किसानों के लिए खुशखबरी! अगले 4 साल तक MSP पर 100% दलहन खरीद का मौका, तुरंत यहाँ से कराएं रजिस्ट्रेशन

सरकार ने किसानों के लिए बड़ी राहत दी है। खरीफ सीजन 2024-25 के लिए तुअर (अरहर), उड़द और मसूर जैसी दालों की 100 फीसद खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर करने की मंजूरी दे दी गई है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को ये बात बताई। इतना ही नहीं, अगले चार साल यानी 2028-29 तक ये खरीद चलती रहेगी। मकसद साफ है किसानों को फायदा देना और दालों के आयात पर निर्भरता खत्म करना। इससे खेती का धंधा मजबूत होगा और जेब में पैसा आएगा। चलिए, पूरा प्लान समझते हैं।

कृषि मंत्री ने क्या कहा

शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के लिए किसान सबसे पहले हैं। उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में 13.22 लाख मीट्रिक टन तुअर की खरीद को हरी झंडी मिली है। अभी तक, 25 मार्च 2025 तक इनमें से 5 राज्यों आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में 2.46 लाख मीट्रिक टन तुअर खरीदा जा चुका है। इससे 1,71,569 किसानों की जेब में सीधा पैसा पहुँचा। कर्नाटक में तो खरीद की मियाद 90 दिन से बढ़ाकर 30 दिन और कर दी गई है, जो अब 1 मई 2025 तक चलेगी। चौहान बोले, “किसानों का हित हमारी जिम्मेदारी है।”

रजिस्ट्रेशन और खरीद का तरीका

चौहान ने बताया कि NAFED और NCCF जैसी एजेंसियाँ MSP पर खरीद कर रही हैं। उत्तर प्रदेश में तुअर का दाम अभी MSP से भी ऊपर चल रहा है। किसानों को फायदा लेने के लिए NAFED का ई-समृद्धि और NCCF का ई-संयुक्ति पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। मंत्री जी ने कहा, “भाइयों, रजिस्ट्रेशन करवा लो, फसल सही दाम पर बिकेगी।” साथ ही राज्य सरकारों से अपील की कि खरीद को पारदर्शी और तेज बनाएँ, ताकि किसानों को कोई दिक्कत न हो। ये पोर्टल रजिस्ट्रेशन को आसान बनाते हैं, बस थोड़ी मेहनत करनी है।

बजट में आत्मनिर्भरता का प्लान

कृषि मंत्री ने आगे कहा कि दालों में आत्मनिर्भरता सरकार का बड़ा लक्ष्य है। बजट 2025 में भी ऐलान हुआ था कि तुअर, उड़द और मसूर की पूरी पैदावार MSP पर खरीदी जाएगी। सिर्फ इतना ही नहीं, पीएम आशा योजना के तहत चना, सरसों और मसूर की खरीद भी होगी। राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात को सरसों की खरीद की मंजूरी मिली है। तमिलनाडु में खोपरे (कोपरा) की खरीद को भी हां बोल दी गई है। चौहान ने कहा, “हम चाहते हैं कि किसान ज्यादा पैदा करें, देश बाहर से दाल न मँगवाए।”

राज्य सरकारों से सहयोग की अपील

चौहान ने राज्य सरकारों से हाथ जोड़कर कहा, “MSP से नीचे फसल न बिके, ये हमारा वादा है। आप लोग खरीद में मदद करो।” NAFED और NCCF के पोर्टल से प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। उनका कहना है कि ये कदम किसानों की कमाई बढ़ाने और देश को दालों में आत्मनिर्भर बनाने का बड़ा रास्ता है। 2028-29 तक ये सिलसिला चलता रहेगा, ताकि किसानों को हर साल भरोसा मिले।

मुनाफे का हिसाब

मान लो, एक किसान 10 क्विंटल तुअर पैदा करता है। MSP अगर 6,500 रुपये प्रति क्विंटल है, तो उसे 65,000 रुपये मिलेंगे। बिना MSP के बाजार में शायद 5,000 रुपये प्रति क्विंटल मिलता, यानी 50,000 रुपये। अब 15,000 रुपये सीधा फायदा! 2.46 लाख टन की खरीद से लाखों किसानों की जेब भरी है। ये पैसा फिर से खेती में लगेगा, तो अगली फसल और बेहतर होगी।

खरीफ 2024-25 से लेकर 2028-29 तक सरकार का ये फैसला किसानों की बल्ले-बल्ले कर देगा। तुअर, उड़द, मसूर की 100% खरीद MSP पर होगी। रजिस्ट्रेशन करवाइए, NAFED-NCCF से जुड़िए, और फसल का सही दाम पाइए। चौहान का कहना है कि किसान मजबूत होगा, तो देश मजबूत होगा।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और मैंने संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं Krishitak.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। पिछले 3 वर्षों से मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाएं, और ग्रामीण भारत से जुड़े विषयों पर लेखन कर रहा हूं।

    Krishitak.com के माध्यम से मेरा उद्देश्य है कि देशभर के किसानों तक सटीक, व्यावहारिक और नई कृषि जानकारी आसान भाषा में पहुँचे। मेरी कोशिश रहती है कि हर लेख पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी साबित हो, जिससे वे खेती में आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें।

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