700 लाख MT अनाज सुरक्षित! कैसे काम कर रही है भारत की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना

Ann Bhandaran Yojana: भारत में अनाज उत्पादन विश्व में सबसे ऊपर है, लेकिन भंडारण की कमी से किसानों को भारी नुकसान होता है। अनाज सड़ जाता है, परिवहन पर खर्च बढ़ता है और बाजार में सही दाम नहीं मिलते। इन्हीं समस्याओं का समाधान लेकर सहकारिता मंत्रालय ने “अन्न भंडारण योजना” शुरू की है। मंत्रालय के निदेशक श्री कपिल मीना ने हाल ही में इस योजना के उद्देश्यों और लाभों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये योजना किसानों के हित में संचालित है, जो नजदीकी क्षेत्रों में आधुनिक अनाज भंडारण सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। इससे परिवहन खर्च कम होगा, अनाज की गुणवत्ता और संरक्षण सुनिश्चित होगा।

योजना का उद्देश्य, विकेंद्रीकृत भंडारण से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित

श्री कपिल मीना ने बताया कि भारत के पास विश्व का 11% कृषि योग्य क्षेत्र (16 करोड़ हेक्टेयर) है, लेकिन 18% आबादी (140 करोड़) को खिलाना है। पारंपरिक भंडारण केंद्रीकृत था, जो दूरस्थ गोदामों पर निर्भर था। इससे अनाज खराब होता था और किसानों को नुकसान। अन्न भंडारण योजना का मुख्य उद्देश्य सहकारी समितियों, विशेषकर प्राथमिक कृषि साख सोसाइटियों (PACS) पर आधुनिक गोदाम बनाना है। योजना 2021 में शुरू हुई, जो 2025-26 तक चलेगी। लक्ष्य: 63,000 PACS पर कुल 700 लाख मीट्रिक टन (MT) भंडारण क्षमता।

पहले चरण में 350 PACS पर 200 लाख MT, दूसरे में 350 PACS पर 500 लाख MT। इससे अनाज का स्थानीय भंडारण होगा, जो FCI (फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) के बोझ को कम करेगा। मीना जी ने जोर दिया कि ये योजना आत्मनिर्भर भारत का हिस्सा है, जो किसानों को मंडी से जोड़े बिना ही बाजार पहुंच देगी।

ये भी पढ़ें – यूपी की 18.55 लाख महिलाएँ बनीं ‘लखपति दीदी’, स्टार्टअप से बदली किस्मत – जानें कैसे मिला मौका

प्रमुख लाभ, किसानों की जेब और अनाज दोनों बचेंगे

श्री मीना ने योजना के लाभों को गिनाते हुए कहा कि नजदीकी गोदामों से परिवहन खर्च 30-40% कम होगा। उदाहरण के लिए, एक किसान को अब 100 किमी दूर गोदाम ले जाने की बजाय 10 किमी में ही अनाज जमा कर सकेगा। इससे ईंधन, मजदूरी और समय की बचत। दूसरा बड़ा लाभ – अनाज की गुणवत्ता संरक्षण। आधुनिक गोदामों में वैज्ञानिक तरीके जैसे साइलो बैग, हीरिंग वेंटिलेशन और कीट नियंत्रण होंगे। इससे सड़न 5% से कम हो जाएगी। तीसरा, किसानों की आय में वृद्धि। MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर अनाज बेचने का विकल्प मिलेगा, बिना मध्यस्थों के। ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

योजना का कार्यान्वयन, PACS पर केंद्रित विकेंद्रीकरण

मीना जी ने स्पष्ट किया कि योजना सहकारी क्षेत्र पर फोकस्ड है। PACS स्तर पर गोदाम बनेंगे, जो गांव के करीब होंगे। पहले चरण में 2023-24 में 1000 PACS पर काम शुरू, अब 2025 में 63,000 का लक्ष्य। सहकारिता मंत्रालय NCDC (नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) के साथ मिलकर फंडिंग करेगा। गोदामों की क्षमता 100-500 MT तक। निर्माण में साइबर साइलो, मॉड्यूलर स्टोरेज जैसी तकनीकें इस्तेमाल होंगी। किसान अनाज जमा कर e-NAM से जुड़ सकेंगे। योजना FCI के साथ इंटीग्रेटेड है, जो अनाज खरीदेगी। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश जैसे अनाज उत्पादक राज्यों में प्राथमिकता।

ये भी पढ़ें – यूपी में तिलहन-दलहन के लिए फ्री मिनीकिट योजना, कैसे पाएं मटर-चना-सरसों के बीज

ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, आय वृद्धि और रोजगार सृजन

श्री कपिल मीना ने जोर दिया कि ये योजना ग्रामीण भारत को नई ताकत देगी। किसानों को अनाज बेचने का स्थानीय विकल्प मिलेगा, जिससे आय 20-30% बढ़ेगी। सहकारी समितियां मजबूत होंगी, जो 5 लाख नौकरियां पैदा करेंगी। महिलाओं के SHG को गोदाम प्रबंधन में शामिल किया जाएगा। 2025 में योजना से 10 करोड़ टन अनाज सुरक्षित होगा, जो खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। पर्यावरणीय लाभ – कम परिवहन से CO2 उत्सर्जन घटेगा।

मीना जी ने स्वीकार किया कि चुनौतियां हैं – भूमि अधिग्रहण, तकनीकी कमी। लेकिन डिजिटल मॉनिटरिंग और PPP मॉडल से हल हो रही हैं। किसान PACS से जुड़ें, आवेदन coop.gov.in पर।

अन्न भंडारण योजना से भारत का अनाज संरक्षण मजबूत होगा। श्री कपिल मीना की साझा की गई जानकारी से साफ है कि ये किसानों की आय दोगुनी करने वाली पहल है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई उड़ान मिलेगी। किसान भाइयों, स्थानीय PACS से जुड़ें और योजना का लाभ लें।

ये भी पढ़ें – PM Kisan 21 Installment इंतजार के बीच किसानों को मिलेगा बड़ा गिफ्ट, कृषि मंत्री ने किया ये बड़ा इशारा

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

    View all posts

Leave a Comment