Arun Red Chaulai Seeds: अपने आँगन, छत या बालकनी में ही गमले में लाल-लाल, रसीली चौलाई उग जाए, हर हफ्ते तोड़-तोड़कर खाएं, और वो भी सिर्फ 25 रुपये की लागत में! जी हाँ, नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन (NSC) ने ‘अरुण रेड’ चौलाई का 25 ग्राम बीज पैकेट सिर्फ 25 रुपये में उपलब्ध कराया है। एक पैकेट से 10-15 गमले या 50-60 वर्ग फुट में इतनी चौलाई उग जाती है कि 4-5 सदस्यों का परिवार 3-4 महीने तक ताज़ा साग खा सकता है। ये चौलाई न सिर्फ देखने में सुंदर है, बल्कि स्वाद में मीठी और पोषण से भरपूर है – आयरन, कैल्शियम, विटामिन A और फाइबर की खान। बच्चे हो या बूढ़े, सबको पसंद आती है। आइए जानते हैं इसे उगाना कितना आसान है।
अरुण रेड चौलाई की खासियतें जो इसे बनाती हैं सबसे पसंदीदा
अरुण रेड चौलाई की पत्तियाँ गहरे लाल रंग की होती हैं, जो सलाद में भी खूबसूरत लगती हैं। ये किस्म ICAR-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित की गई है। पहली कटाई बोने के सिर्फ 25-30 दिन बाद शुरू हो जाती है, और एक बार बोने पर 4-5 महीने तक लगातार पत्तियाँ तोड़ सकते हैं। गर्मी, बरसात, हल्की सर्दी – हर मौसम में चलती है। एक पौधा 3-4 फुट तक ऊँचा हो जाता है और ढेर सारी पत्तियाँ देता है। बीमारी-कीट बहुत कम लगते हैं। एक ग्राम बीज में 1200-1500 दाने होते हैं, यानी 25 ग्राम से हजारों पौधे! ताज़ा साग के अलावा सूखाकर पाउडर भी बना सकते हैं।
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बोने का सबसे आसान तरीका – 15 मिनट का काम, महीनों का फायदा
मिट्टी तैयार करें – आधी बगीचे की मिट्टी, आधी सड़ी गोबर खाद या वर्मीकम्पोस्ट मिलाएँ। गमले में नीचे छेद जरूर हो। एक 12 इंच के गमले में 15-20 बीज बोएँ। बीज बहुत छोटे होते हैं, इसलिए ऊपर से हल्की मिट्टी या खाद छिड़क दें। बोने के बाद हल्का पानी दें। 5-7 दिन में अंकुर निकल आते हैं। जब पौधे 4-5 इंच के हो जाएँ तो पतला कर लें – 4-6 इंच की दूरी रखें। धूप में रखें, दिन में 4-5 घंटे सूरज जरूरी है। हर 15 दिन में गोबर खाद का घोल या वर्मीकम्पोस्ट की चाय डालें। पानी रोज हल्का दें, मिट्टी सूखने न पाए। कीट दिखें तो नीम तेल का घोल छिड़कें। बस इतना ही!
25-30 दिन बाद ऊपरी कोमल पत्तियाँ और डंठल तोड़ना शुरू करें। जितना तोड़ोगे, उतनी नई पत्तियाँ निकलेंगी। एक पौधा हफ्ते में 200-300 ग्राम साग दे देता है। साग बनाओ, पराठे में डालो, जूस बनाओ या सलाद में खाओ – हर तरह स्वादिष्ट। लाल रंग के कारण बच्चों को भी पसंद आती है। सूखाकर पाउडर बनाकर साल भर इस्तेमाल कर सकते हैं।
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25 रुपये में कितना फायदा?
25 ग्राम बीज = 25 रुपये 10-15 गमले या 50-60 वर्ग फुट में खेती 3-4 महीने तक हर हफ्ते 4-5 किलो ताज़ा साग बाजार भाव 40-60 रुपये किलो → कुल बचत 5000-8000 रुपये और सबसे बड़ी बात – बिना कीटनाशक, पूरी तरह जैविक!
नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन (NSC) भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन 1963 से काम कर रही सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी बीज कंपनी है। ये ICAR की वैरायटियों को किसानों और बागवानों तक पहुँचाती है। अरुण रेड चौलाई का बीज NSC के उच्च गुणवत्ता वाले पैकेट में आता है – साफ, उपचारित और अंकुरण दर 90% से ऊपर। हर पैकेट पर बोने का तरीका और QR कोड होता है।
NSC से ऑर्डर कैसे करें
ऑफिशियल लिंक: https://mystore.in/en/product/amaranthus-high-quality-seeds-arun-red-25-gm-pack कीमत: सिर्फ 25 रुपये (25 ग्राम पैकेट) पेमेंट ऑनलाइन या COD डिलीवरी: पूरे भारत में 5-7 दिन में MyStore.in NSC का आधिकारिक ऑनलाइन स्टोर है।
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