ये रोग आपके केले की फसल को कर देगा बर्बाद, जानें इससे बचने के 8 अचूक उपाय

Banana Farming Tips: किसानों ने मेहनत से केले की फसल को लहलहाया है, लेकिन अब तना छेदक कीट उनकी मेहनत पर साया बनकर मंडरा रहा है। ये खतरनाक कीट तने में छेद करके पौधे को अंदर से खोखला कर देता है, जिससे पैदावार में भारी नुकसान हो सकता है। चिंता देखते हुए कृषि विभाग की सलाह आई है कि सही समय पर कदम उठाएँ, तो फसल को बचाया जा सकता है। तना छेदक कीट और बची टॉप डिजीज से निपटने के लिए सतर्कता जरूरी है। यहाँ 8 आसान और कारगर बचाव के उपाय दे रहे हैं, जो आपके खेत को संकट से निकालेंगे।

1. मिट्टी का उपचार

तना छेदक कीट से बचने का पहला कदम है खेत को तैयार करना। कृषि विभाग की सलाह है कि रोपाई से पहले मिट्टी को 0.05% क्लोरपाइरीफास से उपचार करें। ये दवा जड़ों में छेद करने वाले कीटों को मार देती है। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि ये कीट तने को खोखला करके पौधे को कमजोर करता है। मिट्टी का सही उपचार शुरू से ही केले की फसल को ताकत देगा। गाँव में लोग कहते हैं, “नींव मजबूत हो, तो घर सालों टिका रहता है।” ये बचाव का उपाय आपकी फसल की नींव मजबूत करेगा।

2. सूखी पत्तियों को हटाएँ

केले की फसल में प्रभावित और सूखी पत्तियाँ कीटों का घर बन जाती हैं। इन्हें तुरंत काटकर खेत से बाहर निकालें और जला दें। इससे तना छेदक कीट का प्रसार रुकेगा। विशेषज्ञों की सलाह है कि खेत को साफ-सुथरा रखने से कीटों को छिपने की जगह नहीं मिलती। ये आसान बचाव का उपाय फसल को सुरक्षित रखने में बड़ा काम करता है। गाँव में लोग कहते हैं, “गंदगी हटाओ, मुसीबत भगाओ।”

3. खेत को साफ रखें

खेत में खरपतवार तना छेदक कीट को बुलावा देते हैं। खेती करने वाले भाइयों को खेत को खरपतवार से मुक्त रखना जरूरी है। खरपतवार हटाने से कीटों का ठिकाना खत्म होता है, और फसल को नुकसान कम होता है। ये बचाव का उपाय सस्ता और आसान है। नियमित निराई-गुड़ाई करें, ताकि केले की फसल लहलहाती रहे। साफ खेत में कीटों की हिम्मत नहीं पड़ती।

4. कीटों को फँसाएँ

कृषि विभाग की सलाह है कि प्रति एकड़ 6-8 प्रकाश प्रपंच या फेरोमोन ट्रैप लगाएँ। ये ट्रैप तना छेदक कीट को आकर्षित करके फँसा लेते हैं, जिससे फसल पर हमला कम होता है। ये देसी तरीका गाँव में भी आजमाया जा रहा है। रात में प्रकाश ट्रैप कीटों को खींचता है, और सुबह तक काम तमाम। ये बचाव का उपाय आपके खेत को कीटों से मुक्त रखेगा। गाँव में लोग कहते हैं, “दुश्मन को जाल में फँसाओ, फसल को बचाओ।”

5. कीटों पर वार

तना छेदक कीट से निपटने के लिए बिफेंथ्रिन 10% ईसी (200 एमएल/एकड़) का छिड़काव करें। ये दवा कीटों को मारकर फसल को राहत देती है। केले की फसल में कीटों का प्रकोप कम करने के लिए ये कारगर है। छिड़काव सुबह या शाम करें, ताकि पौधों पर असर बरकरार रहे। ये बचाव का उपाय आपके खेत को कीटों से बचाने में मददगार है। सही समय पर दवा डालें, तो नुकसान की चिंता खत्म।

6. क्लोरेंट्रानिलिप्रोल की ताकत

अटैक क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% एससी (60 एमएल/एकड़) भी तना छेदक कीट पर नियंत्रण पाने का शानदार तरीका है। ये दवा कीटों को खत्म करती है और पौधों को ताकत देती है। किसानों के लिए ये आसान और प्रभावी बचाव का उपाय है। इसे पानी में मिलाकर छिड़कें, और देखें कैसे कीट भागते हैं। गाँव में लोग कहते हैं, “सही दवा सही वक्त पर, फसल रहेगी हरदम।”

7. प्रोफेनोफोस और साइपरमेथ्रिन का जोरदार हमला

अगर तना छेदक कीट का प्रकोप बढ़ जाए, तो कैटरकिल प्रोफेनोफोस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% ईसी (400-600 एमएल/एकड़) का इस्तेमाल करें। ये दवा कीटों को जड़ से खत्म करती है। केले की फसल को बचाने के लिए ये ताकतवर हथियार है। छिड़काव के बाद कीटों का असर कम हो जाता है। ये बचाव का उपाय भारी नुकसान से रोकता है। सही मात्रा में दवा डालें, और फसल को चमकाएँ।

8. थियामेथोक्सम और लैम्ब्डा का कमाल

अधिक प्रकोप में थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC (80 एमएल/एकड़) का छिड़काव करें। ये दवा तना छेदक कीट को खत्म करके केले की फसल को नई जिंदगी देती है। कृषि विभाग की सलाह है कि इसे सही समय पर इस्तेमाल करें। ये बचाव का उपाय कीटों पर काबू पाने में माहिर है।

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  • Shashikant

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