अप्रैल में धनिया की खेती आमतौर पर कम होती है, क्योंकि धनिया को ठंडा मौसम पसंद है। लेकिन सही किस्म और देखभाल से गर्मी की शुरुआत में भी इसे उगाया जा सकता है। अप्रैल में तापमान 25-35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, जो कुछ खास किस्मों के लिए मुफीद है। ये फसल 30-40 दिन में तैयार हो जाती है, और प्रति हेक्टेयर 10-15 टन तक हरी पत्तियाँ दे सकती है। अप्रैल में धनिया की खेती से छोटे किसानों को कम लागत में जल्दी मुनाफा मिलता है, और बाजार में इसकी माँग हमेशा बनी रहती है। आइए, इसे देसी अंदाज़ में समझें और सीखें कि कैसे अप्रैल में धनिया का खेत लहलहा सकता है।
अप्रैल में धनिया की खेती क्यों करें?
धनिया हर भारतीय रसोई की शान है, और गर्मी में इसकी कीमत 50-100 रुपये प्रति किलो तक पहुँच जाती है। अप्रैल में धनिया की खेती का बड़ा फायदा ये है कि कम समय में फसल तैयार होती है, और गर्मी में सब्जियों की कमी के बीच अच्छा दाम मिलता है। ये मिट्टी को भी ज्यादा नुकसान नहीं पहुँचाती, जिससे अगली फसल के लिए खेत तैयार रहता है। सही किस्म और प्रबंधन से गर्मी में भी हरी-भरी पत्तियाँ उगाई जा सकती हैं। ये छोटे खेतों और यहाँ तक कि घर के गमलों में भी उगाया जा सकता है।
खेत की तैयारी और मिट्टी
अप्रैल में धनिया की खेती के लिए खेत को अच्छे से तैयार करें। खेत को हल से 2-3 बार जोतकर मिट्टी को भुरभुरा बनाएँ। दोमट या बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी है, जिसमें पानी का निकास ठीक हो। मिट्टी का pH 6-7 होना चाहिए। प्रति हेक्टेयर 10-12 टन गोबर की सड़ी खाद डालें और अच्छे से मिलाएँ। खेत को समतल करके 20-30 सेमी चौड़ी क्यारियाँ बनाएँ। गर्मी में नमी बनाए रखने के लिए गन्ने की सूखी पत्तियों या घास से मल्चिंग करें। मिट्टी को हल्का नम रखने से धनिया की जड़ें मजबूत बनती हैं।
सही किस्मों का चुनाव
अप्रैल में धनिया की खेती के लिए गर्मी सहन करने वाली किस्में चुनें। कुछ बेहतरीन किस्में हैं:
- पंत हरितमा: गर्मी में तेज़ बढ़त, 35-40 दिन में तैयार, गहरी हरी पत्तियाँ।
- सिंधु: गर्मी और नमी में अच्छी पैदावार, 30-35 दिन में तैयार।
- RCr-41: छोटी पत्तियाँ, जल्दी तैयार (28-30 दिन), स्वाद में शानदार।
- काशी गंगा: गर्मी में मजबूत, 35 दिन में फसल।
इन किस्मों को अपने इलाके के तापमान और मिट्टी के हिसाब से चुनें। सही बीज से धनिया की पत्तियाँ हरी और सुगंधित रहती हैं।
बुवाई और दूरी
अप्रैल में बुवाई शुरू करने से पहले बीज को 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम या 10 ग्राम ट्राइकोडर्मा से उपचारित करें, ताकि फंगस से बचाव हो। बीज को 12 घंटे पानी में भिगोकर रखें, फिर छाया में सुखाएँ। क्यारियों में 20-25 सेमी की दूरी पर पंक्तियाँ बनाएँ और बीज को 1-2 सेमी गहराई पर बोएँ। पौधों के बीच 5-7 सेमी की दूरी रखें। प्रति हेक्टेयर 20-25 किलो बीज काफी है। बुवाई के बाद हल्की मिट्टी से ढककर पानी दें। अप्रैल में धनिया की खेती में सही दूरी से पौधे हरे-भरे रहते हैं।
पानी और खाद का प्रबंधन
गर्मी में पानी का खास ध्यान रखें। बुवाई के बाद तुरंत हल्की सिंचाई करें। पहले 10 दिन तक हर 2-3 दिन में पानी दें, ताकि अंकुरण अच्छा हो। इसके बाद 5-7 दिन में एक बार 2-3 सेमी पानी दें। ड्रिप सिस्टम से पानी की बचत होती है और पौधों को नमी मिलती रहती है। खाद के लिए 10 टन गोबर खाद के साथ 50 किलो नीम की खली प्रति हेक्टेयर डालें। बुवाई के 15 दिन बाद 25 किलो यूरिया छिड़कें। जैविक तरीके से गोमूत्र और गुड़ का घोल हर 10 दिन में डालें। सही पानी और खाद से धनिया की पत्तियाँ रसीली बनती हैं।
कीट और रोग नियंत्रण
अप्रैल में धनिया को एफिड्स (माहू) और पाउडरी मिल्ड्यू का खतरा रहता है। नीम का तेल (5 मिली प्रति लीटर) या गोमूत्र का छिड़काव करें। पाउडरी मिल्ड्यू (सफेद पाउडर जैसा फंगस) दिखे, तो 2 ग्राम मैन्कोजेब प्रति लीटर पानी में डालें। नींदा से बचने के लिए बुवाई के 10 दिन बाद हल्की गुड़ाई करें। प्राकृतिक उपायों से कीट और रोग काबू में रहते हैं, और धनिया की गुणवत्ता बनी रहती है।
फसल की देखभाल और कटाई
अप्रैल में धनिया की खेती में पौधों की बढ़त पर नज़र रखें। 15-20 दिन बाद हल्की गुड़ाई करें, ताकि नींदा हटे और मिट्टी ढीली रहे। धनिया की पत्तियाँ 15-20 सेमी लंबी हों और नरम रहें, तो कटाई शुरू करें। ये 30-40 दिन में तैयार हो जाता है। कटाई सुबह करें, ताकि पत्तियाँ ताज़ा रहें। जड़ सहित उखाड़ें या सिर्फ पत्तियाँ काटें, फिर बंडल बनाकर बाजार भेजें। सही समय पर कटाई से स्वाद और दाम दोनों अच्छे मिलते हैं।
पैदावार और मुनाफा
अप्रैल में धनिया की फसल से प्रति हेक्टेयर 10-15 टन हरी पत्तियाँ मिल सकती हैं। 1 एकड़ में 4-6 टन पैदावार होती है। गर्मी में बाजार में इसका भाव 50-100 रुपये प्रति किलो रहता है, यानी 2-5 लाख रुपये की कमाई। लागत 20-30 हज़ार रुपये आती है, तो 1.5-4 लाख मुनाफा बचता है। जल्दी तैयार होने से खेत दूसरी फसल के लिए खाली हो जाता है। मेहनत का फल जल्दी और अच्छा मिलता है।
फायदे और सावधानियाँ
अप्रैल में धनिया की खेती के कई फायदे हैं। ये कम समय लेता है, पानी की कम ज़रूरत होती है, और पत्तियों में विटामिन A, C और आयरन भरपूर होता है। मगर तापमान 35 डिग्री से ऊपर जाए, तो पौधे फूलने लगते हैं और पत्तियाँ छोटी रह जाती हैं। छाया या मल्चिंग से बचाव करें। पानी का जमाव न होने दें, वरना जड़ें सड़ सकती हैं। सही देखभाल से ये खेती मुनाफे का खज़ाना बनती है।
ये भी पढ़ें- आ गयी है गर्मी में उगने वाली धनिया, एक एकड़ में होगा 10 कुंतल उत्पादन