमाई दोगुनी हो सकती है। आलू के साथ मेथी की मिश्रित खेती अपनाएं यह न सिर्फ अतिरिक्त आय देगी, बल्कि मिट्टी को उपजाऊ बनाएगी और आलू की पैदावार 10-15% बढ़ाएगी। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मेथी लेग्यूम वर्ग की फसल है, जो मिट्टी में नाइट्रोजन फिक्स करती है। इससे आलू को प्राकृतिक खाद मिलती है, रासायनिक उर्वरकों की जरूरत कम होती है। हरी मेथी 25-30 दिन में बिकने लगती है, बीज 80-90 दिन में। एक खेत से दो फसलें डबल मुनाफा। यूपी, पंजाब, बिहार के किसान इसे अपना रहे हैं, और नतीजे कमाल के हैं।
पारंपरिक खेती में आलू के पौधे बढ़ने तक बीच की जगह खाली रहती है, लेकिन मेथी उस जगह को भर देती है। ग्रीन कवर से मिट्टी कटाव रुकता है, नमी बनी रहती है, आलू के कंद बड़े और चमकदार बनते हैं। लागत कम, मेहनत कम, बाजार में मेथी का भाव हमेशा ऊंचा। कृषि विभाग भी प्रोत्साहित कर रहा है सब्सिडी, ट्रेनिंग सब उपलब्ध। छोटे किसान भी 0.5 एकड़ से लाखों कमा सकते हैं।
मेथी की खासियतें जो आलू को बनाएंगी सुपर
मेथी मिट्टी की सेहत सुधारती है। इसकी जड़ों में राइजोबियम बैक्टीरिया नाइट्रोजन फिक्स करते हैं प्रति हेक्टेयर 40-50 किलो नाइट्रोजन प्राकृतिक रूप से। आलू को यह पोषण सीधे मिलता है, कंदों का आकार 20-25% बढ़ता है। पैदावार में 10-15% इजाफा। मेथी जल्दी तैयार हरी पत्ती 25-30 दिन, बीज 80-90 दिन। सर्दी में हरी मेथी 40-60 रुपये किलो, बीज 200-300 रुपये किलो। खेत का उपयोग 100% आलू के बीच खाली जगह में मेथी। मिट्टी नमी संरक्षित, कटाव रुका। कीट-बीमारी कम क्योंकि मेथी प्राकृतिक कीटनाशक का काम करती है।
किसानों का अनुभव बताता है कि मेथी से आलू की गुणवत्ता सुधरती है। कंद चमकदार, बाजार में 2-3 रुपये प्रति किलो अतिरिक्त। रासायनिक खाद 20-30% कम लगती है, लागत बचत। जैविक तरीके से उगाएं तो मेथी का भाव दोगुना।
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मिश्रित खेती का आसान तरीका, कोई झंझट नहीं
आलू की बुवाई अक्टूबर-नवंबर में करें, मेथी की बुवाई आलू के 10-15 दिन बाद। आलू की लाइन से लाइन दूरी 60 सेमी रखें, मेथी आलू की दो लाइनों के बीच बोएं दूरी 20-25 सेमी। मेथी बीज दर 10-12 किलो प्रति हेक्टेयर। आलू की उन्नत किस्में जैसे कुफरी बादशाह, चिप्सोना। मेथी की पूसा अर्ली बंचिंग या कसूरी।
खेत तैयारी: 2-3 जुताई, गोबर खाद 15-20 टन मिलाएं। NPK आलू के लिए नाइट्रोजन 120 किलो, फॉस्फोरस 80, पोटाश 100 प्रति हेक्टेयर। मेथी को अतिरिक्त नाइट्रोजन न दें। सिंचाई आलू के अनुसार हर 10-12 दिन। मेथी को हल्की नमी पसंद। निराई एक बार 20 दिन बाद। कीटों के लिए नीम तेल स्प्रे। हरी मेथी की कटाई 25-30 दिन में, 2-3 बार। आलू की खुदाई 90-100 दिन में।
मिश्रित खेती से डबल कमाई
यूपी के एक किसान ने बताया कि पहले सिर्फ आलू से 80-90 हजार बचते थे। अब मेथी से 1 लाख अतिरिक्त। आलू की पैदावार 100 से 120 क्विंटल हो गई। मिट्टी पहले थक चुकी थी, अब हरी-भरी। पंजाब के किसान मेथी बीज बेचकर 50 हजार अतिरिक्त कमाते हैं। बिहार में छोटे किसान 0.5 एकड़ से 80 हजार-1 लाख कमा रहे हैं।
मिट्टी की सेहत सुधारें
रासायनिक छोड़ें, प्राकृतिक अपनाएं। मेथी खुद नाइट्रोजन देती है, गोबर-वर्मी कंपोस्ट मिलाएं। नीम-गौमूत्र स्प्रे से कीट कंट्रोल। जैविक मेथी 60-80 रुपये किलो। मिट्टी सालों तक उपजाऊ रहेगी, फसल चक्र आसान।
मिश्रित खेती न सिर्फ जेब भरेगी, बल्कि जमीन को जवान रखेगी। किसान भाई, नवंबर चल रहा है आलू बोते समय मेथी प्लान करें। कृषि केंद्र से सलाह लें। यह तरीका छोटे-बड़े सभी के लिए डबल कमाई, सस्टेनेबल खेती। आज शुरू करें, कल खुशहाल हों!
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