Bagwani Vikas Mission Yojana: हमारे किसान भाइयों के लिए अच्छी खबर है! अगर आप अपने खेतों से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो आंवला और नींबू की खेती आपके लिए सुनहरा मौका हो सकती है। सरकार की बागवानी विकास मिशन योजना के तहत इन फसलों की खेती के लिए 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तक की सब्सिडी दी जा रही है। यह योजना न सिर्फ आपकी जेब को मजबूत करेगी, बल्कि आपके खेतों को भी हरा-भरा रखेगी। आइए जानते हैं कि यह योजना कैसे काम करती है और आप इसका फायदा कैसे उठा सकते हैं।
सब्सिडी से आसान हुई खेती
बागवानी विकास मिशन योजना के तहत सरकार किसानों को आंवला और नींबू की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। मऊ के जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्ता बताते हैं कि इस योजना में शामिल होने के लिए किसानों को सबसे पहले अपने नजदीकी उद्यान विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद आपको पहले साल 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी मिलेगी। इतना ही नहीं, अगले दो साल तक फसल की देखभाल के लिए अतिरिक्त आर्थिक मदद भी दी जाएगी। इससे न सिर्फ खेती की शुरुआत आसान होगी, बल्कि आपकी फसल को पनपने में भी मदद मिलेगी।
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क्यों खास है आंवला और नींबू की खेती?
आंवला और नींबू ऐसी फसलें हैं, जिनकी माँग बाजार में सालभर रहती है। चाहे आयुर्वेदिक दवाइयाँ हों, जूस हो, या घरेलू उपयोग, इनका बाजार कभी कम नहीं होता। उत्तर प्रदेश के किसान राम अवतार यादव ने बताया कि उन्होंने अपने खेत के किनारे नींबू के पौधे लगाए और अब हर साल अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इन फसलों की सबसे बड़ी खासियत है कि इन्हें कम पानी और कम देखभाल की जरूरत होती है। अगर आपके पास छोटा खेत है, तो भी आप खेत के किनारों पर दो कतार नींबू या आंवला के पौधे लगाकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
सरकारी नर्सरी से सस्ते और अच्छे पौधे
पौधों की खरीदारी के लिए आपको ज्यादा जेब ढीली करने की जरूरत नहीं। उद्यान विभाग की सरकारी नर्सरी में 40 से 45 रुपये में एक नींबू या आंवला का पौधा मिल जाता है। ये पौधे गुणवत्ता में प्रमाणित होते हैं, जिससे आपकी फसल स्वस्थ और ज्यादा पैदावार देने वाली होती है। उद्यान अधिकारी संदीप कुमार का कहना है कि जून-जुलाई का समय पौधरोपण के लिए सबसे सही है। ऐसे में अभी से गड्ढों की खुदाई शुरू कर दें, ताकि मानसून शुरू होते ही आप पौधे लगा सकें।
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कैसे करें आवेदन?
इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको उद्यान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। अगर ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कत हो, तो अपने जिले के उद्यान विभाग कार्यालय में संपर्क करें। वहाँ सहायक निदेशक आपको पूरी जानकारी देंगे।
आंवला और नींबू की खेती न सिर्फ मुनाफा देती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। कम पानी और कम लागत में ये फसलें आपको लंबे समय तक आमदनी दे सकती हैं। तो देर न करें, अपने नजदीकी उद्यान विभाग से संपर्क करें और इस योजना का फायदा उठाएँ। अपने खेत को मुनाफे का खजाना बनाएँ और जैविक खेती की ओर एक कदम बढ़ाएँ।
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