Animal Prevention Tips: आजकल नासिक में जानवरों में कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बैल, गाय और कुत्तों में खासकर वेनेरल ग्लैमोरिया नाम का कैंसर देखा जा रहा है। पहले इंसानों में कैंसर की बात होती थी, लेकिन अब हमारे खेतों के साथी जानवर भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। पशु संवर्धन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि अगर समय पर जांच और इलाज हो तो इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए हमें अपने पशुओं की देखभाल में थोड़ी सावधानी बरतनी होगी। तो चलिए, जानते हैं कि इस कैंसर के लक्षण क्या हैं, ये कितने प्रकार का होता है, और इससे कैसे बचा जा सकता है।
नासिक के सहायक आयुक्त और पशु संवर्धन विभाग के अधिकारी डॉ. अनंत साखरे सलाह देते हैं कि जिनके पास बैल, गाय या कुत्ते हैं, उन्हें अपने पशुओं की नियमित जांच करानी चाहिए। साफ पानी और स्वस्थ आहार देना बहुत जरूरी है। साथ ही, प्रदूषण से बचाव भी बड़ा जरूरी है। आजकल हवा में मिलावट की वजह से जानवरों को सांस लेने में तकलीफ होती है, जिससे बीमारियां बढ़ रही हैं। अगर आप अपने पशुओं को इन चीजों से बचा लें तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा काफी कम हो सकता है।
जानवरों में कैंसर के लक्षण
अब बात करते हैं कि कैंसर के लक्षण क्या दिखते हैं। अगर आपके बैल, गाय या कुत्ते में गांठ या सूजन दिखे, वजन कम होने लगे, खाना-पीना कम हो जाए, या काम करने की ताकत घट जाए तो सावधान हो जाएं। थकान बढ़ना भी एक बड़ा संकेत है। खासकर बैलों में अगर सींग का आकार छोटा होने लगे या उसमें परेशानी दिखे तो ये कैंसर का लक्षण हो सकता है। ऐसे में देर न करें और तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें। ये लक्षण छोटे लग सकते हैं, लेकिन समय पर ध्यान न दिया तो बड़ी मुसीबत बन सकते हैं।
कैंसर के प्रकार और खतरे
जानवरों में कैंसर कई तरह का हो सकता है। बैल और गायों में सींग का कैंसर, त्वचा का कैंसर, गाय-भैंस और कुत्तों में स्तन ग्रंथि का कैंसर, हड्डी का कैंसर, पेट का कैंसर और गर्भाशय का कैंसर देखा जाता है। लेकिन मुख्य रूप से दो तरह के कैंसर होते हैं, जिनके बारे में आपको जानना चाहिए:
- बिनिग्न कैंसर: ये वो कैंसर है जो धीरे-धीरे बढ़ता है और शरीर के दूसरे हिस्सों में नहीं फैलता। इसे सर्जरी से निकाल सकते हैं और इसके बाद दोबारा होने की आशंका कम रहती है।
- मॅलिग्नंट कैंसर: ये तेजी से बढ़ने वाला कैंसर है, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल जाता है। इसका खतरा गंभीर होता है और इसके लिए कीमोथेरेपी या रेडिएशन जैसे बड़े इलाज चाहिए।
बचाव के तरीके
किसान भाइयों, अपने पशुओं को कैंसर से बचाने के लिए कुछ आसान उपाय कर सकते हैं। सबसे पहले बैलों के सींगों पर रंग या सजावट का सामान न लगाएं। कई बार ये रंग कैंसर का कारण बनते हैं। अगर आंखों के आसपास कैंसर हो तो शुरू में इलाज संभव है, लेकिन अंदर की कोशिकाएं खराब हों तो सर्जरी करनी पड़ती है। अपने जानवरों को साफ हवा में रखें, प्रदूषित जगहों से दूर रखें। रोजाना साफ पानी पिलाएं और हरा चारा दें। नियमित जांच के लिए पशु चिकित्सक को बुलाएं। ये छोटे कदम आपके पशुओं को स्वस्थ रखेंगे और खेती में आपकी मदद करते रहेंगे। तो अभी से सावधानी बरतें और अपने साथियों का ख्याल रखें!
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