Backyard farming : किसान भाइयों, हमारे यहाँ घर के पीछे की खाली जगह यानी बैक यार्ड को सब्जियों से हरा-भरा कर सकते हैं। इससे ताज़ा सब्जियाँ मिलती हैं, खर्च बचता है और घर में खुशी बढ़ती है। मार्च का महीना चल रहा है, और अभी गर्मी की सब्जियाँ लगाने का सही वक्त है। बैक यार्ड में जगह कम हो या ज्यादा, कुछ आसान सब्जियाँ उगाकर मज़ा ले सकते हैं। आइए, अपनी सहज भाषा में समझें कि बैक यार्ड में कौन सी सब्जियाँ लगाएँ और कैसे शुरू करें।
बैक यार्ड के लिए सब्जियों की खासियत
बैक यार्ड में ऐसी सब्जियाँ चुनें, जो कम जगह में बढ़ें और जल्दी तैयार हों। अपने इलाके में भिंडी, टमाटर, मिर्ची, पालक और लौकी बढ़िया रहती हैं। भिंडी और मिर्ची 40-50 दिन में तैयार हो जाती हैं, टमाटर 60-70 दिन में लाल-लाल फल देता है। पालक तो 30-35 दिन में काटने लायक हो जाता है, और लौकी बेल वाली होने से दीवार पर चढ़कर जगह बचाती है। हमारे यहाँ ये सब्जियाँ गर्मी में लहलहाती हैं और घर के खाने को ताज़गी देती हैं। ये कम मेहनत में ढेर सारा फायदा देती हैं।
जगह तैयार करने का देसी जुगाड़
बैक यार्ड में 5×5 फीट की जगह या गमले यूज़ करें। अपने आसपास दोमट मिट्टी लें और उसमें 2-3 किलो गोबर की सड़ी खाद मिलाएँ। मार्च में मिट्टी को कुदाल से ढीला करें। छोटी क्यारियाँ बनाएँ हर क्यारी 2 फीट चौड़ी रखें। अगर गमले में उगा रहे हैं, तो 12-15 इंच गहरे गमले लें और नीचे छेद करें, ताकि पानी निकल सके। दीवार के पास बाँस का सहारा लगाएँ, ताकि लौकी जैसी बेल चढ़ सके। हमारे यहाँ ये तैयारी सस्ती पड़ती है और सब्जियों को मजबूत शुरुआत देती है। ये जुगाड़ छोटी जगह को हरा-भरा बनाता है।
बुआई और देखभाल का आसान तरीका
सब्जियों के बीज बाजार से लें भिंडी के लिए Pusa Sawani, टमाटर के लिए Arka Rakshak, मिर्ची के लिए Pusa Jwala बढ़िया हैं। पालक और लौकी के लोकल बीज भी चलते हैं। 10-20 रुपये के पैकेट से काम हो जाएगा। मार्च में भिंडी, मिर्ची और टमाटर को 20-30 सेमी की दूरी पर 2-3 सेमी गहरा बोएँ। पालक को बिखेर दें और लौकी को सहारे के पास लगाएँ। अपने इलाके में हर 2-3 दिन में हल्का पानी दें। नीम का पानी हफ्ते में एक बार छिड़कें, ये कीटों से बचाता है। गोबर का घोल (1 किलो 5 लीटर पानी में) 15 दिन बाद डालें। खरपतवार हाथ से हटाएँ। ये देखभाल आसान है और सब्जियाँ जल्दी बढ़ती हैं।
पैदावार और फायदे का सीधा हिसाब
5×5 फीट जगह से भिंडी 2-3 किलो, टमाटर 3-4 किलो, मिर्ची 1-2 किलो, पालक 2-3 किलो और लौकी 5-6 किलो दे सकती है। घर में यूज़ करें, तो बाजार से 500-700 रुपये बचते हैं। अपने आसपास बेचें, तो 20-30 रुपये किलो से 300-500 रुपये की कमाई होगी। बीज और खाद का खर्च 50-100 रुपये पड़ता है। मार्च में बोएँ, तो मई-जून में ताज़ा सब्जियाँ तैयार होंगी। हमारे यहाँ ये तरीका खाने को ताज़ा रखता है और जेब को राहत देता है। छोटी मेहनत में बड़ा मज़ा है।
बैक यार्ड से घर को हरा-भरा करें
अपने इलाके में बैक यार्ड की खेती इसलिए खास है, क्यूँकि ये कम जगह में ताज़गी लाती है। मार्च में शुरू करें, तो गर्मी में सब्जियों का मज़ा लें। घर में बहनें कहती हैं कि ताज़ा सब्जियों से खाना लाजवाब बनता है। तो भाइयों, बैक यार्ड में भिंडी, टमाटर, मिर्ची, पालक और लौकी लगाएँ, घर को हरा-भरा करें और मेहनत का फल ताज़ा-ताज़ा पाएँ। ये देसी ढंग आपकी थाली को चमकाएगा!
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