धान में फिटकरी का उपयोग कब और कैसे करें? सही समय जानें और फायदा पाएं

धान की खेती भारतीय किसानों की रीढ़ है, और इसकी अच्छी पैदावार के लिए सही देखभाल और पोषक प्रबंधन जरूरी है। फिटकरी (Alum) का उपयोग धान की खेती में एक पुराना लेकिन बेहद प्रभावी देसी नुस्खा है। यह सस्ता, आसानी से उपलब्ध, और जैविक खेती के अनुकूल है। किसानों के अनुभव बताते हैं कि फिटकरी खेत के पानी को साफ रखती है, रोगों से बचाती है, और फसल की वृद्धि को बढ़ावा देती है। फिटकरी का सही उपयोग धान की पैदावार को 10-15% तक बढ़ा सकता है। आइए जानें कि धान की खेती में फिटकरी का उपयोग कब और कैसे करें।

फिटकरी क्या है और कैसे काम करती है

फिटकरी एक प्राकृतिक खनिज है, जिसमें एल्यूमिनियम सल्फेट होता है। यह पानी में घुलकर हानिकारक जीवाणुओं, शैवाल, और अशुद्धियों को नियंत्रित करती है। वैज्ञानिक जानकारी के अनुसार, फिटकरी पानी की अम्लता (pH) को संतुलित करती है और मिट्टी में मौजूद विषाक्त तत्वों को कम करती है। किसानों के अनुभव बताते हैं कि यह खेत में ठहरे हुए पानी की बदबू और काई को हटाने में कारगर है। यह पौधों की जड़ों को स्वस्थ रखता है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है।

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धान में फिटकरी के फायदे

फिटकरी का उपयोग धान की फसल को कई तरह से फायदा पहुँचाता है। यह खेत के पानी को साफ रखता है, जिससे जड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है। गंदे पानी से होने वाली जड़ सड़न और शीथ ब्लाइट जैसे फंगल रोगों का खतरा कम होता है। किसानों के अनुभव बताते हैं कि फिटकरी डालने से खेत में काई और खरपतवार का विकास धीमा हो जाता है, जिससे धान के पौधों को ज्यादा जगह और पोषण मिलता है। वैज्ञानिक जानकारी के अनुसार, फिटकरी मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने में मदद करती है, जिससे पौधे हरे-भरे और मजबूत रहते हैं।

फिटकरी का उपयोग करने का सही समय

धान की रोपाई के 10-15 दिन बाद फिटकरी का उपयोग करना सबसे अच्छा होता है। इस समय पौधे जड़ें फैलाने और बढ़ने के शुरुआती चरण में होते हैं। अगर खेत का पानी गंदा या बदबूदार हो, तो 15-20 दिन बाद दोबारा छिड़काव करें। किसानों के अनुभव बताते हैं कि मानसून के दौरान, जब पानी ज्यादा देर तक खेत में रुका रहता है, फिटकरी का उपयोग विशेष रूप से फायदेमंद है। वैज्ञानिक सलाह के अनुसार, फिटकरी का उपयोग फूल आने से पहले करना चाहिए, ताकि दाने अच्छे बनें।

फिटकरी का उपयोग कैसे करें

फिटकरी का उपयोग आसान है, लेकिन सही तरीके से करना जरूरी है। प्रति एकड़ खेत के लिए 2-3 किलो फिटकरी पर्याप्त है। इसे एक बाल्टी पानी में अच्छे से घोलें और फिर इस घोल को खेत के पानी में समान रूप से डालें। खेत में 2-3 इंच पानी होना चाहिए, ताकि फिटकरी पूरे क्षेत्र में फैल सके। किसानों के अनुभव बताते हैं कि सुबह या शाम को छिड़काव करना सबसे अच्छा है, क्योंकि तेज धूप में फिटकरी का प्रभाव कम हो सकता है। वैज्ञानिक जानकारी के अनुसार, फिटकरी को अच्छे से घोलना जरूरी है, ताकि यह खेत में एकसमान फैले।

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फिटकरी का ज्यादा उपयोग न करें, क्योंकि इससे मिट्टी का pH बहुत कम हो सकता है, जो पौधों के लिए हानिकारक है। प्रति एकड़ 3 किलो से ज्यादा फिटकरी न डालें। छिड़काव हमेशा सुबह या शाम को करें, ताकि धूप का असर कम हो। फिटकरी को पानी में पूरी तरह घोलें, वरना यह खेत में असमान रूप से फैलेगी। किसानों के अनुभव बताते हैं कि फिटकरी के साथ नीम की खली (200-300 ग्राम प्रति एकड़) डालने से फंगल रोगों का खतरा और कम होता है। वैज्ञानिक सलाह के अनुसार, खेत की मिट्टी की जाँच करवाएँ, ताकि pH का सही स्तर पता रहे।

फिटकरी से मुनाफा और पैदावार

फिटकरी का उपयोग धान की फसल को रोग-मुक्त और स्वस्थ रखता है, जिससे पैदावार में 10-15% की बढ़ोतरी हो सकती है। किसानों के अनुभव बताते हैं कि साफ पानी और स्वस्थ जड़ों की वजह से धान के दाने भरे हुए और चमकदार बनते हैं, जो बाज़ार में अच्छा दाम दिलाते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, फिटकरी से खेत की मिट्टी और पानी की गुणवत्ता सुधरती है, जिससे लंबे समय तक फसल की उत्पादकता बनी रहती है। यह सस्ता उपाय किसानों की लागत कम करता है और मुनाफा बढ़ाता है।

हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाली फिटकरी खरीदें। छोटे स्तर पर प्रयोग करके देखें और फिर पूरे खेत में उपयोग करें। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए फिटकरी के साथ नीम आधारित उत्पाद और जैव उर्वरक मिलाएँ। किसानों के अनुभव बताते हैं कि नियमित देखभाल और सही समय पर फिटकरी का उपयोग धान की फसल को हरा-भरा और मुनाफेदार बनाता है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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