किसान भाईयों, प्याज भारत की सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसलों में से एक है, जिसकी मांग रसोई से लेकर बाजार तक हमेशा बनी रहती है। बलविट विधि एक उन्नत नर्सरी-आधारित तकनीक है, जो प्याज की खेती में कम समय, कम लागत, और अधिक उत्पादन सुनिश्चित करती है। ICAR के अनुसार, प्याज की खेती भारत में 12 लाख हेक्टेयर में होती है, जो वैश्विक उत्पादन का 20% हिस्सा देता है। बलविट विधि से प्याज की फसल 70-80 दिनों में तैयार हो सकती है, और एक एकड़ से 100-150 क्विंटल उपज मिल सकती है। यह लेख बलविट विधि, प्याज की खेती की प्रक्रिया, देखभाल, लागत, और मुनाफे की पूरी जानकारी देगा, ताकि किसान बम्पर मुनाफा कमा सकें।
बलविट विधि क्या है
बलविट विधि एक वैज्ञानिक नर्सरी-आधारित तकनीक है, जिसमें प्याज के बीजों को पहले ऊंची क्यारियों में उगाया जाता है, फिर पौधों को मुख्य खेत में रोपा जाता है। यह विधि मिट्टी की गुणवत्ता, पानी के उपयोग, और बीज की बचत को बेहतर बनाती है। पारंपरिक विधि की तुलना में बलविट विधि से 20-30% अधिक उपज मिलती है, और फसल 40-50 दिन पहले तैयार हो जाती है। यह रबी सीजन (अक्टूबर-नवंबर) के लिए आदर्श है, जब प्याज की कीमतें 50-100 रुपये/किलो तक पहुंचती हैं। इस प्याज को जुलाई में रोपा जाता है और नवम्बर दिसम्बर में कुदाई कर लि जाती है।
इस समय प्याज की कीमत बहुत अधिक रहती है और किसानो को बहुत फायदा होता है, नर्सरी में प्याज के बिज को वहीं तैयार करके छोड़ देते हैं और जब छोटी छोटी गांठे तैयार हो जायं तो इन्हें गर्मियों में उखाड़कर रख लिया जाता है, फिर जुलाई में रोपा जाता है, यही है बल्वित विधि से प्याज की खेती।
मिट्टी और बीज का चयन
प्याज की खेती के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त है, जिसमें जल निकासी अच्छी हो। मिट्टी का pH 6-7 होना चाहिए। KVK सलाह देता है कि मिट्टी में 5-10 टन गोबर खाद या वर्मीकम्पोस्ट प्रति एकड़ मिलाएं। बलविट विधि के लिए नासिक रेड, अग्रि फाउंड लाइट रेड, या पुसा रेड जैसी उन्नत किस्में चुनें, जो 100-150 क्विंटल/एकड़ उपज देती हैं। बीज की मात्रा 3-4 किलो/एकड़ पर्याप्त है। बीज को बुवाई से पहले बाविस्टिन (2 ग्राम/किलो बीज) से उपचारित करें, ताकि फफूंद रोग न लगें। बीज की लागत 1000-1500 रुपये/किलो है।
नर्सरी तैयार करें
बलविट विधि में नर्सरी तैयार करना पहला कदम है। 1 मीटर चौड़ी और 15 सेमी ऊंची क्यारियां बनाएं। प्रत्येक क्यारी में 15 ग्राम बीज बोएं, जो 1 एकड़ के लिए 3 किलो बीज की जरूरत को पूरा करता है। मिट्टी को भुरभुरा करने के लिए 2-3 बार जुताई करें और 1 टन गोबर खाद मिलाएं। बीज को 5-7.5 सेमी दूरी और 1 सेमी गहराई पर कतारों में बोएं। बुवाई के बाद हल्का पानी डालें और 20-25 दिन तक नमी बनाए रखें। जब पौधे 10-12 सेमी लंबे हो जाएं, तो रोपाई के लिए तैयार हैं। नर्सरी की लागत 2000-3000 रुपये/एकड़ है।
रोपाई और खेत की तैयारी
खेत को 3-4 बार जुताई करके भुरभुरा करें। 5 टन गोबर खाद और 50 किलो NPK (10:26:26) प्रति एकड़ डालें। बलविट विधि में समतल या ऊंची क्यारियां बनाएं, जिनमें पौधों की दूरी 20-25 सेमी और कतारों की दूरी 30-35 सेमी रखें। नर्सरी से पौधों को सावधानी से उखाड़ें और मॉनसून के बाद (अक्टूबर-नवंबर) रोपाई करें। रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें। यह विधि पौधों को मजबूत बनाती है और कंद विकास को बढ़ावा देती है। खेत तैयार करने की लागत 5000-7000 रुपये/एकड़ है।
पानी और सिंचाई
प्याज को नियमित लेकिन संतुलित सिंचाई चाहिए। बलविट विधि में ड्रिप सिंचाई उपयोगी है, जो पानी की बचत करती है। रोपाई के बाद पहली सिंचाई तुरंत करें। गर्मियों में हर 7-10 दिन और सर्दियों में 10-15 दिन में 10-15 लीटर/पौधा पानी डालें। मिट्टी नम रहे, लेकिन पानी जमा न हो। ICAR सलाह देता है कि फूल आने और कंद बनने के समय (40-60 दिन) पर्याप्त पानी दें। ड्रिप सिस्टम की लागत 10000-15000 रुपये/एकड़ है, लेकिन यह लंबे समय तक चलता है।
खाद और पोषण
पौधों को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित पोषण जरूरी है। रोपाई के 15-20 दिन बाद 20 किलो यूरिया और 10 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश/एकड़ डालें। वर्मीकम्पोस्ट (2 टन/एकड़) या नीम खली (200 किलो/एकड़) जैविक खेती के लिए उपयुक्त हैं। फूल आने से पहले (30-40 दिन) लिक्विड बायोफर्टिलाइज़र (10 मिली/लीटर) का छिड़काव करें। अधिक रासायनिक खाद से कंद का स्वाद प्रभावित हो सकता है। खाद की लागत 3000-5000 रुपये/एकड़ है।
कीट और रोग नियंत्रण
प्याज में थ्रिप्स, पर्पल ब्लॉच, और फफूंद रोग लग सकते हैं। नीम तेल (5 मिली/लीटर) का छिड़काव हर 15 दिन में करें। फफूंद के लिए ट्राइकोडर्मा (10 ग्राम/किलो मिट्टी) मिट्टी में मिलाएं। थ्रिप्स के लिए इमिडाक्लोप्रिड (2 मिली/लीटर) का छिड़काव करें। जैविक खेती में रासायनिक कीटनाशकों से बचें। नियमित जांच और खेत की सफाई से रोग कम होते हैं। कीट नियंत्रण की लागत 1000-2000 रुपये/एकड़ है।
कटाई और भंडारण
बलविट विधि से प्याज 70-80 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाता है। जब पत्तियां पीली पड़कर सूखने लगें और कंद का रंग चमकदार हो, तो कटाई करें। कंदों को 7-10 दिन छांव में सुखाएं। रबी प्याज स्टोर करने योग्य है, जिसे 4-6 महीने तक गोदाम में रख सकते हैं। भंडारण के लिए जालीदार बोरे या लकड़ी के रैक उपयोगी हैं। कटाई और भंडारण की लागत 2000-3000 रुपये/एq1कड़ है।
लागत और मुनाफा
बलविट विधि से प्याज की खेती की कुल लागत 25000-35000 रुपये/एकड़ है, जिसमें बीज (4000 रुपये), नर्सरी (3000 रुपये), खेत तैयार (7000 रुपये), खाद (5000 रुपये), सिंचाई (10000 रुपये), और कीट नियंत्रण (2000 रुपये) शामिल हैं। एक एकड़ से 100-150 क्विंटल प्याज मिलता है। बाजार में 30-50 रुपये/किलो की दर से 300000-750000 रुपये की आय होती है। शुद्ध मुनाफा 275000-715000 रुपये/एकड़ है। जैविक प्याज की कीमत 50-100 रुपये/किलो तक हो सकती है।
बलविट विधि से प्याज की खेती कम लागत, कम समय, और अधिक उत्पादन का रास्ता है। यह विधि नर्सरी और रोपाई को वैज्ञानिक बनाकर 100-150 क्विंटल/एकड़ उपज देती है। सही मिट्टी, बीज, और देखभाल से आप 2-7 लाख रुपये/एकड़ मुनाफा कमा सकते हैं। KVK से प्रशिक्षण और सब्सिडी लें, और बलविट विधि अपनाकर प्याज की खेती को लाभकारी बनाएं। यह आपके खेत और समृद्धि का आधार बनेगी।
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